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आईआईटी ने छात्रों के तनाव कम करने को लेकर उठाए ये नए कदम, लिस्ट में ये कॉलेज भी शामिल

आईआईटी कॉलेजो ने अपने छात्रों को इंजीनियरिंग डिग्री के कठिन चरणों से लड़ने में मदद करने के लिए पहल की है. जिन कॉलेजो ने इस प्रकार के पहल किये है उन कॉलेजो के नाम कुछ इस प्रकार से है.

Education News: शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने हाल ही में संसद में खुलासा किया की इस साल कम से कम सात आईआईटी छात्रों ने आत्महत्या की है. सरकार द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार 2018 और 2019 में आईआईटी ने 8 ऐसे मामले दर्ज किए, जो 2020 और 2021 में घटकर 3 और 4 हो गए थे. 2022 में यह संख्या बढ़कर 9 हो गई और इस वर्ष अब तक आत्महत्या के कम से कम 7 मामले सामने आए हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए कई आईआईटी कॉलेजो ने अपने छात्रों को इंजीनियरिंग डिग्री के कठिन चरणों से लड़ने में मदद करने के लिए पहल की है. जिन कॉलेजो ने इस प्रकार के पहल किये है उन कॉलेजो के नाम कुछ इस प्रकार से है.

आईआईटी मद्रास

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास ने अपने छात्रों के लिए एक वेलनेस प्रोग्राम की घोषणा की है, जिसके तहत संस्थान प्रत्येक छात्र को “सद्भाव और शांति” से भरा वातावरण प्रदान करने के लिए कई पहल कर रहा है ताकि उनके दिमाग के ऊपर आ रहे पढ़ाई के बोझ से उनको आराम मिल सके. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, तमिलनाडु सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा है. कल्याण कार्यक्रम में , विशेषज्ञ तनाव का अनुभव होने पर उसे दूर करने और कम करने के लिए छात्रों के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के बारे में बात करेंगे. इसके अतिरिक्त, टेलीमानस मोबाइल एप्लिकेशन (14416) के माध्यम से आईआईटी छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य टेली परामर्श सेवाएं (14416) की पेशकश की जाएगी, जो एक 24X7 टोल-फ्री हेल्पलाइन है जो संकट के समय में छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं प्रदान करती है. जिसको अपना कर छात्र मानसिक तकलीफों से बच सकते हैं.

आईआईटी दिल्ली

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी-डी) ने अपनी मूल्यांकन प्रणाली में सुधार किया है और छात्रों के तनाव को कम करने के लिए मध्य सेमेस्टर परीक्षाओं का एक सेट की परीक्षा को हटा दिया है, संस्थान के निदेशक रंगन बनर्जी ने हाल ही में घोषणा की. “पहले हमारे पास एक सेमेस्टर के दौरान परीक्षाओं के दो सेट होते थे, प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में अंतिम परीक्षा और कई निरंतर मूल्यांकन तंत्र होते थे. हमने एक आंतरिक सर्वेक्षण किया और सभी छात्रों और संकाय से मिले फीडबैक के आधार पर, हमने परीक्षाओं के एक सेट को छोड़ने का फैसला किया है. इसलिए, अब नियमित मूल्यांकन के अलावा परीक्षाओं के दो सेट होंगे, ” रंगन बनर्जी ने बताया यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि विशेषज्ञों का मानना था कि परीक्षा जल्दी जल्दी हो जाने के कारण छात्र उस विषय की तैयारी सही से नहीं कर पा रहे थे, जिससे छात्रों के दिमाग पर अधिक बोझ और तनाव पड़ रहा था. इस फैसले को सीनेट ने भी मंजूरी दे दी है और इसे चालू सत्र से लागू किया जाएगा, ताकि इस वर्ष भी परीक्षा दे रहे छात्र इस पहल का फाइदा ले सके.

आईआईटी हैदराबाद

आईआईटी हैदराबाद एक ‘सनशाइन’नामक एक पहल का शुभ आरंभ किया है जो एक मित्र कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में, संस्थान अपने विभाग में अपने बैच के साथियों का मदद करने के लिए छात्र निकाय के स्वयंसेवकों को ‘मित्र’ बनने के लिए आमंत्रित करता है. इस योजना के तहत, संस्थान एक मेंटर प्रोग्राम भी प्रदान करता है जिसमें सभी विभागों के छात्रों को मेंटरशिप के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसका उद्देश्य सभी विभागों से छात्र सलाहकारों को शामिल करना है ताकि छात्रों के लिए अपने विभाग के अनुकूल व्यक्ति ढूंढना आसान हो सके और मिले गए छात्र किसी भी विषय में उनकी सहायता कर सके।.

आईआईटी गुवाहाटी

आईआईटी गुवाहाटी संस्थान परिसर में छात्रों के कल्याण के लिए समग्र कल्याण नामक एक प्रोग्राम का पहल किया है. समग्र कल्याण को बढ़ावा देने और परामर्श से जुड़े कलंक और वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच के बीच अंतर को कम करने में मदद करने के लिए समग्र कल्याण केंद्र प्रोग्राम को चलाया गया है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कम सीपीआई (संचयी प्रदर्शन सूचकांक) और बैकलॉगर्स वाले छात्रों का विवरण अकादमिक अनुभाग द्वारा डीन और कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के साथ साझा किया जाता है. इस सूची की मदद से, परामर्शदाता सूचीबद्ध छात्रों से संपर्क करके उनकी मनःस्थिति और कम प्रदर्शन का कारण समझते हैं.

आईआईटीजी सभी नए छात्रों को अनिवार्य परामर्श प्रदान करता है. यह छात्रों को मानसिक सहायता प्रदान करता है, और छात्रों को उनके लिए उपलब्ध संसाधनों से परिचित कराता है. संस्थान ने 1 अगस्त को ओरिएंटेशन सत्र के दौरान सभी छात्रों के मानसिक कल्याण पर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया.

संस्थान द्वारा की गई कुछ अन्य प्रमुख पहलें

1. छात्रों के बीच ‘अपने पड़ोसियों को जानें’ अभियान पर्याप्त सामाजिक समर्थन और समुदाय की भावना प्रदान करता है.

2. परिसर में सभी मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने के लिए, हॉस्टल के सभी कमरों के दरवाजों पर क्यूआर कोड चिपकाए गए थे. इससे छात्रों को संपर्क करने में सुविधा होती है.

3. छात्रों की पहचान उजागर किए बिना प्रश्न और परामर्शदाताओं की प्रतिक्रियाएं एक ई-पेपर (डिक्लटर मैगज़ीन) में प्रकाशित की जाती हैं. यह छात्र समुदाय को जरूरत पड़ने पर परामर्श कक्ष तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करता है.

4. पीयर मेंटरशिप प्रोग्राम: प्रत्येक छात्र को पीयर मेंटर के रूप में एक छात्र स्वयंसेवक नियुक्त किया गया है.

आईआईटी बॉम्बे

12 फरवरी 2023 को हुए दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामले में संस्थान को काफी खामियाजा भुगतना पड़ा था, जिसके बाद संस्थान ने फिर से कहा कि आईआईटीबी स्टूडेंट वेलनेस सेंटर (एसडब्ल्यूसी) जाति, लिंग या अन्य पहलुओं की परवाह किए बिना मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर संस्थान के सभी छात्रों को परामर्श प्रदान करता है. संस्थान के एक बयान में कहा गया है, “एसडब्ल्यूसी सभी छात्रों की मदद के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है और जब भी काउंसलिंग की जरूरत होती है, एसडब्ल्यूसी काउंसलर इसे प्रदान कर रहे हैं. ‘आईआईटी बॉम्बे ने ऐसे मामलों में छात्रों की मदद के लिए कुछ और कदम उठाए हैं जैसे कि अपनी तरह का अनोखा एससी/एसटी छात्र सेल, जाति से संबंधित (विशेषकर एससी/एसटी) मुद्दों पर एक संवेदीकरण पाठ्यक्रम और द बंधु – एक स्वयं सहायता वेबसाइट। छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के सहयोग से संस्थान एक बाहरी एजेंसी के साथ आईआईटी बॉम्बे छात्र परामर्शदाताओं के बातचीत सत्र भी आयोजित कर रहा है जो जाति, वर्ग, क्षमता, आयु, क्षेत्र, लिंग, कामुकता के आधार पर प्रणालीगत उत्पीड़न को ध्यान में रखते हुए संस्थान व्यक्तियों और समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य पहलुओं पर काम कर रहा है.

रिपोर्ट- वैभव विक्रम

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