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झारखंड पंचायत चुनाव: आचार संहिता उल्लंघन मामले पर बीजेपी और झामुमो आमने सामने, एक दूसरे पर लगाये ये आरोप

झारखंड पंचायत चुनाव के उल्लंघन मामले पर भाजपा झामुमो अब आमने सामने आ गये हैं और चुनाव को प्रभावित करने का एकदूसरे पर आरोप लगाया है. झामुमो ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों के झारखंड भ्रमण पर कार्यक्रम प्रभावित होंगे और भाजपा ने बीडीओ के स्थानांतरण झामुमो को आडड़े हाथे लिया है

रांची: झामुमो और भाजपा दोनों ने एक-दूसरे पर आचार संहिता का उल्लंघन कर राज्य में घोषित पंचायत चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. झामुमो ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है. झामुमो का आरोप है कि केंद्रीय मंत्रियों के राज्य में भ्रमण के कार्यक्रम से चुनाव प्रभावित होंगे, वहीं भाजपा ने बड़े पैमाने पर हुए बीडीओ के स्थानांतरण को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.

झामुमो : केंद्रीय मंत्रियों का झारखंड भ्रमण चुनाव आचार संहिता के खिलाफ

झारखंड में केंद्रीय मंत्रियों के सरकारी कार्यक्रम को लेकर झामुमो, कांग्रेस और राजद नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. शनिवार को प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को पत्र सौंप कर कहा है कि भारत सरकार के कई मंत्रियों का आगामी एक पखवाड़े में 19 जिलों में प्रवास और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक का कार्यक्रम तय किया गया है.

यह राज्य में लागू चुनाव आचार संहिता के खिलाफ है. नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग से केंद्रीय मंत्रियों के राज्य भ्रमण एवं प्रवास कार्यक्रम को तत्काल स्थगित करने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने कहा कि उक्त सभी मंत्रियों की जिलास्तरीय पदाधिकारियों की बैठक के साथ अपनी राजनीतिक पार्टी भाजपा के कार्यक्रमों में भी भागीदारी रहेगी, जिससे पंचायत चुनाव प्रभावित होगा. प्रतिनिधिमंडल में झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य विनोद पांडेय, सुप्रियो भट्टाचार्य व कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद व युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद भोक्ता शामिल थे.

भाजपा : बीडीओ के तबादले से चुनाव होगा प्रभावित

रांची. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रदेश में शुरू हो चुकी है. आचार संहिता लागू है. ऐसे में 32 बीडीओ के एक साथ पदस्थापन से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है.

बीडीओ ही पंचायत चुनाव में निर्वाची पदाधिकारी होते हैं. उक्त पदस्थापन सरकार पहले भी कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया. ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर कौन सी विशेष परिस्थिति उत्पन्न हो गयी कि आचार संहिता के दौरान बड़े पैमाने पर बीडीओ का पदस्थापन करना पड़ा. पंचायत चुनाव से जुड़े पदाधिकारियों के पदस्थापन से जनता के मन में संदेह उत्पन्न होता है.

श्री प्रकाश ने राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे. उन्होंने कहा कि शीघ्र एक प्रतिनिधिमंडल आयोग के आयुक्त से मिलकर मांग पत्र सौंपेगा. श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार में मुख्यमंत्री व मंत्रियों के इशारे पर नियम विरुद्ध निर्णय लिए जा रहे हैं.

Posted By: Sameer Oraon

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