मेदिनीपुर : तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नहीं होती, तो तृणमूल कांग्रेस कभी अस्तित्व में नहीं आ पाती. अटल बिहारी वाजपेयी के आशीर्वाद से ही ममता बनर्जी तृणमूल का गठन कर पायीं थीं. यदि अटल जी ने मदद नहीं की होती, तो ममता बनर्जी बंगाल में कुछ नहीं कर पातीं. श्री अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के 10 साल के कुशासन और भाई-भतीजावाद को खत्म करना होगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में भाजपा का झंडा हाथ में लेने के बाद शुभेंदु ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस भगवा पार्टी के कारण ही अस्तित्व में आयी थी.
उन्होंने रैली में कहा, ‘भाजपा, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, राष्ट्रवाद और बहुलतावाद में यकीन करती है. पश्चिम बंगाल किसी राजनीतिक पार्टी की निजी जागीर नहीं है. तृणमूल कांग्रेस राज्य के लोगों को विभाजित करने के लिए स्थानीय और बाहरी लोगों की बात करती है. उन्होंने अमित शाह, कैलाश विजयवर्गीय को बाहरी कहने का साहस कैसे किया? हम सभी भारतीय हैं.’
राज्य में नंदीग्राम आंदोलन के चेहरा रहे शुभेंदु अधिकारी के हाथों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा का झंडा थमाया. उन्होंने आशीर्वाद लेने के लिए शाह के चरण स्पर्श किये. शाह ने उन्हें गले लगाया. उल्लेखनीय है कि नंदीग्राम आंदोलन ने राज्य में ममता बनर्जी की पैठ मजबूत की और जिसकी परिणिति वर्ष 2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के रूप में हुई.
श्री अधिकारी ने कहा, ‘हमें तृणमूल कांग्रेस के 10 साल के कुशासन और भाई-भतीजातवाद को खत्म करना होगा. हमें सुनश्चित करना होगा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाये, ताकि राज्य के लोगों को (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी की विकास की राजनीतिक का लाभ मिले. (विधानसभा चुनाव में) तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर रहेगी और भाजपा विजेता बनकर उभरेगी.’
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पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस राज्य को स्थानीय लोग और बाहरी लोग के आधार पर बांटना चाहती है. श्री अधिकारी ने कहा, ‘इस तरह की संकीर्ण राजनीति के लिए तृणमूल कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए.’ तृणमूल कांग्रेस से दो दिन पहले ही अपना दो दशक पुराना नाता तोड़ चुके अधिकारी ने राज्य में सत्तारूढ़ दल पर गद्दारों की पार्टी होने का आरोप लगाया, जिसने 1998 में अपने गठन के दौरान भाजपा द्वारा निभायी गयी भूमिका को भूला दिया.
उन्होंने कहा, ‘मुझे वे लोग गद्दार कह रहे हैं, जो खुद (तृणमूल कांग्रेस के) गद्दार हैं. यदि भाजपा यहां नहीं होती, तृणमूल कांग्रेस अस्तित्व में नहीं आती. क्या तृणमूल कांग्रेस को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आशीर्वाद नहीं मिला था…’ शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वसूली करने वाले भतीजे से छुटकारा पाओ. उन्होंने दावा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा बंगाल में जीत हासिल करेगी और तृणमूल कांग्रेस पराजित होगी.’
उन्होंने अमित शाह की सराहना करते हुए कहा, ‘मैं पहली बार अमित शाह से वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिला था, उस समय वह भाजपा के महासचिव थे.’ श्री अधिकारी ने कहा, ‘जब मुझे कोरोना हुआ था, तब मेरी पूर्व पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) ने मेरे स्वास्थ्य के बारे में नहीं पूछा, जबकि अमित शाह ने दो बार पूछा कि मेरी तबीयत कैसी है.’
दो बार सांसद रह चुके श्री अधिकारी ने दावा किया कि साधारण लोगों ने नि:स्वार्थ भाव के साथ एक-एक ईंट जोड़कर तृणमूल कांग्रेस को यहां तक पहुंचाया, लेकिन पार्टी में अब ऐसे लोग भर गये हैं, जिन्हें किसी और की परवाह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा.’ शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस को एक तगड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ दी. इससे पहले उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से और विधायक के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया था.
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शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु क्रमश: तमलूक और कांथी लोकसभा क्षेत्रों से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं. अधिकारी परिवार का करीब 40-50 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा खासा प्रभाव है. इनमें पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, झाड़ग्राम, बीरभूम के कुछ हिस्से और अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के इलाके शामिल हैं.
Posted By : Mithilesh Jha