Kakori Train Action: लखनऊ , नौ अगस्त 1925 को काकोरी में अंग्रेजों के खजाने से लूटे गए धन से स्वतंत्रता आंदोलन को गति मिली थी. दिसंबर 1925 से अगस्त 1927 तक लखनऊ के रोशनुद्दौला कचहरी , फिर बाद में रिंग थिएटर ( जीपीओ ) में यह मुकदमा चला. इसमें करीब 10 लाख रुपये खर्च हुए, 19 दिसंबर 1927 को काकोरी कांड के प्रमुख नायकों को फांसी दी गई थी. देश को आजादी दिलाने के लिए ब्रिटिशराज के विरुद्ध छिड़े युद्ध में क्रांतिकारियों को हथियार खरीदने थे , जिसके लिए अंग्रेजी सरकार के खजाने ( करीब 4600 रुपये ) को लूटने की योजना बनाई गई थी. शहीद स्मारक आयोजन समिति के महामंत्री ने बताया कि योजना को कामयाब बनाने के लिए शाहजहांपुर में सात अगस्त 1925 को क्रांतिकारियों ने बैठक कर अपनी रणनीति तय की थी.
Kakori Train Action: Lucknow, on August 9, 1925, in Kakori, the freedom movement gained momentum with the money looted from the British treasury. From December 1925 to August 1927, the trial took place in Lucknow’s Roshanuddaula Court, then later in the Ring Theater (GPO). About 10 lakh rupees were spent in this, on December 19, 1927, the main heroes of the Kakori incident were hanged. Revolutionaries had to buy weapons in the war against the British Raj to get freedom for the country, for which a plan was made to loot the British government’s treasury (about 4600 rupees). The General Secretary of the Martyr’s Memorial Organizing Committee told that in order to make the plan successful, on August 7, 1925, the revolutionaries had decided their strategy by meeting in Shahjahanpur.