जेईई मेंस की परीक्षा बीते 27 जनवरी से 1 फरबरी के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी की गई. सोमवार देर रात इसका परिणाम जारी कर दिया गया. परिणाम जारी होने के बाद कुछ बच्चे खुश हैं तो कुछ बच्चे बहुत दुखी हैं. इससे आगे की पढ़ाई पर काफी असर हो रहा है. काफी सालों से बच्चों को आईआईटी की तैयारी करा रहे गणित के शिक्षक रूपेश सिंह से हमने बात की और जाना कि जिन बच्चों का रिजल्ट अच्छा नहीं आया है और अप्रैल सेशन में दोबारा परीक्षा देने की सोच रहे हैं, उनके पास इस की तैयारी के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए. आने वाले 2 महीने वो कैसे अपना दो महीना अच्छे से इस्तेमाल कर सकते हैं.
सब्जेक्ट्स को समझें
प्रोफेसर रूपेश सिंह कहते हैं कि जिन बच्चों की परीक्षा अपेक्षा के हिसाब से नहीं हो पाई है, उनको चिंतित होने कि जरूरत नहीं है. अपने कमजोरियों को पहचान कर उसको मजबूत बनाने कि आवश्यकता हैं. फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के बीते सालों के क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने की जरूरत है और पैटर्न को अच्छे से समझना भी बहुत जरूरी है. फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथमेटिक्स में जिस चैप्टर कि भागीदारी ज्यादा है उन पर ज्यादा ध्यान देना है.
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रेगुलर प्रैक्टिस
मैथ्स में रिलेशन, स्टैट, रिजनिंग से एक प्रश्न निश्चित ही आते हैं, उनका रेगुलर अभ्यास कर उस पर पकड़ बनानी है. कैलकुलस में इंट्रीग्रेशन, लिमिट के अलावा भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. प्रो सिंह के अनुसार कुछ ऐसे चैप्टर्स हैं जिनमें से सवाल आते ही है उन्हें स्ट्रांग कर लेना चाहिए ताकि तैयारी अच्छी हो सके. इन सारे चैप्टर्स पर ध्यान देने से 25 में से 20 प्रश्न आसानी से बनाये जा सकते हैं |अप्रैल वाले सेशन में उन गलतियों को ना दुहराएं, जिससे आपके स्कोर प्रभावित हुए हैं. गलतियों को अगर सुधार कर लिया जाय तो निश्चित अप्रैल वाले jee mains में बेहतर किया जा सकता है .