Independence Day 2023: गंगा किनारे बसे क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के शहर ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 की भोर होने तक का इंतजार नहीं किया गया था. 1857 की क्रांति से अहिंसा आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कानपुर में 14 अगस्त की आधी रात 12 बजे तारीख बदलते ही मेस्टन रोड स्थित बीच वाले मंदिर के शिखर पर झंडारोहण किया गया था.
रात में ही मेस्टन रोड की सड़क आजादी के मतवालों के हुजूम से ठसाठस भर गई थी. कानपुर में आजादी के 76वें स्वतंत्रता दिवस का जोश है घरों में तिरंगा लहरा रहे हैं. बाजारों में तिरंगे की मांग है. देशभक्त शहरवासी बाजार से खुद झंडा खरीद रहे है. वहीं बाजार में 20 से लेकर 300 रुपये तक के झंडे बिक रहे हैं.
शहर के मेस्टन रोड में बीच सड़क पर बने मंदिर पर 14 अगस्त 1947 की आधी रात 12 बजे स्वाधीनता देवी का आह्वान कर झंडा रोहण किया गया. 94 वर्षीय बुजुर्ग कांग्रेसी शंकर दत्त मिश्रा बताते हैं कि शहर का पहला झंडारोहण शहर कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन शहर अध्यक्ष स्वाधीनता संग्राम सेनानी शिवनारायण टंडन ने झंडा फहराया. फूलबाग मैदान के केईएम भवन में सुबह 8 बजे भी झंडारोहण किया गया. मेस्टन रोड स्थित तिलक हाल से निकला जुलूस फूलबाग मैदान में पहुंचा था.
यहां पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत सभा को संबोधित करने आए थे. बताते चले कि शहर में 76वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर काफी उत्साह है. लोग झंडा फहराने की तैयारी में जुटे है. स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर जगह जगह नुक्कड़ नाटक हो रहे कई जगह पर तिरंगे के सफर की प्रदर्शनी लगी है. सेल्फी कार्यक्रम आयोजित हुए सुबह प्रभात फेरियां निकलेंगी. शहर के शहीद स्मारक पर राष्ट्रभक्त गीत बजेंगे. स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को परिजनों के सम्मानित किया जाएगा.
जेसी आई क्लब कानपुर ने इस बार फिर फूलबाग में 130 फिट झंडा फहराने की तैयारी उत्साह से की है क्लब के सदस्य झंडे घर में लगाकर सेल्फी डालेंगे. क्लब ने चलो, सब फहराएं साथ, कदम भी मिले और मिले हाथ स्लोगन दिया है. ऑनलाइन तिरंगा की भी बिक्री खूब हो रही है. एक कंपनी कपड़े का बना चार फिट लंबा और छह फिट चौड़ा झंडा 17 सौ रुपये तक में बेच रही है. बड़े साइज के इस झंडे की डिमांड भी काफी ज्यादा है.