Indian Women Softball Team To Debut In Asian Games 2023: चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से शुरू हो रहे एशियन गेम्स 2023 में सॉफ्टबॉल पदार्पण करेगा. भारतीय सॉफ्टबॉल संघ (SBAI) ने सोमवार को 16 सदस्यीय भारतीय महिला टीम की घोषणा की, जो चीन के हांगझोउ में एशियाई खेलों में पदार्पण करेगी. एसबीएआई ने बताया कि टीम एक स्टैंडबाय और तीन रिजर्व का चयन संभावित खिलाड़ियों की सूची में से ट्रायल के बाद किया गया. दिल्ली में जून जुलाई में दो सप्ताह का कोचिग सह ट्रायल शिविर लगाया गया था.
एशियाई खेलों में भारतीय महिला सॉफ्टबॉल टीम लेगी हिस्सा
भारतीय महिला टीम की एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार भागीदारी को देखते हुए सॉफ्टबॉल एशिया ने उसे वाइल्ड कार्ड के जरिये प्रवेश दिया. इसे फरवरी में सॉफ्टबॉल एशिया की कार्यकारी समिति ने मंजूरी दी. एसबीएआई अध्यक्ष नीतल नारंग ने कहा, ‘एशियाई खेलों में भारतीय महिला सॉफ्टबॉल टीम के भाग लेने से हमारे खिलाड़ियों को उपमहाद्वीप की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ खुद को साबित करने का मौका मिलेगा. इससे खेल की लोकप्रियता भी बढेगी.’
भारतीय टीम: ऐश्वर्य रमेश पुरी, ऐश्वर्य सुनील बोडके, मोनाली मानसिंह नातू, स्वप्निल सी वेनाडे, साई अनिल जोशी, अंजलि पल्लीक्कारा, स्टेफी साजी, रिंटा चेरियन, ममता जी, गंगा सोना, ममता मिन्हास, संदीप कौर, कुमारी मनीषा, ईशा, स्वेतासिनी साबर, नित्या मालवी, प्रियंका बघेल (स्टैंडबाय)
रिजर्व : मनीषा कुमारी, प्रीति वर्मा, चित्रा.
Softball Association of India President Neetal Narang has announced the Indian team for the Asian Games. India secured a wildcard entry to Hangzhou2022.
"It signifies the opportunity for our players to prove their mettle against the best teams in Asia. This milestone holds the… pic.twitter.com/HJGzH0pm6A— G Rajaraman (@g_rajaraman) July 24, 2023
सॉफ्टबॉल क्या है?
सॉफ्टबॉल एक रोमांचक और लोकप्रिय खेल है जो विश्वभर में खेला जाता है. यह एक बैट और गेंद से खेले जाने वाले टीम खेल है, जिसमें दो टीमें एक दूसरे के खिलाफ मुकाबला करती हैं. इस खेल में क्रिकेट की तरह खिलाड़ियों को रन बनाने और दूसरी टीम के खिलाड़ियों को आउट करने का मौका मिलता है. सॉफ्टबॉल के खेलने के लिए एक छोटे से मैदान, एक गेंद और एक बैट की आवश्यकता होती है. गेंद एक छोटी और सॉफ्ट गोल्डन रंग की गेंद होती है, जिसे खिलाड़ियों को बैट से मारकर दूसरी टीम के फ़ील्डर्स को आउट करने की कोशिश की जाती है. इस खेल में प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ियों की संख्या होती है, जिन्हें अलग-अलग रोल्स निभाने के लिए बनाया जाता है.
सॉफ्टबॉल के नियम
सॉफ्टबॉल के नियम और विधान अलग-अलग राष्ट्रों और संघों के अनुसार थोड़े भिन्न हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह दो टीमों के बीच खेला जाता है. आम तौर पर, खिलाड़ियों को रन बनाने के लिए चार बेस हैं, जिन्हें पूरा करके खिलाड़ी रन बनाते हैं और अंत में सबसे अधिक रन बनाने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता है.
सॉफ्टबॉल खेलने से शारीरिक सक्रियता और समन्वय बढ़ता है. इसके लिए खेलकूद के अनुभवी खिलाड़ियों को धैर्य, तकनीक, और सही रणनीति की आवश्यकता होती है. यह खेल सोशलाइजिंग, टीमवर्क, और समरसता का अच्छा माध्यम है और इसे स्कूलों, कॉलेजों, क्लब्स, और अन्य सामुदायिक स्तर पर खेला जाता है. सॉफ्टबॉल खेलने से लोगों में अनुशासन, स्वयंसेवा भाव, और नैतिकता का विकास होता है और इससे सेहत और मनोबल दोनों ही सुधारता है.
सॉफ्टबॉल के प्रकार
सॉफ्टबॉल कई प्रकार के होते हैं और इन्हें अलग-अलग आयोजन तथा नियमों के साथ खेला जाता है. मुख्य रूप से इसे दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है – गोल्डन बॉल सॉफ्टबॉल और टीम बॉल सॉफ्टबॉल.
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गोल्डन बॉल सॉफ्टबॉल: गोल्डन बॉल सॉफ्टबॉल एक प्रसिद्ध और प्रचलित प्रकार का सॉफ्टबॉल है. इसमें खेल केवल एक गोल्डन बॉल या सॉफ्ट गेंद का प्रयोग किया जाता है, जिसे खिलाड़ियों को बैट से मारकर दूसरी टीम के फील्डर्स को आउट करने की कोशिश की जाती है. इस प्रकार के सॉफ्टबॉल में एक टीम में नौ खिलाड़ियों की संख्या होती है.
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टीम बॉल सॉफ्टबॉल: टीम बॉल सॉफ्टबॉल एक और प्रमुख प्रकार का सॉफ्टबॉल है, जिसमें दो टीमों के बीच खेला जाता है. इसमें एक बैटमैन एक बैट से गेंद को मारकर रन बनाता है, और आउट होने पर उसे रिसाव करता है. टीम बॉल सॉफ्टबॉल में प्रत्येक टीम में अनुमति दी जाती है कि जितने खिलाड़ियों को वे चाहें उतने खिलाड़ियों की संख्या हो सकती है.
सॉफ्टबॉल का इतिहास
सॉफ्टबॉल की उत्पत्ति के बारे में कई थियोरियां हैं. इसे 1887 में यूनाइटेड स्टेट्स के ग्यारेटर एमीज जॉर्ज ने विकसित किया था, जिसे फॉर्ड जॉर्ज द्वारा भी सहायता मिली थी. पहले इसे इंडोर बेसबॉल के नाम से जाना जाता था. बाद में, 1926 में इसे सॉफ्टबॉल के नाम से जाना जाने लगा और यह नाम आज भी विकसित हो रहा है.