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International Toilet Day: आगरा में लाखों रुपए से बने पिंक शौचालयों पर लगे ताले, महिलाओं को होती है परेशानी

पूरे विश्व में हर साल 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे यानी कि विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है. लेकिन विश्व शौचालय दिवस पर आगरा शहर में नगर निगम द्वारा बनाए गए पिंक टॉयलेट (इज्जत घर) की हालत बद्तर है. जब से यह पिंक टॉयलेट बने हैं तब से इन्हें संचालित नहीं किया जा रहा है.

वर्ल्ड टॉयलेट डे यानी कि विश्व शौचालय दिवस पूरे विश्व भर में हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है. लेकिन विश्व शौचालय दिवस पर आगरा शहर में नगर निगम द्वारा बनाए गए पिंक टॉयलेट (इज्जत घर) की हालत बद से बद्तर है. जब से यह पिंक टॉयलेट बने हैं तब से ही इन्हें सही से संचालित नहीं किया जा रहा है. अधिकतर पिंक टॉयलेट पर ताला पड़ा रहता है. जो खुले हुए हैं उनकी स्थिति भी काफी निराशाजनक है. जिन कंपनियों को इन टॉयलेट का रख-रखाव की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्हें नगर निगम द्वारा मोटा भुगतान किया गया है. लेकिन निजी कंपनियों द्वारा पिंक टॉयलेट के रखरखाव में बड़ी लापरवाही बरती गई. जिसका नतीजा यह हुआ कि आगरा के सभी टॉयलेट अब करीब एक महीने से ज्यादा समय से पूर्ण रूप से बंद पड़े हुए हैं. और कोई भी कंपनी अब इनका रखरखाव नहीं कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई थी. प्रधानमंत्री ने राजपथ से घोषणा की थी कि जब 2019 में हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे तो देश को स्वच्छ भारत बनाकर बापू को स्वच्छांजली दे सकते हैं. लेकिन आगरा में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली. स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान के तहत बनाए गए आगरा के सभी इज्जत कर बंद पड़े हुए हैं.

65 लाख रुपए में तैयार हुए थे 30 पिंक टॉयलेट

स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2019 के तहत आगरा में नगर निगम द्वारा शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों और सड़क किनारे पर करीब 30 पिंक टॉयलेट का निर्माण किया गया था. यह पिंक टॉयलेट खासकर महिलाओं के लिए तैयार किए गए थे. जिससे कि बाजार में रोजमर्रा के काम और खरीदारी करने आने वाली महिलाओं को प्रसाधन के लिए भटकना न पड़े. लेकिन काफी समय से यह सभी शौचालय शोपीस बने हुए हैं. अधिकतर शौचालय पर ताले लटके हुए हैं. महिलाओं को प्रसाधन के लिए इधर-उधर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है और काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आगरा के प्रमुख बाजार संजय प्लेस, कमला नगर, राजा मंडी, जोहरी बाजार, बेलनगंज, फुव्वारा मार्केट जैसे स्थानों पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बने हुए हैं. नगर निगम द्वारा शुरू किए गए सभी 30 पिंक टॉयलेट को बनाने के लिए करीब 65 लाख रुपए का खर्चा हुआ था. इसके बाद निजी कंपनी सीएलसी को इनके रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसके लिए कंपनी को हर महीने 2 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया जाता था. लेकिन कंपनी द्वारा पिंक शौचालय कर रखरखाव सही से नहीं किया गया. अधिकतर पिंक शौचालय पर हमेशा ताला पड़ा रहता था. और जो खुले हुए थे उनमें या तो पानी की व्यवस्था नहीं थी या फिर गंदगी व्याप्त रहती थी. इसकी वजह से महिलाओं द्वारा इनका प्रयोग भी नहीं किया गया. वहीं नियम अनुसार हर पिंक टॉयलेट पर महिला कर्मचारी ड्रेस पहनकर तैनात होनी थी. लेकिन किसी भी पिंक टॉयलेट पर कोई भी महिला कर्मचारी कभी दिखाई ही नहीं पड़ी.

अब तक दो कंपनियों के साथ रद्द हो चुका है करार

पूर्व में नगर निगम के नगर आयुक्त रहे निखिल टीकाराम फुंडे से जब इस मामले की शिकायत की गई तो उन्होंने सीएलसी कंपनी से करार रद्द कर दिया और पिंक टॉयलेट की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को सौंप दी थी. जिसके लिए कंपनी को करीब 143000 रूपये महीने का भुगतान किया जाने लगा. शुरुआती दिनों में सुलभ इंटरनेशनल ने आगरा के सभी पिक टॉयलेट का रख रखाव सही ढंग से किया. लेकिन कुछ समय बाद फिर से वही हालात हो गए. अधिकतर पिक टॉयलेट पर ताला पड़ गया या फिर उनकी सीवर लाइन बंद हो गई या अधिकतर पर पानी की टंकी ही गायब हो गई. और यहां तक की किसी भी पिंक टॉयलेट पर कोई भी महिला कर्मचारी तैनात ही नहीं की गई. इसके बाद वर्तमान में नगर निगम के नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल से इसकी शिकायत की गई. जिसके बाद नगर आयुक्त ने सुलभ इंटरनेशनल का करार रद्द कर दिया. नगर आयुक्त द्वारा करीब डेढ़ महीने पहले सुलभ इंटरनेशनल से पिंक टॉयलेट के रखरखाव को रद्द किया था. उसके बाद से अब सभी 30 पिंक टॉयलेट पर ताला पड़ा हुआ है.

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इन पर ताला ही लगाना था तो बनाया ही क्यों- महिलाएं

बाजार में आने वाली महिलाओं और युवतियों का कहना है कि जब हमारी सुविधा के लिए यह पिंक शौचालय बनाई गई थी. तो अब इनके बंद होने से क्या फायदा. जब इन पर ताला ही डाल कर रखना था तो इन्हें बनाया ही क्यों गया. क्यों इतना खर्चा किया गया. पिंक टॉयलेट के बंद होने की वजह से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नगर निगम से हमारी यही मांग है कि शहर के सभी पिक टॉयलेट को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और सही से इनका रखरखाव किया जाए. आगरा की महापौर हेमलता दिवाकर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि निजी कंपनी द्वारा पिंक शौचालय का रखरखाव किया जा रहा था. उसका टेंडर समाप्त हो गया है. जल्द ही किसी दूसरी कंपनी को टेंडर देकर इज्जत घरों को फिर से सुचारु किया जाएगा. जिससे महिलाएं इनका इस्तेमाल कर सके और बाजार में प्रसाधन के लिए होने वाली परेशानी से बच सकें.

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