बिहार के इकलौते टाइगर रिजर्व वीटीआर में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं. फिलहाल बाघों की नई गणना रिपोर्ट जारी नहीं हुई है. इसे बहुत जल्द जारी होने की संभावना है, लेकिन अनुमान के मुताबिक राज्य के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में इनकी संख्या 50 हो सकती है.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 2018 में बाघों की संख्या 31 थी. इनमें से छह की अब तक मौत हो चुकी है. इसमें वर्ष 2019 में एक, 2020 में एक और 2021 में चार बाघों की मौत हो चुकी है. ऐसे में 2018 के आंकड़ों के अनुसार वीटीआर में 25 बाघ बचे हैं. वहीं राजगीर जू सफारी में दो बाघ और सात शेर लाये गये हैं.
सूत्रों के अनुसार वीटीआर में बाघों की गणना के लिए करीब 229 जोड़े ट्रैप कैमरे लगाये गये थे. इन कैमरों में कैद हुई तस्वीरों सहित बाघों के पद चिन्हों सहित अन्य जानकारी के माध्यम से बाघों की गणना दिसंबर 2021 में ही पूरी हो गई थी. इसमें बाघों की अनुमानित संख्या करीब 50 है. हालांकि इसकी वैध संख्या की घोषणा बहुत जल्द होने की संभावना है. वीटीआर में अधिकतम 43 बाघों को ही रखने की क्षमता है. ऐसे में अधिक बाघ होने पर उन्हें कैमूर के जंगल में छोड़ा जा सकता है.
कैमूर जंगल को भी इस साल टाइगर रिजर्व घोषित होने की संभावना है. इसे लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सैद्धांतिक सहमति दे चुका है. यह राज्य में वीटीआर के बाद दूसरा टाइगर रिजर्व होगा. इसके लिए मई 2022 में केंद्रीय टीम ने कैमूर वन क्षेत्र का दौरा कर आबादी और जंगल वाले हिस्से की जानकारी ली थी. इसके तहत कोर एरिया, बफर एरिया व कॉरिडोर को चिह्नित किया गया था. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी उन्हें सभी स्थितियों से अवगत करवाया था. अब केंद्रीय टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से टाइगर रिजर्व के लिए अंतिम प्रस्ताव केंद्र को भेजा जायेगा.
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मार्च 2020 में कैमूर वन अभ्यारण्य में वन विभाग द्वारा लगाये गये कैमरा ट्रैप में विचरण करते बाघ की तस्वीर कैद हुई थी. इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा गठित टीम ने यहां का दौरा किया था. टाइगर रिजर्व घोषित होने से इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जा सकेगा , जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी. साथ ही पर्यटन का भी विकास होगा. वर्तमान में यहां के वन क्षेत्रों में भालू, तेंदुआ व हिरण सहित कई जानवरों की मौजूदगी है. साथ ही प्रवासी पक्षी भी आते हैं.