Aligarh: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के कोर्ट मेंबर सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) बन गए हैं. कोर्ट मेंबर (AMU Court Member) के लिए हुए चुनाव में सबसे ज्यादा 53 मत इमरान प्रतापगढ़ी को मिले हैं. AMU कोर्ट मेंबर सदस्य बनने के बाद सोशल मीडिया पर उनको लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं.
इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय चेयरमैन भी है और राज्यसभा सदस्य भी है. एएमयू कोर्ट के लिए राज्यसभा से भाजपा के दो, कांग्रेस और सीपीआई एम से एक एक सदस्य चुने गए हैं. इसमें भाजपा से हरनाथ सिंह यादव, कश्मीर से गुलाम अली, कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी और केरल से सीपीआई (एम) नेता एए रहीम चुने गए हैं . राज्यसभा के 238 सदस्यों में से एएमयू कोर्ट के लिए 210 सदस्यों के वोट पड़े, जिसमें भाजपा के हरनाथ सिंह यादव को 38, गुलाम अली को 39, एए रहीम को 49 और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी को सबसे अधिक 53 वोट मिले.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कोर्ट मेंबर महत्वपूर्ण संस्था होती है. यह संस्था एएमयू में बदलाव और पॉलिसी बनाने में अहम भूमिका निभाती है. हाल ही में कोर्ट मेंबर के तौर पर लोकसभा से बीजेपी के पांच सदस्यों ने नामांकन किया था. जिस में पांचों सदस्य AMU के कोर्ट मेंबर बने.
इसमें मेरठ के भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल, अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम, गौतमबुद्ध नगर से सांसद महेश शर्मा, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, एटा के सांसद राजवीर सिंह राजू भैया का नाम शामिल है, वहीं बहुजन समाज पार्टी से सांसद कुंवर दानिश अली भी AMU कोर्ट मेंबर है.
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हालांकि अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर खुलकर अपना पक्ष रखने वाली समाजवादी पार्टी की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कोर्ट मेंबर के तौर पर नामांकन दाखिल करने की कोशिश नजर नहीं आई. इतना ही नहीं एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी एएमयू के कोर्ट मेंबर के तौर पर नामांकन दाखिल करने में कोई उत्सुकता नहीं दिखाई, जबकि एआईएमआईएम के दो सांसद है. ओवैसी और उनकी पार्टी की ओर से आमतौर पर अल्पसंख्यकों के मुद्दों को दमदारी से उठाया जाता है. इसके बावजूद भी एआइएमआइएम की ओर से AMU में कोर्ट मेंबर बनने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई गई.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कोर्ट मेंबर की अहम भूमिका होती है. हालांकि टोटल कोर्ट मेंबर की संख्या करीब 193 के करीब होती है, जिसमें 10 सदस्य संसद के होते हैं. इनमें से छह लोकसभा और चार राज्यसभा के सांसद होते हैं. कोर्ट मेंबर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी का चुनाव करती है और नए कुलपति के चयन के लिए पैनल गठन में भूमिका निभाती है. AMU कोर्ट की सलाह पर कुलपति पैनल के लिए नाम राष्ट्रपति को भेजे जाते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 193 कोर्ट सदस्य के पद हैं. इनमें से सौ से अधिक पद खाली है. हालांकि रिक्त पदों पर चुनाव करने के लिए लगातार मांग उठ रही है. इसी तरह विश्वविद्यालय में 28 एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) सदस्य है, जिसमें 7 पद रिक्त है. इसके साथ ही चांसलर, प्रो वाइस चांसलर, मानद कोषाध्यक्ष का पद भी खाली चल रहा है.
पूर्व कुलपति आजीवन AMU कोर्ट के सदस्य होते हैं. सभी डीन, सेंटर के निदेशक, डीएसडब्ल्यू, लाइब्रेरियन, रजिस्ट्रार, प्राक्टर, पांच प्रवोष्ठ कोर्ट सदस्य होते हैं. 20 विभागाध्यक्ष वरिष्ठता के आधार पर, एक कोऑर्डिनेटर, सभी कॉलेज के प्राचार्य कोर्ट सदस्य होते हैं.
इसके अलावा दो प्रोफेसर, तीन एसोसिएट प्रोफेसर, पांच असिस्टेंट प्रोफेसर, पांच गैर शिक्षण कर्मी, 25 पूर्व-छात्र, 10 लोग इंडस्ट्री और वाणिज्य से, लोकसभा से छह, राज्यसभा से चार सदस्य, मुस्लिम संस्कृति व अधिगम से 15 सदस्य होते हैं.
वहीं मुस्लिम कॉलेज ओरिएंटल अधिगम से छह, वक्फ बोर्ड से 4, उर्दू भाषा व साहित्य से 2, मुस्लिम शिक्षा व सांस्कृतिक सोसाइटी से 5, छात्र संघ से चार, विभिन्न संकाय से 11 विद्यार्थी कोर्ट सदस्य चुनाव के जरिए चुने जाते हैं. इसके अलावा विजिटर नॉमिनी, चीफ रेक्टर व चांसलर नॉमिनी 1-1 कोर्ट सदस्य होते हैं. कोर्ट मेंबर के निर्वाचित सदस्य का कार्यकाल तीन साल का होता है.
एएमयू कोर्ट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के प्रशासन को लेकर सबसे महत्वपूर्ण संस्था है. यह संस्था अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परिवर्तन और नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस संस्था में 10 सदस्य होते हैं, जिनमें से 6 लोकसभा और 4 राज्यसभा के सांसद होते हैं. यह संस्था अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी का चुनाव करती है और नए कुलपति के चयन के लिए जो पैनल बनता है, इसी संस्था की सलाह पर पैनल के लिए नाम भी विजिटर के सामने पेश किए जाते हैं. एएमयू से जुड़े अहम मामलों को लेकर सीधे तौर पर जुड़े होने के कारण इसका बेहद महत्व होता है.