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लक्षद्वीप जाना आसान नहीं, जानें क्या है जरूरी, कैसे जाएं और इससे जुड़े फैक्ट्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे से नाराज मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम पर अशोभनीय टिप्पणी कर दी. इसके बाद से ही लक्षद्वीप के बारे में लोग जानने को काफी उत्सुक हैं. दोनों देशों के बीच पर्यटन को लेकर छिड़े विवाद के बीच पढ़िए खास प्रस्तुति...

Lakshadweep Maldives Controversy: प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर भारत का केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप इन दिनों खूब चर्चा में है. इस महीने के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर लक्षद्वीप आये थे. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर यहां की कुछ फोटो साझा की और देशवासियों के लिए इसे बेहतरीन पर्यटन स्थल बताया और उनसे यहां की यात्रा करने का आग्रह भी किया. इससे नाराज मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री पर अशोभनीय टिप्पणी कर दी. इसके बाद से ही लक्षद्वीप के बारे में लोग जानने को काफी उत्सुक हैं. दोनों देशों के बीच पर्यटन को लेकर छिड़े विवाद के बीच आप भी जानिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य.

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लक्षद्वीप का संस्कृत और मलयालम में अर्थ होता है एक लाख द्वीप. छत्तीस द्वीपसमूहों वाला यह प्रदेश अपनी हरियाली और सुंदर व मनमोहक समुद्र तटों के लिए विशेष प्रसिद्ध है. यह भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है जिसका कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है. यह द्वीपसमूह केरल के तटीय शहर कोचीन, यानी कोच्चि से 220 से 440 किलोमीटर दूर अरब सागर में स्थित है. इसका प्राकृतिक परिदृश्य, रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवों की प्रचुरता तथा शांत वातावरण इसे और आकर्षक बनाते हैं. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की जनसंख्या लगभग 64 हजार है.

1956 में बना केंद्र शासित प्रदेश

एक नवंबर, 1956 को इस केंद्र शासित प्रदेश का गठन हुआ. उससे पहले ये द्वीप तत्कालीन मद्रास राज्य का हिस्सा थे. वर्तमान में पूरे लक्षद्वीप को एक जिला माना जाता है. पहले इस जिले को चार तहसीलों में विभाजित किया गया था. पर वर्तमान में यह 10 उपमंडलों (सब डिविजन) में विभाजित है. यहां के आठ द्वीपों में विकास कार्यों की देखरेख का काम जहां उपमंडल अधिकारी (सब डिविजनल ऑफिसर) करते हैं, वहीं मिनिकॉय और अगात्ती उपमंडल डिप्टी कलेक्टर के अधीन है. यानी मिनिकॉय और अगात्ती में विकास कार्यों की जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर की है. यह भी जानना महत्वपूर्ण कि लक्षद्वीप का प्रशासनिक सचिवालय पहले कोझिकोड हुआ करता था, जिसे मार्च 1964 में कावारत्ती स्थानांतरित कर दिया गया. सामुदायिक विकास योजनाओं को लागू करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र को पांच सामुदायिक विकास खंडों में विभाजित किया गया है. कावारत्ती, अमिनी, एंड्रॉट, मिनिकॉय और किल्टन इन डेवलपमेंट ब्लॉक, यानी विकास खंड के मुख्यालय हैं.

केरल हाइकोर्ट देखता है यहां की न्यायिक व्यवस्था

लक्षद्वीप में कोई हाइकोर्ट नहीं है. यह प्रदेश केरल हाइकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में हैै. हालांकि यहां दो मुंसिफ कोर्ट हैं. एंड्रॉट मुंसिफ कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में कावारत्ती, एंड्रॉट, मिनिकॉय और कल्पेनी द्वीप आते हैं. एक अन्य मुंसिफ कोर्ट अमिनी में है, जिसके अधिकार क्षेत्र में अमिनी, अगात्ती, कदमत, किलतान, चेतलात और बिट्रा द्वीप हैं. ये अदालतें अपने संबंधित क्षेत्राधिकार के लिए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालतों के रूप में भी कार्य करती हैं. एंड्रॉट के न्यायिक मजिस्ट्रेट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का प्रभार संभाल रहे हैं.

लक्षद्वीप एक नजर में
  • प्रशासक : प्रफुल्ल पटेल

  • क्षेत्रफल : 32.69 वर्ग किलोमीटर

  • जिला : 1

  • गांव (द्वीप)

  • पंचायत : 10

  • विकास खंड : 10

  • कुल जनसंख्या : 64,473 (2011 जनगणना के अनुसार)

  • कुल द्वीप : 36

  • निवास वाले द्वीप : 10

  • साक्षरता दर : 91.85 प्रतिशत

  • भाषा : 2 (मलयालम और माही (माही केवल मिनिकॉय द्वीप में ही बोली जाती है))

  • बैंक : 13

  • अस्पताल : 10

  • गेस्ट हाउस : 6

स्रोत : लक्षद्वीप प्रशासन की वेबसाइट

10 द्वीपों पर ही है लोगों का निवास

यूं तो लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह है, परंतु इसके महज 10 द्वीप ही प्रमुख हैं, क्योंकि इन द्वीपों पर ही लोग निवास करते हैं. इसके 17 द्वीप निर्जन हैं, चार टापू और पांच जलमग्न चट्टानें हैं. जिन द्वीपों पर लोगों की बसावट है उनमें कावारत्ती, अगात्ती, अमिनी, कदमत, किलतान, चेतलात, बिट्रा, एंड्रॉट, कल्पेनी और मिनिकॉय शामिल हैं. बिट्रा यहां का सबसे छोटा द्वीप है, जिसकी जनसंख्या मात्र 271 है (2011 की जनगणना के अनुसार). इस केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी कावारत्ती ही इसका प्रमुख शहर भी है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, इसके 17 निर्जन द्वीपों में से एक, बंगारम में मात्र 61 लोग रहते हैं.

जल मार्ग और हवाई मार्ग दोनों से कर सकते हैं लक्षद्वीप की यात्रा

चाहे आप भारत के किसी भी कोने में क्यों न रहते हों, आपको लक्षद्वीप जाने के लिए केरल के कोच्चि आना ही होगा. यहीं से जहाज या उड़ान के जरिये आप लक्षद्वीप जा सकते हैं. इस तरह कोच्चि को लक्षद्वीप का प्रवेश द्वार कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. लक्षद्वीप के लिए सीधी उड़ान केवल कोच्चि से ही मिलेगी. दूसरी जगह से यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. कोच्चि पहुंचने पर आपको जो सबसे पहला काम करना होगा, वह है लक्षद्वीप जाने के लिए परमिट लेना.

उड़ान के जरिये ऐसे आएं

लक्षद्वीप प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार कोच्चि पहुंचने पर यदि आप उड़ान से लक्षद्वीप जाना चाहते हैं, तो यहां से अगात्ती व बंगारम द्वीप के लिए इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट उपलब्ध है. कोच्चि से अगाती की इस हवाई यात्रा में आपको लगभग डेढ़ घंटे का समय लगेगा. अक्तूबर से मई महीने के बीच आप नाव के जरिये अगात्ती से कावारत्ती और कदमत जा सकते हैं. वहीं मानसून के दौरान अगात्ती से कावारत्ती के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा उपलब्ध है.

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जहाज से ऐसे पहुंचें

कोच्चि से लक्षद्वीप की जहाज यात्रा के लिए सात यात्री जहाज उपलब्ध हैं. इन जहाजों के नाम हैं- एमवी कावारत्ती, एमवी अरेबियन सी, एमवी लक्षद्वीप सी, एमवी लैगून, एमवी कोरल, एमवी अमिनदीवी और एमवी मिनिकॉय. आप किस द्वीप की यात्रा करना चाहते हैं, इस आधार पर आपको यात्रा में 14 से 18 घंटे का समय लगता है. साफ मौसम में एक से दूसरे द्वीप जाने के लिए तेज गति वाले जहाज चलते हैं. इस प्रकार आप जल मार्ग व हवाई मार्ग, दोनों से कोच्चि से लक्षद्वीप की यात्रा का आनंद उठा सकते हैं.

यहां आने के लिए एंट्री परमिट आवश्यक

लक्षद्वीप भले ही अपने हरे-भरे क्षेत्र और सुंदर समुद्र तटों के लिए जाना जाता है, पर यहां जाना आसान नहीं है. यहां जाने के लिए एंट्री परमिट की आवश्यकता होती है. भारत में कुछ ऐसी संवेदनशील या सरंक्षित जगहें हैं, जहां जाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है. लक्षद्वीप भी ऐसी ही जगहों में शुमार है, जहां बिना परमिट के प्रवेश नहीं मिलता है. लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा परमिट जारी करने के बाद ही एक व्यक्ति यहां जा सकता है.

ऐसे मिलता है परमिट

परमिट के लिए कोच्चि स्थित लक्षद्वीप प्रशासन के कार्यालय जाकर आवेदन करना होगा. आप चाहें तो यात्रा शुरू करने से पहले भी परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन के लिए इस वेबसाइट पर जाना होगा. https://epermit.utl.gov.in/pages/signup

ये हैं कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल

बंगारम, अगात्ती, कदमत, मिनिकॉय, कल्पेनी, कावारत्ती लक्षदीप के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.

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पारिस्थितिक रूप से नाजुक है लक्षद्वीप

भारत-मालदीव में जारी विवाद के बीच लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा है कि लक्षद्वीप पारिस्थितिक रूप से बहुत ही नाजुक है. इसे देखते हुए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित रखना होगा.

सुहाना है यहां का मौसम
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लक्षद्वीप अपने समुद्र तटों और मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों के लिए तो जाना ही जाता है, यहां का मौसम भी बहुत सुहाना है. इस प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, इस लिहाज से यह एक गर्म प्रदेश है. यहां का औसत तापमान 27 डिग्री से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहता है. यहां अप्रैल और मई में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, क्योंकि इस दौरान यहां का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. पर आम तौर पर मौसम सुहाना ही बना रहता है. यहां के द्वीप पर रहने का सबसे अच्छा समय होता है अक्तूबर से मार्च के बीच. इस दौरान मंद-मंद हवाएं चलती हैं, जो मौसम को बेहद सुखद बना देती हैं. ऐसे में यहां घूमने का आनंद ही अलग होता है. जून से अक्तूबर तक यहां दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय रहता है और इस समय यहां 10 से 40 मिमी की औसत वर्षा होती है. यहां वर्ष में 80 से 90 दिन तक बारिश हाती है. सो मानसून के दौरान यहां जहाज के जरिये पर्यटन बंद रहता है.

संस्कृति और विरासत
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कोलकली और परिचकली- लक्षद्वीप के लोक कला के दो लोकप्रिय रूप हैं. मिनिकॉय को छोड़कर, दोनों ही लोक कला यहां की सांस्कृतिक परिवेश का अभिन्न अंग है. मिनिकॉय की बात करें, तो ‘लावा’ यहां का सबसे लोकप्रिय नृत्य रूप है. दिलचस्प है कि यहां के कुछ लोक नृत्य पूर्वोत्तर भारत के लोक नृत्य से बहुत मिलते-जुलते हैं. यहां विवाह के समय ‘ओपाना’- एक विशेष प्रकार का गायन व नृत्य- का प्रदर्शन विशेष रूप से किया जाता है. यहां सर्वाधिक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस है. इसके अतिरिक्त, मिलाद-उल-नबी, ईद-उल फितर, बकरीद भी पूरे उत्साह से मनाया जाता है. इस द्वीप समूह में मुहर्रम भी मनाया जाता है.

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