चाईबासा, सुनील कुमार सिन्हा : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोईलकेरा में फिर आईईडी विस्फोट हो गया है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के एएसआई की चपेट में आ गये. घटना कोल्हान के गोईलकेरा थाना अंतर्गत कूईड़ा जंगल के पास हुई है. नक्सलियों द्वारा बिछाये गये आईईडी में सोमवार सुबह करीब 6:30 बजे ब्लास्ट हो गया. सीआरपीएफ के एक एएसआई देवेंद्र कुमार इसकी चपेट में आकर घायल हो गये. पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने इसकी पुष्टि की है.
सीआरपीएफ के एएसआई को किया जायेगा एयरलिफ्ट
विस्फोट में घायल एएसआई को एयरलिफ्ट करके रांची भेज दिया गया है. बेहतर इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के अनुसार, रोज की तरह सोमवार को भी सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के खिलाफ जारी सर्च अभियान के लिए गोईलकेरा थाना क्षेत्र के कूईड़ा जंगल के पास अभियान चलाने जा रहे थी. इसी क्रम में आईईडी का स्प्लिंटर से एएसआई चोटिल हो गये. उनकी बायीं कान के पीछे चोट लगी है. हालांकि, उनकी हालत स्थिर है.
जंगलों में नक्सलियों ने बिछा रखे हैं आईई़डी
पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि जवान को एयरलिफ्ट कर रांची ले जाया गया है. पश्चिमी सिंहभूम के एसपी ने बताया कि नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाने के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले के कई इलाकों में आईईडी बिछा रखे हैं. सीआरपीएफ 60 बटालियन के एएसआई इसी की चपेट में आ गये. सुरक्षा बलों के जवानों के साथ-साथ कई बार ग्रामीण भी नक्सलियों के बिछाये आईईडी की चपेट में आ जाते हैं.
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मुठभेड़ में घायल हो गये थे कोबरा बटालियन के डिप्टी कमांडेंट
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही गोईलकेरा में नक्सलियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो गयी थी. इसमें कोबरा बटालियन के डिप्टी कमांडेंट दीपक कुमार घायल हो गये थे. मुठभेड़ के दौरान उनकी बांह में गोली लगी थी. डिप्टी कमांडेंट को भी एयरलिफ्ट करके रांची लाया गया था. रांची के मेडिका अस्पताल में उनका इलाज करवाया गया था. 12 जुलाई को झारखंड के डीजीपी हाई लेवल मीटिंग कर रहे थे और इसके पहले ही गोईलकेरा के जंगलों में मुठभेड़ शुरू हो गयी थी.
सुरक्षा बलों ने कई इलाकों को कराया नक्सलियों से मुक्त
बता दें कि झारखंड सरकार ने कई साल से केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद से नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चला रखा है. गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ और गढ़वा, लातेहार से लेकर छत्तीसगढ़ की सीमा तक फैले बूढ़ा पहाड़ को पुलिस ने नक्सलियों से मुक्त करा लिया है. इन जगहों का तेजी से विकास हो रहा है. नक्सलियों की वजह से विकास के मामले में पिछड़ चुके इन इलाकों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है.
ट्राईजंक्शन में नक्सलियों ने डाल रखा है डेरा
झारखंड पुलिस का दावा है कि झारखंड के अधिकतर इलाकों को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है. बूढ़ा पहाड़, झुमरा पहाड़ और पारसनाथ पहाड़ जैसे उनके गढ़ से नक्सलियों को खदेड़ा जा चुका है. कुछ मुट्ठी भर नक्सली बचे हैं, जो अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने खूंटी, सरायकेला-खरसावां और चाईबासा के ट्राईजंक्शन को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है. सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बचने के लिए नक्सलियों ने जहां-तहां आईईडी बिछा रखे हैं.
आये दिन कोल्हान में मिलते हैं आईईडी
पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों की आईईडी की चपेट में आने से 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. आये दिन कोल्हान में आईईडी मिलते रहते हैं. बता दें कि 27 मई से पुलिस ने कोल्हान के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चला रखा है. अभियान टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका और अंजदबेड़ा गांव की सीमा के अलावा गोईलकेरा थाना के कुईड़ा एवं मारादिरीग गांव की सीमा के आसपास चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के दौरान करीब 200 आईईडी मिले हैं. 16 जुलाई को भी आईईडी बरामद हुआ था.
रेला पारल गांव में मिले थे आईईडी
रविवार को गोईलकेरा थाना क्षेत्र के रेला पारल गांव के पास जंगली व पहाड़ी क्षेत्र में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों को यह सफलता मिली थी. झारखंड पुलिस लगातार सुरक्षा बलों के साथ मिलकर अभियान चला रही है. इसके तहत नक्सलियों के बिछाये आईईडी व स्पाइक होल को खोज-खोजकर नष्ट किया जा रहा है. इसके पहले, शुक्रवार को नक्सलियों के बिछाये आईईडी बरामद हुए थे. इसे वहीं पर नष्ट कर दिया गया.