जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच केंद्र सरकार ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु झारखंड सरकार ने जुलाई महीने में सौर ऊर्जा नीति की घोषणा की थी और अब 19 अक्टूबर को सरकार ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी 2022 को लागू कर दिया है. इस पाॅलिसी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण की इकाइयों की स्थापना और इसकी खरीद को बढ़ावा देना और इसके लिए ग्राहकों को अनुदान देना है.
ज्ञात हो कि फरवरी 2019 में भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल के विनिर्माण और इसके प्रसार को मंजूरी दी. साथ ही 2021 में पीएलआई को अधिसूचित किया था. इन तमाम उपायों का उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना जलवायु परिवर्तन के बढ़ते गंभीर खतरे को कम करना है. झारखंड सरकार जो ई-व्हीकल पाॅलिसी लेकर आयी है, वो अगले पांच साल तक के लिए मान्य है.
झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022 के लागू होने के बाद राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी पर अनुदान या डिस्काउंट देगी. राज्य में अब नयी इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.50 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा. ईवी स्कूटी या दोपहिया वाहन पर 10 हजार रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. ऑटो खरीदने पर 30 हजार और इ-बस खरीदने पर 20 लाख रुपये तक का डिस्काउंट मिलेगा. इसके साथ ही सरकार ने यह व्यवस्था भी की है कि राज्य सरकार का कोई कर्मचारी यदि दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदते हैं, तो उन्हें 100 प्रतिशत इंटरेस्ट सब्सिडी दी जायेगी. सरकारी कार्यालयों में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के इस्तेमाल की व्यवस्था की गयी है.
झारखंड सरकार की नयी ईवी पाॅलिसी में चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था की गयी है. जिसके तहत दो-तीन तरह के चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था की गयी है-
क) पब्लिक चार्जिंग स्टेशन : सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों में बिजली से चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध होगी. पार्किंग के लिए जगह होगी साथ ही यहां उपयोग के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
ख) सेमी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन : अस्पताल, शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स, माॅल, सिनेमा हाॅल आदि के परिसर में बनाये गये चार्जिंग स्टेशनों में चार्जिंग की सुविधा कुछ प्रतिबंधों के साथ मिलेगी.
ग) स्लो चार्जिंग स्टेशन : ऐसे चार्जिंग स्टेशनों पर धीमी गति से चार्जिंग की सुविधा मिलेगी. इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे चार्जिंग स्टेशन भी होंगे जहां सीमित सुविधाएं होंगी. सोलर एनर्जी पर आधारित चार्जिंग स्टेशनों की भी स्थापना की जायेगी. उम्मीद की जा रही है कि इन पावर स्टेशनों पर 75 प्रतिशत एनर्जी सोलर एनर्जी के जरिये उपलब्ध कराये जायेंगे. पेट्रोल पंप पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाने की सुविधा दी जायेगी.
सरकार देश में इलेक्ट्राॅनिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. सरकार ने फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण के तहत 25 राज्यों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों और 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशनों को भी मंजूरी दी है. जिससे ई-व्हीकल चलाने वालों को फायदा मिलेगा.