रांची: रामगढ़ जिले के गोला में बन रहे राज्य के पहले इथेनॉल प्लांट से सितंबर 2024 में उत्पादन होने लगेगा. इनलैंड ग्रीन एनर्जी नामक कंपनी 480 करोड़ की लागत से प्लांट का निर्माण कर रही है. गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में उद्योग विभाग व इनलैंड ग्रीन एनर्जी के बीच इथेनॉल पॉलिसी 2022 के तहत एमओयू पर साइन किया गया. इनलैंड के इडी नवीन सोमानी और उद्योग सचिव जीतेंद्र सिंह ने एमओयू पर साइन किया. एमओयू के अनुसार, इस प्लांट से प्रतिदिन 350 किलोलीटर इथेनॉल बनाया जायेगा. साथ ही 15 मेगावाट क्षमता के कैप्टिव पावर प्लांट भी लगाया जायेगा.
इथेनॉल मक्का व चावल के टुकड़ों से बनाये जायेंगे. कंपनी द्वारा सीधे किसानों से मक्के की खरीदारी की जायेगी. एमओयू के मौके पर उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है. इथेनॉल प्लांट से किसानों को प्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा. इनलैंड के इडी नवीन सोमानी ने कहा कि किसानों से उचित मूल्य पर मक्के की खरीदारी की जायेगी, ताकि उनको लाभ मिले. उद्योग सचिव जीतेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य में पांच इथेनॉल प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं. उद्योग निदेशक सुशांत गौरव ने कहा कि इस प्लांट के लगने से राज्य के मक्का किसानों को लाभ होगा और मक्के की मांग बढ़ेगी.
20 प्रतिशत इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जायेगा
इनलैंड के बिजनेस हेड संजय सिंह ने कहा कि इथेनॉल भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत सरकार ने 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के उपयोग का लक्ष्य निर्धारित किया है. इससे 20 प्रतिशत पेट्रोल का आयात घटेगा और भारत में 30 हजार करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की बचत होगी. झारखंड में उत्पादित इथेनॉल को राज्य में ही उपयोग करने की प्राथमिकता दी जायेगी.