एल्डोस पॉल की अगुआई में भारत ने रविवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष त्रिकूद स्पर्धा में पहले दो स्थान पर कब्जा जमाकर इतिहास रचा. पॉल के स्वर्ण पदक के अलावा केरल के उनके साथी एथलीट अब्दुल्ला अबूबाकर ने भी इस स्पर्धा का रजत पदक जीता. दूसरी ओर, महिलाओं के भाला फेंक स्पर्द्धा में अनु रानी ने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है. भाला फेंक में कॉमनवेल्थ गेम्स में वह पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं.
ट्रिपल जंप की बात करें तो एल्डोस पॉल ने अपने तीसरे प्रयास में 17.03 मीटर की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय की. अबूबाकर 17.02 मीटर के प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर रहे. अबूबाकर ने अपने पांचवें प्रयास में यह दूरी तय की. बरमूडा के जाह-एनहाल पेरिनचीफ ने 16.92 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता. भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में त्रिकूद में चार पदक जीते हैं लेकिन यह पहला मौका है जब देश के दो एथलीट ने एक साथ पोडियम पर जगह बनायी है.
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एक सबसे मजेदार बात यह हुई कि एक और भारतीय एथलीट इसी मैच में चौथे नंबर पर रहा और काफी कम अंतर से कांस्य पदक से चूक गया, नहीं तो सभी तीन मेडल भारत के खाते में आ जाते. प्रवीण चित्रावल चौथे नंबर पर रहे. मोहिंदर सिंह गिल ने 1970 और 1974 में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीता जबकि रंजीत महेश्वरी और अरपिंदर सिंह 2010 और 2014 में तीसरे स्थान पर रहे.
अनु रानी ने रविवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया, वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश ही पहली महिला भाला फेंक खिलाड़ी बन गयीं. रानी ने अपने तीसरे प्रयास में 60 मीटर दूर भाला फेंककर तीसरा स्थान हासिल किया. विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की केलसे ली बार्बर ने 64.43 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता.
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ऑस्ट्रेलिया की ही मैकेंजी लिटिल 64.27 मीटर के थ्रो से दूसरे स्थान पर रहीं. रानी से पहले राष्ट्रमंडल खेलों में काशीनाथ नायक और ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में क्रमश: कांस्य और स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. नायक ने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में जबकि चोपड़ा ने 2018 गोल्ड कोस्ट में पदक जीते थे.