उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे कर्रा के तीन मजदूरों के सुरक्षित निकाले जाने की सूचना मिलते ही कर्रा के डुमारी, गुमड़ू और मदुगामा गांव में जश्न का माहौल कायम हो गया. गुमडू गांव निवासी विजय होरो, डुमारी निवासी चमरा उरांव और मदुगामा निवासी गनपाइत होरो के परिवार के लोगों ने 16 दिन के बाद राहत की सांस ली. मंगलवार को जैसे ही तीनों के परिवार के लोगों को सूचना मिली कि टनल में फंसे सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें निकालने की प्रक्रिया शुरू हो रही है, परिवार के सभी सदस्य टीवी व मोबाइल पर चिपके रहे.
गुमडू गांव के मजदूर विजय होरो की पत्नी सनारती होरो के चेहरे पर 16 दिन के बाद खुशी देखी गयी. उसने कहा कि हर दिन व भगवान से पति के सुरक्षित होने की प्रार्थना कर रही थी. विजय होरो के पिता अर्जुन होरो के चेहरे पर भी खुशी थी.
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हिम्मत नहीं हारी थी चमरा ने, परिवार से करता था बात:
डुमारी गांव निवासी चमरा उरांव की पत्नी रेखा उराइन सुबह से ही पति के सुरंग सुरक्षित निकालने की सूचना पाने के लिए लालायित थी. देर शाम जैसे ही पता चला कि चमरा उरांव समेत सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा रहा है, उनके चेहरे चमक उठे थे. रेखा के अनुसार सुरंग में फंसे होने के बाद भी पति ने हिम्मत नहीं हारी थी. दो दिन पहले ही उससे फोन पर बात हुई थी. पति ने घर का हालचाल पूछा था.
मदुगामा गांव निवासी गणपाइत होरो के घर में भी खुशी थी. उसके सुरक्षित निकाले जाने की सूचना मिलते ही गांव में रिश्तेदार पहुंचने लगे थे.