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वाराणसी: IRCTC की दो सौ से अधिक आईडी को किया गया ब्लैक लिस्टेड, रेल टिकटों की दलाली करने वालों पर लगेगा लगाम

आईआरसीटीसी पर एकाउंट बनाकर टिकट बिक्री करने वाले दो सौ से अधिक फर्जी आईडी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. आईआरसीटीसी ने काफी दिनों से बंद और फर्जी आईडी को बंद कर दिया है. साथ ही टिकट दलालों पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ की एसआईबी ने भी अभियान शुरू किया है.

त्योहार को देखते हुए रेल टिकट के दलाल भी एक्टिव हो गए हैं. आईआरसीटीसी पर एकाउंट बनाकर टिकट बिक्री करने वाले दो सौ से अधिक फर्जी आईडी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. आईआरसीटीसी ने काफी दिनों से बंद और फर्जी आईडी को बंद कर दिया है. साथ ही टिकट दलालों पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ की एसआईबी ने भी अभियान शुरू किया है. आईआरसीटीसी अधिकारियों के अनुसार बीते दिनों फर्जी आईडी के माध्यम से बनाए गए एकाउंट को चिह्नित कर कार्रवाई की थी. इसमें से कई एकाउंट का ब्यौरा आरपीएफ की सीआईबी टीम ने दी थी, इसके बाद आईडी को ब्लाक किया गया. बीते एक माह के अंदर आरपीएफ की एसआईबी विंग ने कई टिकट दलालों को पकड़ा था, जो कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट में फर्जी एकाउंट बनाकर ऑनलाइन रेल टिकटों की बिक्री करते थे. ये जरूरतमंदों को मनमाने दाम पर बेचते थे. कैंट आरपीएफ पोस्ट की एसआईबी ने आरोपियों के पास से पकड़े गए एकाउंट की पूरी डिटेल आईआरसीटीसी को सौंपी थी.

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दुरुपयोग न हो, इसलिए बंद किए गए एकाउंट- आईआरसीटीसी

आईआरसीटीसी अधिकारियों के अनुसार आईआरसीटीसी की नई दिल्ली आईटी की टीम ने छह माह पूर्व उत्तर रेलवे में 500 से अधिक फर्जी और बंद पड़े एकाउंट को चिह्नित किया था. इसमें लखनऊ मंडल की आरपीएफ की एसआईबी ने जांच शुरू की. बंद पड़े एकाउंट को कई बार रिमांइडर भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इससे यह माना गया कि इस एकाउंट का उपयोग नहीं हो रहा है. इस आधार पर उसे बंद किया गया, ताकि भविष्य में उस एकाउंट का कोई दुरुपयोग नहीं हो. जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी आईडी से ई-टिकट जनरेट करने वाले तरह-तरह के साफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करते हैं. आईआरसीटीसी के एजेंट तत्काल की प्रक्रिया में रहते हैं तब तक यह लोग साफ्टवेयर की मदद से कई तत्काल टिकट निकाल चुके होते हैं. दिवाली, छठ पूजा में सीट के लिए रेल टिकट एजेंटों के यहां खूब मारामारी है. एक टिकट के पीछे पांच सौ से हजार रुपये लेकर टिकट देते हैं.

दो दिन में पकड़े गए थे 2 दलाल

गौरतलब है कि आठ नवंबर को आरपीएफ की एसआईबी ने बड़ागांव थाना क्षेत्र के साधोगंज स्थित टूर एंड ट्रवेल्स संचालक ज्वायदीप पटेल को गिरफ्तार किया था. इसके कब्जे से 42 ई-टिकट बरामद हुए थे. लैपटॉप, मोबाइल के सहारे टिकट बनाया जा रहा था. एसआईबी के इंस्पेक्टर अभय राय के अनुसार ज्वायदीप पटेल एजेंट आईडी के नाम पर व्यक्तिगत आईडी बनाकर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ई-टिकट बनाता था. वहीं सात नवंबर को ज्ञानपुर रोड के समीप से दुकान में छापा मारकर कुलभूषण सिंह को गिरफ्तार किया गया था. 10 ई-टिकट व टिकट बनाने वाले उपकरण बरामद हुए थे. एसआईबी इंस्पेक्टर अभय राय ने बताया कि कुलभूषण सिंह फर्जी तरीके से क्षेत्र के एक विधायक के लेटर पैड पर कोटा लगवाकर कंफर्म टिकट यात्रियों को बेचता था.

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