बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने शनिवार को धनबाद में विभिन्न खदानों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान खदानों और वहां कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों की व्यवस्था के साथ खासकर सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा हुई. इस क्रम में वस्तुस्थिति का आकलन करने के लिए सीएमडी ने दो आउटसोर्सिंग पैच बस्ताकोला ओसीपी और गोधर-अलकुस्सा की हाइटेक ड्रोन से फोटोग्राफी करवायी. फोटोग्राफी में पैच की सुरक्षा की पोल खुल गयी.
फोटो में साफ दिखा कि गोधर-अलकुस्सा आउटसोर्सिंग पैच में करीब 250 से 300 और बस्ताकोला ओसीपी पैच में 50 से 100 कोयला चोर कोयला चोरी कर रहे थे. यह देख बीसीसीएल सीएमडी ने सबको चेताया कि हर हाल में पैच की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जाये. सभी आउटसोर्सिंग पैच की निगरानी ड्रोन से करायी जाये और हर जगह सुरक्षाकर्मियों की तैनाती हो.
सीएमडी ने कहा कि किसी भी हालत में बाहरी लोगों के खदान में प्रवेश पर रोक लगे. उन्होंने सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों को कहा कि वो हर हाल में सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करें. हद तो यह कि कई आउटसोर्सिंग परियोजना में सुरक्षा के लिए एक भी सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं मिली, तो कहीं मात्र पांच सुरक्षाकर्मी थे. जो गार्ड थे भी उनमें भी ड्रेस समेत अन्य कई खामियां मिली हैं.
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बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने कोयला भवन में शनिवार को कंपनी के एरिया जीएम, सीआइएसएफ और आउटसोर्सिंग कंपनियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि केवल कोयला उत्पादन ही नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
सीएमडी ने कहा कि माइंस में अनिवार्य रूप से चेकपोस्ट और सीसीटीवी कैमरा लगायें, ताकि सुरक्षा व्यवस्था और दुरुस्त हो सके. माइंस में प्रवेश से पहले संबंधित व्यक्ति का आइकार्ड चेक करें, इसके बाद ही प्रवेश की अनुमति दें. अगर कोई व्यक्ति माइंस में जबरन या अनधिकृत रूप से प्रवेश करता है, तो उसका वीडियो बना कर शिकायत करें. सीआइएसएफ को भी इसकी सूचना दें. इसके बावजूद बाहरी व्यक्ति प्रवेश करता है, तो जीएम सिक्यूरिटी व स्थानीय पुलिस का सहयोग लें.
बैठक दौरान आउटसोर्सिंग माइंस के सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट व कोयला चोरी रोकने को तैयार एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन करने पर जोर दिया गया. सुरक्षा गैजेट की खरीद, आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा किये जा रहे सुरक्षा उपायों और सुरक्षा मानकों में सुधार के संबंध में भी चर्चा की गयी.
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सीआईएसएफ के डीआइजी विनय काजला ने कंपनी के सभी माइंस की निगरानी हाइक्वालिटी ड्रोन कैमरा से कराने, वीडियो व फोटोग्राफी कर एफआईआर कराने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी माइंस में 5-10 से अधिक अनधिकृत लोगों के प्रवेश पर हूटर बजाया जाये. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस प्रकार की समीक्षा बैठक नियमित तौर पर की जायेगी. बैठक में सभी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग कंपनियां, सीआइएसएफ व स्थानीय जिला प्रशासन के आपसी सामंजस्य व सहयोग से कोयला चोरी व अवांछित स्थितियों को हर हाल में रोका जा सकेगा.
मौके पर बीसीसीएल के निदेशक तकनीकी (संचालन) संजय कुमार सिंह, निदेशक तकनीकी (परियोजना व योजना) उदय अनंत कावले, डीआइडी सीआइएसएफ विनय काजला, महाप्रबंधक (सुरक्षा) एमएस पांडेय व जीएम (को-ऑर्डिनेशन) सुनील निगम के अलावा कंपनी के सभी एरिया जीएम व सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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आउटसोर्सिंग परियोजनाओं व कोल डंप क्षेत्र में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरा लगायें.
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माइंस व कोल डंप की सुरक्षा को लेकर जरूरत के मुताबिक सुरक्षा गार्ड की तैनाती हो.
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आउटसोर्सिंग परियोजना में कार्यरत कर्मियों को आइकार्ड दिया जाये.
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आउटसोर्सिंग के सुरक्षा गार्ड अनिवार्य रूप से ड्रेस में रहें.
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माइंस के प्रवेश से पहले चेक पोस्ट बनाया जाये.
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पहचान-पत्र देखने के बाद ही माइंस में प्रवेश करने दें.
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कोई घुसता है तो वीडियो व फोटोग्राफी कर एफआईआर करायें.