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शिलान्यास के आठ साल बाद भी नहीं बन सका अस्पताल, झारखंड विधानसभा की आश्वासन एवं आवास समिति ने जतायी नाराजगी

सरायकेला (शाचिन्द्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां जिले के आमदा में शिलान्यास के आठ साल बाद भी अस्पताल नहीं बन सका है. झारखंड विधानसभा की आश्वासन एवं आवास समिति ने इस पर नाराजगी जतायी और कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में दिया जायेगा. उनकी कोशिश होगी कि सचिव स्तर के पदाधिकारी से स्थल का निरीक्षण भी कराया जाए. लापरवाही के लिए दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखा जायेगा.

सरायकेला (शाचिन्द्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां जिले के आमदा में शिलान्यास के आठ साल बाद भी अस्पताल नहीं बन सका है. झारखंड विधानसभा की आश्वासन एवं आवास समिति ने इस पर नाराजगी जतायी और कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में दिया जायेगा. उनकी कोशिश होगी कि सचिव स्तर के पदाधिकारी से स्थल का निरीक्षण भी कराया जाए. लापरवाही के लिए दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखा जायेगा.

झारखंड विधानसभा की आश्वासन एवं आवास समिति ने सरायकेला-खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड के अस्पताल का निरीक्षण किया. समिति के सभापति निरल पूर्ति, सदस्य दशरथ गागराई व समीर कुमार महंती ने अस्पताल निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी जतायी. शिलान्यास के आठ साल बाद भी अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है. विधानसभा में सवाल पूछने पर विभाग की ओर से हर बार नयी तिथि दी जाती है, लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो रहा है.

पिछले वर्ष ही इसके लिए 146 करोड़ रुपये आवंटित किया जा चुका है. राशि की निकासी के बावजूद कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं है. निरीक्षण के दौरान विभागीय अभियंता भी समिति के अध्यक्ष के सवाल का सही जबाव नहीं दे सके. इस पर समिति के अध्यक्ष निरल पूर्ति ने कहा कि समिति सरकार के पास इस 500 बेड अस्पताल के भवन निर्माण कार्य की जांच सचिव स्तर के अधिकारी से कराने के लिये सरकार को लिखेगी. इसके साथ ही सचिव द्वारा स्थल निरीक्षण कर लंबित कार्यों में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी-पदाधिकारीयों पर कार्रवाई को लेकर लिखा जायेगा.

अस्पताल के जल्द बनने से लोगों को लाभ पंहुचेगा. इस दौरान कई लोगों ने समिति के समक्ष अस्पताल निर्माण के दौरान निर्माण स्थल से मिट्टी को नदी व खेतों में फेंक देने का भी आरोप लगाया. इस दौरान जिले के भी कई पदाधिकारी मौजूद थे. सिविल सर्जन सरायकेला डॉ हिमांशु भूषण बरवार, डॉ जुझार मांझी, भवन निर्माण एवं भवन निगम के संबंधित पदाधिकारी, बीडीओ मुकेश मछुआ उपस्थित रहे.

विधानसभा की आश्वासन एवं आवास समिति के सभापति निरल पूर्ति ने कहा कि अस्पताल का निर्माण पिछले कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन अफसोस है कि अब तक यह पूरा नहीं हो सका है. अस्पताल का भवन एक तरफ से बन रहा है, तो दूसरी तरफ जर्जर अवस्था में है. यह राज्यस्तरीय मामला है. इसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में दिया जायेगा. सचिव से स्थल निरीक्षण कराने का प्रयास होगा.

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स्थानीय विधायक सह समिति के सदस्य दशरथ गागराई ने कहा कि अस्पताल का निर्माण कार्य 2012 में शुरु किया गया, परंतु आठ साल बाद भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. यह क्षेत्र के लिए काफी महत्वाकांक्षी योजना है. कई बार विधानसभा में मामला उठाया गया. विधानसभा में जबाव मिलता है कि दिसंबर तक इसे पूरा कर लिया जायेगा, परंतु अभी भी यह अधूरा है. स्वास्थ्य विभाग व भवन निर्माण विभाग के सचिव स्तर के अधिकारियों से इस भवन की जांच कराने के लिए लिखा जायेगा. पूर्व की सरकार में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. प्रयास होगा कि वर्तमान सरकार भवन को पूर्ण कर अस्पताल जनता को समर्पित करे और इसका लाभ क्षेत्र की जनता को मिले.

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समिति के सदस्य समीर मोहंती ने कहा कि कोल्हान क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा शुरु करान के लिए 2012 में इस योजना को शुरु किया गया था, परंतु अब तक यह पूरा नहीं हो सका. देखने से लग ही नहीं रहा है कि यह अस्पताल कभी बनेगा. पूर्व की सरकार इस मामले में संवेदनशील नहीं थी. वर्तमान सरकार संवेदनशील है. इस मामले को सीएम के संज्ञान में दे कर सचिव स्तर से जांच करायेंगे. अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण कर इसे चालू कराने का प्रयास किया जायेगा.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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