गोड्डा/बोआरीजोर: ललमटिया में बीते सात साल पहले आदिवासी व पहाड़िया लड़कियां को प्रेम जाल में फंसाकर बेचने के दो आरोपियों को ललमटिया पुलिस ने जेल भेज दिया. इस मामले में पहले से ही उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का आरोपी शेषमणि मिश्रा गोड्डा जेल में बंद है. शेषमणि मिश्रा की निशानदेही पर पुलिस के सामने दोनों अभियुक्तों का नाम लिया था, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस से बचने के लिए दोनों दिल्ली में रह रहे थे. हाल के दिनों में दोनों अपने घर आये थे, तभी पुलिस को सूचना मिली. इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि कांड संख्या 2/22 के अभियुक्त सुरेंद्र मालतो (43 वर्ष) ग्राम कुसुमघाटी एवं कांड संख्या 68/23 के अभियुक्त शिव सोरेन (27 वर्ष) ग्राम बाबुपुर काशी टोला के निवासी को जेल भेज दिया गया है. मानव व्यापार के लिए गोड्डा का सुंदरपहाड़ी, ललमटिया, बोआरीजोर तथा राजाभिठा इलाका सेफ जोन बना हुआ है. यहां के कई आदिवासी व पहाड़िया लड़कियों को यूपी, हरियाणा, दिल्ली आदि प्रदेशों में काम का लालच देकर बेच दिया गया.
https://www.youtube.com/@PrabhatKhabartv/videos
बहला-फुसला कर लड़की को दिल्ली ले गये थे दोनों आरोपी
झारखंड में तमाम प्रयास के बावजूद मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग ) पर रोक नहीं लग पा रही है. प्रेम जाल में फंसाकर, अभिभावकों को पैसे का लालच देकर उन्हें महानगरों में बेच दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों द्वारा लड़कियों को बहला-फुसला कर दिल्ली ले जाया गया था. आदिवासी युवक शिव सोरेन ने गांव की ही आदिवासी युवती को प्रेम जाल में फंसाकर दिल्ली ले जाकर शेषमणि मिश्रा के यहां बेच दिया था. शेषमणि मिश्रा मानव व्यापार में लगे दलालों को मोटी रकम देता था. इसके कारण दोनों दलाल शेषमणि मिश्रा को ललमटिया तथा बोआरीजोर के आदिवासी व पहाड़िया लड़कियों को ले जाकर दिल्ली में बेचते थे. पुलिस को इस रैकेट की जानकारी मिलने के बाद पहले तो यूपी के गाजियाबाद के एजेंट शेषमणि मिश्रा को दबोचा. इसके बाद इसकी निशानदेही पर दोनों दलालों को पकड़ कर गोड्डा जेल भेज दिया.
सेफ जोन है सुंदरपहाड़ी, ललमटिया, बोआरीजोर व राजाभिठा इलाका
मानव व्यापार के लिए गोड्डा का सुंदरपहाड़ी, ललमटिया, बोआरीजोर तथा राजाभिठा इलाका सेफ जोन बना हुआ है. यहां के कई आदिवासी व पहाड़िया लड़कियों को यूपी, हरियाणा, दिल्ली आदि प्रदेशों में काम का लालच देकर बेच दिया गया. उन लड़कियों का यहां आर्थिक, मानसिक व शारीरिक शोषण हुआ. कई तो भागने में सफल रहीं, जबकि कई की जिंदगी इस दलदल में फंसकर तबाह हो गयी. राजाभिठा की पहाड़िया युवती को तो विरोध करने पर जीभ काट दिया गया था, जिसका इलाज भी किया गया. इसके बावजूद वह नहीं बचीं. परिवार के सदस्य आर्थिक लालच में फंसकर दलालों तथा एजेटों को अपनी बेटियां सौंप देते हैं, जिसका परिणाम उन्हें बाद में भुगतना होता है. तब जाकर थाना व कोर्ट का चक्कर काटते हैं.