गढ़वा : जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुरेश कुमार सिंह (48 वर्ष) की मौत मंगलवार की रात हार्ट अटैक से हो गयी. डीपीएम सुरेश सिंह बोकारो जिले के बेरमो के रहने वाले थे, लेकिन वर्तमान में उनका परिवार रांची में रहता है. उन्होंने वर्ष 2021 में गढ़वा जिले के जेएसएलपीएस के कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर योगदान दिया था. जिला मुख्यालय में वे अशोक विहार में प्रो एसएन उपाध्याय के मकान में किराए पर अकेले रहते थे.
रात में अचानक बिगड़ी तबीयत
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मंगलवार की रात करीब 12 बजे अचानक डीपीएम सुरेश की तबीयत बिगड़ गयी. अचानक बेचैनी महसूस होने पर उन्होंने सबसे पहले पड़ोसी किरायेदार को जोर-जोर से दरवाजा खटखटाकर जगाया. पड़ोसी श्री पांडेय ने उनकी स्थिति खराब देखने के बाद उन्हें तत्काल अपने बिस्तर पर लेटाया और अपने मकान मालिक को जगाकर सूचना दी. मकान मालिक श्री उपाध्याय ने उन्हें अपनी कार से आनन-फानन में इलाज के लिए गढ़वा सदर अस्पताल लाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना की सूचना रात में ही उनके परिजनों को दी गयी. वहां से उनके भाई सहित तीन लोग सुबह गढ़वा पहुंचे और शव का अंत्यपरीक्षण के बाद उसे लेकर रांची लौटे.
रात में टीवी पर देखा आईपीएल मैच
डीपीएम सुरेश सिंह के पड़ोसी किरायेदार ने बताया कि रात में सुरेश सिंह बिल्कुल सामान्य थे. उन्होंने रात 10 बजे तक उन लोगों के साथ हंसी-मजाक किया. बाद में वे टीवी पर आईपीएल का मैच देख रहे थे. किसी तरह की उन्हें शारीरिक परेशानी नहीं देखी. फिर रात करीब 12.20 में जब वे उनका दरवाजा जोर-जोर से पीटने लगे तो वे आश्चर्यचकित रह गये. उन्हें शीघ्र सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही उन्होंने दम तोड़ दिया था. उनके मुंह से झाग निकल रहा था.
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डीसी ने अस्पताल पहुंचकर ली घटना की जानकारी
घटना की सूचना मिलने के बाद गढ़वा उपायुक्त शेखर जमुआर, उपविकास आयुक्त राजेश कुमार राय, एसडीओ राज महेश्वरम, सीओ मयंक भूषण, बीडीओ कुमोद झा, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार, गोपनीय प्रभारी पदाधिकारी विकास सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि संतोष केसरी सहित कई वरीय लोग सदर अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली.
अस्पताल में घंटों रहे उपायुक्त, अस्पताल से गायब रहे सिविल सर्जन व उपाधीक्षक
जेएसएलपीएस के कार्यक्रम प्रबंधक सुरेश कुमार सिंह की मौत की सूचना मिलने के बाद उपायुक्त शेखर जमुआर सदर अस्पताल पहुंचे. वहां वे घंटों सदर अस्पताल में खड़े रहकर घटना की जानकारी लेते रहे, लेकिन सिविल सर्जन और अस्पताल उपाधीक्षक नहीं थे. बाद में उपायुक्त को अस्पताल उपाधीक्षक के कार्यालय में बैठाया गया. वहां से वे सभी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने के बाद चले गये. उपायुक्त के जाने के बाद सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक अस्पताल पहुंचे.