Jharkhand Panchayat Chunav: गुमला के मध्य क्षेत्र से जिला परिषद सीट महिला के लिए अनारक्षित है. इस सीट से चुनाव में कोई भी जाति की महिला उम्मीदवार खड़ा हो सकती है. कल तक सिर्फ सदान वर्ग के उम्मीदवार खड़ा थे, लेकिन अंतिम दिन अचानक आदिवासी कार्ड का खेल हुआ. चुनाव मैदान में दो आदिवासी उम्मीदवार उतर गये हैं. ये दोनों कदावार आदिवासी नेता हैं. इसमें एक नेता का जुड़ा स्व कार्तिक उरांव के परिवार से है, जबकि एक आदिवासी नेता लगातार समाज के बीच रहकर आदिवासी समाज के लिए काम करता रहा है. एक नेता ने अपनी मां, तो दूसरे ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है.
चुनावी मैदान में दो प्रत्याशी
पहले एक उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी, लेकिन चुनावी मैदान में आदिवासी उम्मीदवार के उतरने से चुनाव में अब टक्कर देखने को मिलेगा. अगर राजनीति लड़ाई देखा जाये, तो मध्य क्षेत्र से भाजपा, कांग्रेस और झामुमो तीनों पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं. लेकिन, अभी तक तीनों राजनीति पार्टी अपने समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर सामने नहीं आये हैं. हालांकि, परदे के पीछे से वे लोग चुनावी समीकरण बना रहे हैं.
रोचक बना जिप सदस्य का चुनाव
वहीं, बीते चुनाव में हार का स्वाद चख चुके कई उम्मीदवार अपनी पत्नी एवं बहू को चुनावी दंगल में उतार कर चुनाव जीतने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. एक ठेकेदार ने अपनी बहू को भी चुनाव मैदान में उतारा है. उस ठेकेदार के पक्ष में गुमला के कुछ ठेकेदार भी हैं. मध्य सीट से जिस प्रकार कदावार नेताओं की भीड़ लग गयी है. इस सीट पर चुनावी लड़ाई देखने लायक होगा.
पत्नी मुखौटा, चुनाव मैं लड़ रहा हूं
नामांकन के अंतिम दिन जिला परिषद पद में नामांकन के लिए उम्मीदवारों और समर्थकों की भीड़ रही. इसी दौरान एक कदावार नेता ने कहा कि पत्नी मुखौटा है. चुनाव मैं लड़ रहा हूं. उसने जीतने का दावा भी ठोका, जबकि एक बड़े नेता ने कहा मध्य क्षेत्र का विकास करना मेरी पहली प्राथमिकता है. क्योंकि इस क्षेत्र में मेरे अपने रहते हैं. इसलिए मां को चुनाव मैदान में उतारा हूं, ताकि चुनाच जीत क्षेत्र का विकास कर सकूं. उन्होंने तीन पंचायत से पूरा वोट मिलने की बात कही है.
रिपोर्ट : जगरनाथ/अंकित, गुमला.