बलिया. यूपी के बलिया में बिजली विभाग का बड़ा कारनामा सामने आया है. हनुमानगंज निवासाी हीरा लाल वर्मा हर महीने बिजली बिल जमा कर रहे है. इसके बाद भी उनका बिजली का तार जेई प्रवीण यादव द्वारा कटवा दिया गया. इसके बाद घर पर मौजूद महिलाओं ने जब बिजली विभाग के कर्मचारियों से कारण पूछा तो FIR करने की धमकी दी गयी. इसके बाद 10 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया. जेई की इस पूरे करतूत की जानकारी घर पर मौजूद महिलाओं ने सेना में तैनात उपभोक्ता के पुत्र सतीस वर्मा को दी. इसके बाद सतीस वर्मा ने जब जिम्मेदार अफसरों के फोन पर कॉल कर कारण पूछना शुरू किया तो आनन फानन में देर शाम को बिजली का तार जोड़ दिया गया. इस मामले की शिकायत बिजली उपभोक्ता ने अधीक्षण अभियंता से की है. अधीक्षण अभियंता ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच करने का निर्देश SDO को दिया है.
उपभोक्ता ने आरोप लगाया है कि अधीक्षण अभियंता के कहने पर SDO के पास हम लोग गये तो मामले का निराकरण करने के बजाय डराने धमकाने लगे. SDO द्वारा मनहानि का केस करने की बात कही गयी. पीड़ित का आरोप है कि मामले की सुनवाई सही तरीके से नहीं की जा रही है. बिजली विभाग के अधिकारी द्वारा इस टेबल से उस टेबल पर सिर्फ दौड़ाया जा रहा है. लेकिन किसी भी टेबल पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे है.
बिजली विभाग में मामले की सुनवाई नहीं होने के बाद अब उपभोक्ता हीरा लाल वर्मा उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाएंगे. उनका कहना है कि बिजली विभाग ने मनमानी तरीके से 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जो कि मैं नियमित समय से बिजली बिल जमा करता रहा हूं. बिजली बिल जमा करने के बाद जेई द्वारा एक सप्ताह में दो बार मेरा बिल अपडेट किया है, जो कि शून्य से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है. बिजली उपभोक्ता ने बताया कि उचित न्याय के लिए उपभोक्ता फोरम में शिकायत करूंगा.
Also Read: बलिया में ग्रामीण कनेक्शन को शहरी बताकर जेई ने लगाया जुर्माना, FIR की धमकी देते हुए काट दिया बिजली का तारयूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि ग्रामीण फीडर से या शहरी फीडर से बिजली आपूर्ति के आधार पर बिजली का तार काट दिया गया है तो यह गलत है. अगर बिजली बिल बकाया नहीं है, इसके बाद भी जेई द्वारा बिजली का तार काट दिया गया है और जुर्माना लगाया है तो उन्होंने गलत किया है. ग्रामीण फीडर से या शहरी फीडर के आधार पर बिजली बिल भेजा जा रहा है तो इसमें उपभोक्ता की कोई गलती नहीं है. इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार है. इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आता है तो उपभोक्ता के हित में लड़ाई लड़ी जाएगी और जांच कर दोषी आधिकारी पर कार्रवाई होगी.