छत्तीसगढ़ के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, वाणिज्यिक कर (पंजीयन एवं मुद्रांक) मंत्री जयसिंह अग्रवाल उर्फ जयसिंह भैया अब तक कोरबा विधानसभा सीट पर अजेय रहे हैं. कोरबा विधानसभा सीट पर अब तक तीन बार चुनाव हुए हैं और हर बार जयसिंह अग्रवाल ने ही जीत दर्ज की है. पिछली बार 43.28 फीसदी वोट हासिल कर वह पहले स्थान पर रहे थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी के विकास महतो रहे थे, जिन्हें 35.99 फीसदी वोट मिले थे. जेसीसी (जे) और निर्दलीय को क्रमश: 12.92 फीसदी और 3 फीसदी वोट मिले थे.
हरियाणा के झझ्झर में हुआ जयसिंह अग्रवाल का जन्म
हरियाणा के झझ्झर जिले के मतनहेल में एक मार्च 1963 को रामकुमार अग्रवाल के घर जन्मे जयसिंह अग्रवाल 90 के दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. 1994 में वह विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कोरबा के सदस्य थे. वर्ष 1996 से 1998 तक वह विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था. मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड भोपाल के सदस्य, अग्रवाल समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष, लायंस क्लब कोरबा के चार्टर सदस्य और रोगी कल्याण समिति कोरबा के संरक्षक सदस्य रहे.
सात साल तक छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री रहे
वर्ष 2000 से वर्ष 2003 तक जयसिंह अग्रवाल छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं नगरीय निकाय प्रकोष्ठ के कार्यकारिणी सदस्य रहे. वर्ष 2004 से 2011 तक छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रहे. वर्ष 2008 में जयसिंह अग्रवाल उर्फ जयसिंह भैया पहली बार विधानसभा के लिए चुने गये. इसके बाद वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में भी कांग्रेस के टिकट पर कोरबा विधानसभा सीट से ही जीत दर्ज की.
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विधानसभा की समितियों में भी रहे सदस्य
वर्ष 2009-10 में उनको छत्तीसगढ़ विधानसभा की प्रत्यायुक्त विधान समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2010-11 में भी प्रत्यायुक्त विधान समिति के सदस्य बनाये गये. इसके अलावा प्रश्न एवं संदर्भ समिति में भी सदस्य रहे. इस दौरान वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के भी सदस्य रहे. वर्ष 2014-15 में उन्हें सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया.
2018 में पहली बार मंत्री बने जयसिंह भैया
वर्ष 2015-16 में उनको विशेषाधिकार समिति का सदस्य बनाया गया, तो वर्ष 2016-17 में याचिका समिति का सदस्य. 2017-18 में प्राक्कलन समिति एवं प्रश्न एवं संदर्भ समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2018-19 में उनको शासकीय आश्वासनों संबंधी समिति, नियम समिति, पटल पर रखे गये पत्रों का परीक्षण करने संबंधी समिति के सदस्य की जिम्मेदारी दी गयी. वर्ष 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो उन्हें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, वाणिज्यिक कर (पंजीयन एवं मुद्रांक) मंत्री बनाया गया.
कांग्रेस, बीजेपी के साथ बीएसपी ने भी कसी कमर
कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी, बीएसपी और अन्य दल भी छत्तीसगढ़ इलेक्शन 2023 की तैयारियों में जुटे हुए हैं. बीजपी और बीएसपी ने तो अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. आम आदमी पार्टी (आप) ने मुफ्त सौगात देने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस पार्टी ने भी जंबोजेट समितियों का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सूबे के गृहमंत्री की अगुवाई में घोषणापत्र समिति का गठन किया गया है. हालांकि, अभी चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन नवंबर के अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह में यहां विधानसभा के चुनाव करा लिए जाएंगे.
2018 में 15 सीटों पर सिमट गयी थी बीजेपी
ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में जब विधानसभा के चुनाव हुए थे, तो 15 साल से छत्तीसगढ़ में सरकार चला रही बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी. उसके सिर्फ 15 उम्मीदवार ही जीत पाये थे. यह संख्या भी घटकर अब 13 रह गयी है. कांग्रेस के 68 उम्मीदवार जीते थे और प्रचंड बहुमत के साथ पार्टी का 15 साल के बाद वनवास खत्म हुआ था. बीजेपी ने फिर से सत्ता में लौटने के लिए पूरा जोर लगा दिया है, तो कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. बीजेपी का दावा है कि इस बार उसकी ही सरकार बनेगी, तो कांग्रेस का दावा है कि उसकी सरकार बनेगी और बीजेपी दहाई अंक में भी नहीं पहुंच पायेगी.