सीसीएल हजारीबाग कोयलांचल क्षेत्र के तापिन साउथ परियोजना के फुसरी के रैयतों ने जमीन के बदले नौकरी देने की मांग को लेकर गुरुवार को खदान अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया. इससे सीसीएल का उत्पादन, ट्रांसपोर्टिंग सहित अन्य कार्य पूरी तरह से बाधित रहा. सीसीएल को लाखों का नुकसान हुआ. रैयत विस्थापित मोर्चा फुसरी ने अनिश्चित कालीन खदान बंद आंदोलन के दौरान सीसीएल तापिन साउथ परियोजना कार्यालय में फुसरी के रैयतों व सीसीएल प्रबंधन के बीच वार्ता हुई. वार्ता में रैयत विस्थापित मोर्चा फुसरी इकाई के अध्यक्ष रामकिशोर मुर्मू, सचिव मन्नू टुडू, आउट सोर्सिंग कंपनी प्रतिनिधि रमेश रेड्डी, सीसीएल प्रबंधन की ओर से चरही सीसीएल महाप्रबंधक कमलेश कुमार सिन्हा व सीसीएल तापिन साउथ परियोजना पदाधिकारी मनोज कुमार पांडेय, सम्प्रेषण पदाधिकारी विकास कुमार सिंह, उपप्रबंधक सारांश श्रेष्ठ, नोडल अधिकारी क्षितिज अग्रवाल शामिल थे.
बैठक में सीसीएल प्रबंधन की ओर से रैयतों को लिखित आश्वासन देकर खदान बंद आंदोलन को स्थगित कराया. सीसीएल प्रबंधन ने चार अक्टूबर तक जमीन के बदले नौकरी के लिए दिये गये आवेदन का निष्पादन व अन्य मांगे को पूरा करने की बात कही. रैयत विस्थापित मोर्चा फुसरी के अध्यक्ष रामकिशोर मुर्मू व सचिव मन्नू टुडू ने सीसीएल के तापिन साउथ परियोजना पदाधिकारी को पत्र लिखा था.
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इस पत्र में कहा था कि रैयत विस्थापित मोर्चा के अध्यक्ष रामकिशोर मुर्मू व सचिव मन्नू टुडु ने कहा कि ग्राम फुसरी में रकबा -906. 45एकड़ जो पूर्णतः सीसीएल द्वारा अधिग्रहित है. अब तक मात्र जमीन के बदले 36 नौकरी ही मिली है. 2011 से अब तक 19 रैयत नौकरी के लिए आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक सीसीएल प्रबंधन तथा संबंधित सक्षम पदाधिकारी तथा संबंधित सक्षम जनप्रतिनिधियों से सहयोग नहीं मिला.