ओलंपिक और मौजूदा विश्व कप चैंपियन बेल्जियम, अपने जीवटता के लिए विख्यात दुनिया की चौथे नंबर की टीम 2002 व 2006 की चैंपियन जर्मनी के खिलाफ भुवनेयवर में रविवार को 15वें एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में अपना खिताब बरकरार रखने के मकसद से उतरेगा. फाइनल में मुकाबला जर्मनी के जीवटता और बेल्जियम के अनुभव के बीच होगा. बेल्जियम ने यहीं, इसी मैदान पर नीदरलैंड को पिछले विश्व कप के फाइनल में हराया था. उसके बाद टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर चैंपियन बना था.
बेल्जियम ने दोनों फाइनल जीतकर बताया कि वह बड़े मंच और अपने खेल का स्तर ऊंचा कर जीतना जानता है. बेल्जियम ने इस बार नीदरलैंड की चुनौती सेमीफाइनल में निर्धारित समय में 2-2 की बरबारी के बाद उसे शूटआउट में 3-2 से हराकर ही तोड़ दी. बेल्जियम के पास विंसेंट वनाश के रूप में इस दुनिया के सबसे मुस्तैद गोलरक्षक के साथ ही फुलबैक ऑर्थर वॉन डोरेन के रूप रक्षापंक्ति की एक मजबूत दीवार है. ऐसे में फाइनल में जर्मनी के स्ट्राइकर निकल्स वेलन और मैट ग्रैमबुश जैसे स्ट्राइकरों के लिए गोल करना कतई आसान नहीं होगा.
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मौजूदा विश्व कप में हैट-ट्रिक सहित सबसे ज्यादा गोल दागने में दूसरे नंबर पर रहे ऑलराउंडर टॉम बून (7), स्ट्राइकर कप्तान सेबेस्तियन डॉकियर, दुनिया के बेहतर फुलबैक ऑर्थर वॉन डॉरेन और गोलरक्षक विंसेंट वनाश जैसे सदाबहार खिलाडियों से सज्जित बेल्जियम के अनुभव और आखिरी क्षण तक लड़ने के लिए विख्यात जर्मनी के बीच बेहद रोमांचक फाइनल की आस है. इन दोनों टीमों ने पूल बी में अपना मैच दो-दो गोल से ड्रॉ खेला था लेकिन तीन-तीन मैचों से समान रूप से सात-सात अंकों के बाद बेल्जियम गोल अंतर में जर्मनी को पीछे छोड़ शीर्ष पर रहा था.
जर्मनी और बेल्जियम के बीच अब तक खेले गये 35 में से 15 मैच बेल्जियम ने और 13 जर्मनी ने जीते हैं, जबकि सात ड्रॉ रहे हैं. हार को जीत में बदलने का हुनर जानने वाली जर्मनी कुल पांचवीं बार फाइनल में खेलेगी. जर्मनी अंतिम बाद नयी दिल्ली में फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब ऑस्ट्रेलिया से हार कर उसे दूसरी बार उपविजेता बन कर संतोष करना पड़ा था. बेल्जियम और जर्मनी पूल बी मैच में आपस में खेल एक दूसरे की ताकत की थाह ले चुके हैं.
बेल्जियम की तारीफ करनी होगी कि उसने अपने दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रैग फ्लिकर अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स के पहले मैच में खेलने और चोट के चलते बाहर हो जाने के बावजूद गजब का धैर्य रखा और टॉम बून, सेड्रिक चार्लियर, सेबेस्तियन जेवियर और फ्लोरेंट वाल अबूल और डॉकियर जैसे खिलाडियों के बूते जीत दर्ज कर फाईनल में जगह बनायी. बेल्जियम ने जर्मनी से पूल मैच ड्रॉ खेलने और सेमीफाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ निर्धारित समय में दो-दो गोल पर ड्रॉ और शूटआउट में जीत को छोड़ बाकी मैच धैर्य से खेल सधे अंदाज में जीत दर्ज की है.
जर्मनी की ताकत उसके स्ट्राइकर व स्कीमर क्रिस्टोफर रुइर (एक गोल), निकल्स वेलन (6 गोल) और ग्रैमबुश बंधु- मैट (4) और टॉम (2) के साथ अर्जेंटीना को छोड़ जर्मनी में जा बसे ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पिलात (5) हैं. बेशक रुइर ने खुद एक गोल किया लेकिन जर्मनी के ज्यादातर गोल के अभियानों के सूत्रधार रुइर और मैट ग्रैमबुश रहे हैं. बेशक जर्मनी ने पिछडऩे के बाद निर्धारित समय में दो-दो की बराबरी के बाद क्वार्टरफाइनल में शूटआउट में इंग्लैंड को और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया, लेकिन फाइनल का दबाव अलग ही होता है.
सेमीफाइनल में हारने वाली ऑस्ट्रेलिया की कोशिश इस बार नीदरलैंड को हराकर अपना कांसा बरकरार रखने की होगी. रविवार को फाइनल कलिंगा स्टेडियम, भुवनेश्वर में बेल्जियम और जर्मनी के बीच शाम सात बजे खेजा जायेगा. जबकि तीसरे और स्थान के लिए ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड का मुकाबला शाम साढ़े चार बजे से शुरू होगा.
जर्मनी के कोच आंद्रे हेनिंग ने कहा कि हम पूरी शिद्दत के साथ बेल्जियम के विजयरथ को रोकने की कोशिश करेंगे. फिर भी मैं यही कहूंगा कि हम ऐसा नहीं सोचते कि बेल्जियम की कोई कमजोरी है. मैं बेल्जियम को कमजोर नहीं मानता. न ही मैं यह मानता हूं कि बेल्जियम किसी तरह नुकसान की स्थिति में है. मेरा मानना है कि बेल्जियम ने वाकई ही नीदरलैंड के खिलाफ बहुत दमदार खेल दिखाया. हमारी कोशिश रहेगी कि बेल्जियम के टॉम बून (2) को गोल करने से रोकें और ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर न दें.