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जियो ने पेश की जियो स्पेस फाइबर, अब सस्ती मिलेंगी हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएं, जानिए कितना करना होगा खर्च

आकाश अंबानी ने कहा, जियो ने भारत में लाखों घरों और व्यवसायों को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट का अनुभव कराया. जियो स्पेस फाइबर के साथ हम उन लोगों तक पहुंच स्थापित करना चाहते हैं जो अभी इससे वंचित हैं.

रिलायंस जियो ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने वाली भारत की पहली उपग्रह-आधारित गीगा फाइबर सेवा शुक्रवार को पेश की. जियो ने ‘इंइिया मोबाइल कांगेस’ में शुक्रवार को नए उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड ‘जियो स्पेस फाइबर’ को पेश किया. ‘जियो स्पेस फाइबर’ उपग्रह आधारित गीगा फाइबर प्रौद्योगिकी है, जो उन दुर्गम इलाकों में सपंर्क स्थापित करेगी जहां फाइबर केबल से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना आसान नहीं है. रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन आकाश अंबानी ने जियो पवेलियन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जियो स्पेस फाइबर सहित जियो की स्वदेशी प्रौद्योगिकी और उत्पादों के बारे में बताया.

जियो स्पेस फाइबर के जरिये दूर दराज तक पहुंचना लक्ष्य

आकाश अंबानी ने कहा, जियो ने भारत में लाखों घरों और व्यवसायों को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट का अनुभव कराया. जियो स्पेस फाइबर के साथ हम उन लोगों तक पहुंच स्थापित करना चाहते हैं जो अभी इससे वंचित हैं. कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जियो वर्तमान में 45 करोड़ से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड फिक्स्ड लाइन और वायरलेस सेवाएं प्रदान करता है. भारत में हर घर के लिए डिजिटल की सुविधा समान रूप से पहुंचाने के उद्देश्य से जियो ने अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं जियो फाइबर तथा जियो एयर फाइबर के साथ अब जियो स्पेस फाइबर को जोड़ा है. यह सेवा पूरे देश में अत्यधिक किफायती कीमतों पर उपलब्ध होगी.

चार सबसे दूरस्थ स्थान जियो स्पेस फाइबर से जुड़े

जानकारी के अनुसार भारत के चार सबसे दूरस्थ स्थान जियो स्पेस फाइबर से जुड़ चुके हैं. इनमें गुजरात का गिर राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़ का कोरबा, ओड़िशा का नबरंगपुर और असम का ओएनजीसी-जोरहाट शामिल है. जियो ‘जियो स्पेस फाइबर’ से दूरदराज के इलाकों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एसईएस कंपनी के उपग्रहों का इस्तेमाल किया जाएगा. यानी ‘जियो स्पेस फाइबर’ से अब कहीं भी और कभी भी विश्वसनीय मल्टी-गीगाबिट कनेक्टिविटी मिलेगी. चुनौती भरे इलाकों में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं को पहुंचाने के लिए ‘जियो स्पेस फाइबर’ नई और उन्नत एनजीएसओ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेगा.

एसईएस के साथ साझेदारी

जियो दुनिया की नवीनतम मध्यम पृथ्वी कक्षा (एमईओ) उपग्रह प्रौद्योगिकी तक पहुंचने के लिए एसईएस के साथ साझेदारी कर रहा है, जो एकमात्र एमईओ समूह है. यह अंतरिक्ष से वास्तव में अद्वितीय गीगाबिट, फाइबर जैसी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है. एसईएस के मुख्य रणनीति अधिकारी जॉन-पॉल हेमिंग्वे ने कहा, हम जियो के साथ मिलकर एक अद्वितीय समाधान के साथ भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

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