नई दिल्ली : भारत में होने वाले सड़क हादसों के पीछे हाईवे और शहर की छोटी सड़कों पर आपाधापी में गाड़ी चलाना अहम माना जाता है. गाहे-ब-गाहे यातायात पुलिस और सरकार द्वारा रोड सेफ्टी अभियान चलाकर वाहन चालकों को शहर की छोटी-बड़ी सड़कों से लेकर हाईवे और एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाने के नियमों की जानकारी भी दी जाती है. लेकिन, जागरूकता अभियान समाप्त होने के बाद वाहन चालक सभी सड़कों पर अपनी सहूलियत के हिसाब से गाड़ी चलाना शुरू कर देते हैं. दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि पूरी दुनिया में भारत विभिन्न संस्कृतियों का एक ऐसा देश है, जहां पर हर प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन अक्सरहां सड़कों के किनारे या फिर सड़कों को घेर किया जाता है. ऐसे में, वाहन चालकों की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि वे ऐसे आयोजनों वाली जगहों पर गाड़ी संभलकर और कायदे से चलाएं. आइए, हम जानते हैं कि अगर हम शहर की छोटी-बड़ी सड़कों या फिर हाईवे और एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चला रहे हैं, तो हमें किस लेन में चलना चाहिए और गाड़ी चलाते समय किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए.
फोर लेन हाईवे पर कैसे चलाएं गाड़ी
अगर आप फोर लेन के हाईवे पर गाड़ी चला रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी लेन में गाड़ी चलाने की कोशिश करनी चाहिए. फोर लेन वाली सड़कों में सबसे बाईं ओर छोटी गाड़ियों (बाइक्स, साइकिल) की लेन होती है. इसके बाद इस लेन की दाईं तरफ कारों और मध्यम आकार वाली गाड़ियों की लेन होती है. तीसरी लेन बस-ट्रक और बड़ी गाड़ियों के लिए होती है. सबसे बाईं ओर एक सर्विस लेन भी बनाई जाती है, जो इमरजेंसी के लिए होती है.
कैसे करें ओवरटेक
यातायात नियमों के अनुसार, अब अगर आप फोर लेन वाली सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं और अपने आगे जा रही गाड़ी को ओवरटेक करना चाहते हैं, आपको अपनी दाईं तरफ वाली लेन का इस्तेमाल करना चाहिए. जैसे ही कोई गाड़ी बाईं से दाहिनी लेन पर जाती है, गाड़ी की स्पीड बढ़ जाती है. यदि आप कार चलाते हैं, तो बीच वाली लेन पर रहना सबसे अच्छा है और सामने धीमे वाहनों को पार करने के लिए केवल सही लेन का इस्तेमाल करें. सही लेन पर आप तेजी से गाड़ी चला सकते हैं. सबसे दाहिनी लेन में आपके पीछे से आने वाली तेज कारों को जाने देना महत्वपूर्ण है. यदि कोई तेज कार सबसे दाहिनी लेन में आपके पास आती है, तो हमेशा बाईं ओर के इंडिकेटर का इस्तेमाल करें और तेज वाहनों को गुजरने देने के लिए बीच वाली लेन में चले जाएं. इससे पीछे वाली कार सुरक्षित निकल सकती है. यह केवल उस दाईं लेन की कारों को इंडिकेट करता है.
सिक्स या फोर लेन के लाइट इंडिकेटर्स का क्या है मतलब
सिक्स या फोर लेन वाले हाईवे पर जब आप गाड़ी चला रहे हैं, तो आपको लाइट इंडिकेटर्स पर भी गौर करना होगा. ध्यान देना यह जरूरी है कि जब आपके बगल वाली कार का इंडिकेटर चालू होता है, तो सामने वाला ड्राइवर करीब पांच से 10 सेकंड के भीतर अपनी लेन बदल देगा. नतीजतन, उस ड्राइवर का सम्मान करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जो लेन बदलने के लिए गाड़ियों के लाइट इंडिकेटर्स पर स्विच करते समय आपके सामने है. सिक्स लेन वाली सड़कों पर अधिकांश घटनाएं अनुचित लेन परिवर्तन या गलत लेन (यानी सबसे दाहिनी लेन) में चलने वाली सुस्त कारों की वजह से होती हैं.
लेन पर टेढ़ी-मेढ़ी नहीं चलाना चाहिए गाड़ी
इसके अलावा, किसी को भी आने वाले यातायात पर नजर रखे बिना अलग-अलग लेन पर बाएं से दाएं और दाएं से बाएं लेन पर टेढ़ा-मेढ़ा नहीं चलना चाहिए. भारत जैसे देश में हॉर्न बजाकर कार को ओवरटेक करना आम बात हो गई है, लेकिन इस स्थिति में निश्चित रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है. इसका कारण यह है कि हाई स्पीड हॉर्न आमतौर पर सुनाई नहीं देता है. ऐसी स्थिति में हेडलाइट्स को फ्लैश करना चाहिए और सामने वाली कार के आने का इंतजार करना बेहतर है.
गाड़ी में अचानक खराबी आने पर क्या करें
गौर करने वाली सबसे जरूरी बात यह है कि यदि आपकी गाड़ी हाईवे पर चलते समय खराब हो जाती है, तो खतरे की चेतावनी देने वाली लाइट जला देना चाहिए और गाड़ी को सुरक्षित रूप से सर्विस लेन (हाईवे का सबसे बायां भाग) में स्थानांतरित कर दें. खराब होने से पहले गाड़ी की गड़बड़ियों के बारे में जागरूक होना और इमरजेंसी में जितनी जल्दी हो सके, अपनी सबसे बाईं लेन में ट्रांसफर होना जरूरी है. इसके अलावा, जब कोई कार आपके सामने अलर्ट लाइट जलाकर चलती है, तो आपको हमेशा विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए. इसका मुख्य कारण यह है कि सामने वाला ड्राइवर सुझाव दे रहा होगा कि उनकी गाड़ी खराब स्थिति में है और किसी भी दिशा में जाने की संभावना है.
नशा का सेवन कर मत चलाएं गाड़ी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 के दौरान भारत में हुए सड़क हादसों के दौरान करीब 1,55,622 लोगों की मौत हो गई. भारत में नशे की हालत में गाड़ी चलाना एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं के कारण रोजाना करीब 19 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. इस खतरे से निपटने के लिए कानून में चालक के रक्त में अल्कोहल की मात्रा 0.03 फीसदी निर्धारित की गई है, जो प्रति 100 मिलीलीटर रक्त में 30 मिलीग्राम अल्कोहल के बराबर है. रक्त की निर्धारित सीमा को पार करने पर जुर्माना लगाने या कारावास की सजा देने का भी प्रावधान है.
चिंतित अवस्था या बात करते हुए गाड़ी चलाना खतरनाक
आपको यह भी बता दें कि केवल नशे की हालत में गाड़ी चलाना ही नुकसानदेह नहीं है, बल्कि अगर कोई व्यक्ति गंभीर चिंता की स्थिति में भी गाड़ी चला रहा है, तो वह भी उसके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसके अलावा, अगर कोई गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात कर रहा है, तो ऐसा करना सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के विरुद्ध है. गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने से भी सड़क हादसों में काफी इजाफा हुआ है. एक अक्टूबर, 2020 से प्रभावी संशोधित मोटर वाहन नियम के तहत ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है.
लिमिट स्पीड में गाड़ी चलाना जरूरी
भारत में सड़क दुर्घटनाओं में तेज गति का महत्वपूर्ण योगदान है. 2018 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हुए सड़क हादसों में 66 फीसदी मामलों के लिए हाईस्पीड जिम्मेदार है. हाईस्पीड की वजह से वर्ष 2022 टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर जिले में सूर्या नदी के पुल पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी. हालांकि, मोटर वाहन कानून में स्पीड लिमिट क्रॉस करने के बाद जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है, लेकिन यह राज्यों और गति की सीमा के आधार पर तय किया जाता है.
गाड़ी चलाते वक्त सीटबेल्ट लगाएं
सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कार, बस, ट्रक, टैंपो आदि में प्रवेश करते ही सबसे सीट बेल्ट बांधने की आदत डालनी चाहिए. सीटबेल्ट कानूनों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
हेलमेट की लापरवाही के लिए कोई बहाना नहीं
दोपहिया वाहन चलाने के समय केवल ड्राइवर ही नहीं, बल्कि उस पर बैठे सभी लोगों को हेलमेट का अनिवार्य रूप से उपयोग करने की आवश्यकता है. हेलमेट नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है या तीन महीने तक के लिए लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.
रेड लाइट पर रुकना जरूरी
गाड़ी चलाते वक्त रेडलाइट का खास ख्याल रखना जरूरी है. रेडलाइट जंप करने से न केवल जान को खतरा होता है, बल्कि इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं. रेडलाइट जंप करने पर 5,000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. जुर्माने से बचने के लिए समय की कमी होने पर भी यातायात संकेतों का निष्ठापूर्वक पालन करना महत्वपूर्ण है.
नो एंट्री के नियमों का पालन करें
कभी-कभी विशेष परिस्थिति में वन वे ट्रैफिक होने पर यातायात पुलिस के द्वारा नो एंट्री का संकेतक लगा दिया जाता है. गाड़ी चलाते वक्त हमें इसका भी ध्यान रखना चाहिए. इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने से सामने से आने वाले वाहनों के साथ टक्कर हो सकती है, जिससे सड़क चालक और गाड़ी में सवार यात्रियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
पैदल चलने वालों के लिए सड़क सुरक्षा नियम
पैदल यात्रियों के रूप में, हम सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन सात महत्वपूर्ण नियमों का पालन करके हम अपनी सुरक्षा कर सकते हैं और सुरक्षित यातायात वातावरण में योगदान दे सकते हैं.