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IPS प्रभाकर चौधरी बने “नायक”, फेसबुक, ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम तक पर मिल रही तारीफ, जानें क्या बोले युवा…

सोशल मीडिया पर प्रभाकर चौधरी ट्रेंड कर रहे हैं. युवाओं के नायक बन गए हैं. तबादले के के बाद से उनके समर्थन में बेबाक राय रखने वालों की संख्या लाखों में पहुंच गई है.

बरेली : यूपी कैडर 2010 बैच के आईपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी का रविवार रात बरेली से तबादला हो गया. उनको पीएसी की 32 वीं बटालियन, लखनऊ में सेनानायक के पद पर भेजा गया है. विपक्षी दलों ने प्रभाकर के तबादला को राजनैतिक मुद्दा बनाते हुए सरकार पर दंगा रोकने वाले आईपीएस अफसर को हटाने का आरोप लगाया. इस ट्रांसफर पर सरकार को घेरा था. हालांकि, सरकार की ओर से दावा किया गया है कि आईपीएस प्रभाकर ने खुद ट्रांसफर मांगा था. इस सभी के बीच सोशल मीडिया पर प्रभाकर चौधरी ट्रेंड कर रहे हैं. युवाओं के नायक बन गए हैं. तबादले के के बाद से उनके समर्थन में बेबाक राय रखने वालों की संख्या लाखों में पहुंच गई है.

राजनीति कार्यप्रणाली पर पूरी तरीके से हावी

बरेली के अरविंदर सिंह बेदी ने लिखा है कि “पुलिस का इकबाल बुलंद रहे, जय हो, एसएसपी बरेली प्रभाकर चौधरी जी को धन्यवाद, उन्होंने बरेली को दंगे से बचाया”. सिविलाइजाइड ग्रुप पर लिखा है, प्रभाकर चौधरी शानदार आईपीएस अफसर हैं, लॉ एंड ऑर्डर के आगे किसी की नहीं सुनते और ना मानते हैं.आज बरेली में उत्पतियों को सबक सिखाया, तो ऊपर वाले नाराज हो गए. कुर्सी छीन ली है.उनकी इस पोस्ट पर अरविंद यादव,.असलम रजा, मोहम्मद अफसर अली, सलीम खान आदि ने आईपीएस को सैल्यूट किया है तो वहीं मोहम्मद शकील खान ने लिखा है,यही होता है इस देश में राजनीति कार्यप्रणाली पर पूरी तरीके से हावी है,तो वहीं दिनेश कुमार ने लिखा है कि पुलिस काम न करें, तो सरकार की सुने,और काम करे, तब भी सरकार की सुने, सैल्यूट सर.

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‘ तबादलों से स्थान बदल सकते हैं, इरादे नहीं ‘

जितेंद्र वर्मा, और राहुल कश्यप मांझी ने फेसबुक पर लिखा है कि आईपीएस प्रभाकर चौधरी का तबादला, 10 साल में 21 वा तबादला. हेमंत सिंह लिखते हैं ईमानदार की कोई जगह नहीं.पवन किशोर गुप्ता ने लिखा है कि ईमानदार को तबादला ही मिलता है, मेडल नहीं.शरीफ हुसैन ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि पारदर्शिता से काम करने वाले एसएसपी का तबादला.तबादलों से स्थान बदल सकते हैं, इरादे नहीं. ऋषि पाल पहाड़िया ने लिखा है कि बरेली में कांवड़ में फायरिंग किसने की ?, क्या कांवड़िए हथियार लेकर चलते हैं, एक वीडियो यही कह रहा है, जिसके चलते आईपीएस का तबादला हो गया.इसी तरह की पोस्ट मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने की हैं.

जानें मामला

बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में पिछले रविवार को कांवड़ियों के जत्थे के निकलने के बाद बबाल की शुरुआत हुई थी. यहां की शाह नूरी मस्जिद के पास कुछ उपद्रवियों ने रंग उड़ा दिया था.इसके बाद पथराव किया गया.इस मामले में पार्षद के पुत्र की तरफ से मुकदमा दर्ज कर पूर्व पार्षद को जेल भेजा गया था.मगर, दो दिन पहले रविवार को कांवड़ जत्था निकलवाने की पुलिस, और प्रशासन के अफसर कोशिश कर रहे थे.इसी बीच कुछ उपद्रवियों ने अवैध हथियार से फायरिंग कर दी थी.इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था.मगर, इसके कुछ घंटे बाद ही एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला हो गया था.

बरेली को दंगे की आग में सुलगाने की थी साजिश

कुछ अराजक तत्व बरेली को बार-बार दंगे की आग में सुलगाने की कोशिश कर रहे थे. एसएसपी प्रभाकर चौधरी की संजीदगी (अलर्ट) से खुराफातियों के मंसूबे सफल नहीं पा रहे थे. पिछले रविवार को बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में एक धर्म स्थल के पास डीजे की धुन पर कुछ अराजक तत्वों ने कांवड़ियों के जत्थे में शामिल होकर पाउडर उड़ाया. इसके बाद पथराव हो गया. एसएसपी ने मामला संभाल लिया था. इस मामले में पार्षद के पुत्र अमित की ओर से पूर्व पार्षद उसमान अल्वी समेत 100 से 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई. वहीं जोगी नवादा चौकी इंचार्ज अमित कुमार ने 200 से 250 अज्ञात लोगों पर एफआईआर कराई. पुलिस मामले की जांच कर रही थी. इससे पहले दो दिन पहले रविवार को फिर नए रूट से कांवड़ यात्रा जुलूस की जिद की. पुलिस ने दूसरे समुदाय को समझाकर जुलूस निकलवाना शुरू कर दिया. मगर,कांवड़ के जत्थे में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने डीएम और एसएसपी के सामने ही अवैध तमंचों से फायरिंग कर दी. इससे माहौल बिगड़ने लगा.

12 मार्च को  मिली तैनाती

बरेली के एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया का डीआईजी के पद पर प्रमोशन होने के बाद वाराणसी भेजा गया था. उनकी जगह यूपी के तेजतर्रार आईपीएस प्रभाकर चौधरी को 12 मार्च, 2023 को यहां तैनाती मिली. यहां आने से पहले वह सीतापुर में पीएसी के सेनानायक थे. बरेली में माफिया अतीक अहमद और अशरफ का प्रकरण चल रहा था. यहां कई लोगों को जेल भेजा.यह मामला शांत हो गया.उनकी पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मेरठ में वाहन चोरी का धंधा खत्म करने पर तारीफ की थी.वह अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं.बुलंद शहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हिंदू संगठन के लोगों ने हत्या कर दी थी. उस वक्त भी उनको भेजा गया था.उन्होंने स्थिति को संभाला था.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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