बाल हमेशा से महिलाओं के लिए खूबसूरती का प्रतीक रहा है. बाल संवारने और उसे घना करने के लिए महिलाएं कई तरह के नुस्खे अपनाती हैं. लेकिन ग्रामीण हावड़ा के बागनान निवासी झिंदन प्रधान नामक छात्रा ने अपनी दिवंगत मां की स्मृति में कैंसर मरीजों के लिए अपने बाल दान कर दिये. वह स्नातक की छात्रा हैं. 12 साल पहले उसकी मां की मौत कैंसर के कारण हुई थी. तब वह महज 13 साल की थी. लेकिन उसे याद है कि इलाज के दौरान उसकी मां के सारे बाल झड़ गये थे. मां की पुण्यतिथि पर उसने बाल डोनेट करने का फैसला लिया. इसके बाद एक स्वंयसेवी संस्था से संपर्क कर उसे अपने बाल दे दिये.
बागनान के एनडी ब्लॉक निवासी झिंदन अपने पिता आनंद प्रधान के साथ रहती है. वह बागनान कॉलेज में स्नातक की छात्रा है. उसने बताया कि जब वह सातवीं कक्षा में थीं, तभी उसकी मां कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ गयीं. कैंसर आखिरी स्टेज पर था. डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी कराने का परामर्श दिया था. कीमोथैरेपी शुरू होते ही मां के बाल झड़ने लगे. कुछ महीनों के अंदर ही मां के सारे बाल झड़ गये. इसके चलते मां ने घर से निकलना बंद कर दिया. तब समझ में नहीं आया था कि मां के बाल क्यों झड़ रहे हैं. कुछ दिनों बाद ही मां ने दम तोड़ दिया.
12वीं पास करने के बाद पता चला कि कीमोथैरेपी से मरीजों के बाल झड़ जाते हैं. उसी समय फैसला लिया कि मां की पुण्यतिथि पर कैंसर मरीजों के लिए अपने बाल डोनेट करूंगी. इसके लिए खड़गपुर की एक स्वंयसेवी संस्था से संपर्क किया. फिर अपने 14 इंच लंबे बाल कटवा कर उक्त संस्था को कूरियर से भेज दिया.
कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए मरीजों को कीमोथेरेपी दी जाती है. इस थेरेपी के बाद शरीर में नये सेल्स बनते लगते हैं, जिसके चलते बाल झड़ते रहते हैं. यह कैंसर सेल्स के साथ ही हेल्दी सेल्स को भी नुकसान पहुंचाता है. कई बार तेजी से झड़ते बाल इस बात का भी संकेत होते हैं कि शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी पनपने की आशंका बढ़ रही है.