Kanpur News: इग्नू (इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी) के 60 हजार छात्र-छात्राओं की डिग्रियों को आईआईटी सुरक्षित रखेगा. संस्थान में विकसित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में इन डिग्रियों को सुरक्षित रखा गया है. साथ ही, छात्रों को भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल डिग्रियां प्रदान की गई हैं.
प्रमुख दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए आईआईटी कानपुर ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी विकसित की है.इस टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग से संस्थान व वैज्ञानिक उत्साहित हैं. आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि यह संस्थान के लिए गर्व की बात है. इस टेक्नोलॉजी को संस्थान के स्टार्टअप क्रूबन ने नेशनल ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट ऑफ नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सी3आई के तहत प्रो. मणींद्र अग्रवाल, प्रो. संदीप शुक्ला व अन्य वैज्ञानिकों की देखरेख में विकसित किया है.
Also Read: कानपुर की फेमिली कोर्ट में महिला ने की ‘अग्निपरीक्षा’ देने की अपील, पति ने लगाया चरित्रहीनता का आरोप
प्रो. संदीप शुक्ला ने बताया कि डिजिटल युग में ब्लॉकचेन तकनीक ही सुरक्षित है.इसमें रखे सभी दस्तावेज हैकर और गड़बड़ी करने वालों से सुरक्षित रहते हैं.ब्लॉकचेन में रखे डॉक्यूमेंट को अगर कोई हैक कर भी लेता है तो उसे सही जानकारी नहीं मिलती क्योंकि उसमें शब्द लगातार परिवर्तित होते रहते हैं. इससे पहले आईआईटी ने खुद भी अपने छात्रों की डिग्रियों को इस टेक्नोलॉजी में सुरक्षित रखा है इस टेक्नोलॉजी का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर 2021 को किया था. प्रधानमंत्री ने ही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी प्रदान किया है.
Also Read: Kanpur News: 2.4 लाख वाहन लापता खोजने को नोटिस भेजा, 31मई तक दें जवाब वरना पंजीकरण निरस्त
रिपोर्ट : आयुष तिवारी