लिरिसिस्ट जावेद अख्तर (Javed Akhtar) अक्सर अपने बयानों को लेकर लाइमलाइट में आ जाते है. हाल ही में वो ‘फैज फेस्टिवल’ में शिरकत करने लाहौर गए थे, जहां उन्होंने कहा था मुंबई पर आतंकी हमला करने वाले लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं और अगर इस बात को लेकर आम हिंदुस्तानी के दिल में शिकायत है तो आपको इसका बुरा नहीं मानना चाहिए. इसपर काफी विवाद हुआ था. अब एक बार फिर से उन्होंने ऐसा कुछ कह दिया, जिसे लेकर वो खबरों में बने हुए है.
जावेद अख्तर ने अपनी पत्नी शबाना आजमी के साथ शायराना-सरताज नाम का एक उर्दू शायरी एल्बम लॉन्च किया. इसमें जावेद अख्तर ने उर्दू भाषा के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा, उर्दू किसी और जगह से नहीं आई है… यह हमारी अपनी भाषा है. यह हिंदुस्तान के बाहर नहीं बोली जाती है… पाकिस्तान भी भारत से विभाजन के बाद अस्तित्व में आया, पहले यह भारत का ही हिस्सा था. इसलिए भाषा हिंदुस्तान के बाहर नहीं बोली जाती.”
जावेद अख्तर ने आगे कहा, पंजाब का उर्दू के प्रति बड़ा योगदान है और यह भारत की भाषा है! लेकिन आपने यह भाषा क्यों छोड़ी? विभाजन के कारण? पाकिस्तान की वजह से? उर्दू पर ध्यान देना चाहिए. पहले हिन्दुस्तान ही था – पाकिस्तान बाद में हिन्दुस्तान से अलग हो गया. अब पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर हमारा है… क्या आप ऐसा मानेंगे? मुझे नहीं लगता. इसी तरह उर्दू एक हिंदुस्तानी भाषा है और यह बनी हुई है. आजकल हमारे देश में नई पीढ़ी के युवा उर्दू और हिंदी कम बोलते हैं. आज ज्यादा फोकस अंग्रेजी पर है. हमें हिंदी में बात करनी चाहिए क्योंकि यह हमारी राष्ट्रभाषा है.
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फैज महोत्सव 17 से 19 फरवरी तक लाहौर में आयोजित किया गया था. इसमें जावेद उत्सव के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में वक्ताओं में से एक थे. बता दें कि जावेद अख्तर पांच दशकों से अधिक समय से फिल्म उद्योग का हिस्सा हैं. उन्हें 1942: ए लव स्टोरी, सिलसिला, वीर-जारा, जोधा अकबर और मैं हूं ना जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखने के साथ-साथ शोले और जंजीर जैसी फिल्मों के लिए पटकथा लिखने के लिए जाना जाता है.