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जेयू : राज्य मानवाधिकार आयोग ने जादवपुर मामले में डीन रजत रॉय को किया तलब

पुलिस सूत्रों के मुताबिक रजत से ऐसे 27 सवाल पूछे गए कि क्या यूनिवर्सिटी में एंटी रैगिंग कमेटी है, अगर है तो उसकी क्या भूमिका है, हॉस्टल अधीक्षक की क्या भूमिका है, कहीं सीसीटीवी कैमरा है या नहीं.

राज्य मानवाधिकार आयोग ने जादवपुर घटना में डीन रजत रॉय को तलब किया है. सूत्रों के मुताबिक मानवाधिकार आयोग डीन से पूछ सकता है कि उस रात जब उन्हें फोन आया तो उन्होंने क्या किया. रजत रॉय ने किसे किया फोन और क्या कार्रवाई हुई ? छात्र की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने 14 अगस्त को राज्य सरकार और जादवपुर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नोटिस भेजा था. आयोग ने नोटिस में कहा कि विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में जो जानकारी सामने आई है, उससे पता चलता है कि मृत छात्र ने घटना से पहले डीन से बात की थी. इसके बाद ही यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि प्रथम वर्ष (स्नातक) के छात्र की मौत कैसे हो गई.

आयोग ने कहा है कि मानवाधिकार का हुआ उल्लंघन

आयोग ने नोटिस में कहा कि मीडिया से मिली जानकारी से अधिकारियों द्वारा कर्तव्य की उपेक्षा का पता चलता है. नोटिस में लिखा है कि अगर मीडिया रिपोर्ट सच है तो पूरी घटना में मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है. आयोग के अनुसार इस मामले के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डीन को बुलाया गया होगा. उनसे पूछा जा सकता है कि 9 अगस्त की रात विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास के ए2 ब्लॉक की तीसरी मंजिल की बालकनी से एक छात्र के गिरने से करीब डेढ़ घंटे पहले छात्रावास से फोन आने के बाद उन्होंने क्या कदम उठाए?

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लालबाजार पुलिस के रजत काे किया था तलब

डीन रजत को पिछले गुरुवार को लालबाजार पुलिस ने पूछताछ के लिये बुलाया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक रजत से यह जानने की कोशिश की गई थी कि वह उस रात की घटना के बारे में क्या जानते हैं. डीन ने अपने जवाब में कहा कि उस दिन रात करीब 10:05 बजे एक छात्र ने उन्हें फोन पर बताया कि हॉस्टल में एक छात्र को परेशान किया जा रहा है. रात करीब 12 बजे सुपर ने डीन को फोन पर बताया कि एक छात्र लहूलुहान हालत में पड़ा है. जांचकर्ताओं को यह भी आश्चर्य है कि यदि डीन पहले सक्रिय होता तो क्या घटना को रोका जा सकता था.

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डीन ने पुलिस को हॉस्टल की अव्यवस्था के बारे में दी थी जानकारी

पूछताछ के दौरान डीन ने पुलिस को हॉस्टल की अव्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने दावा किया कि हॉस्टल में ‘सख्त नियम’ या ‘कानून’ लागू नहीं किया जा सका था. लेकिन सब कुछ जानने के बाद भी ये सवाल उठने लगा कि वो इतने दिनों तक चुप क्यों रहे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक रजत से ऐसे 27 सवाल पूछे गए कि क्या यूनिवर्सिटी में एंटी रैगिंग कमेटी है, अगर है तो उसकी क्या भूमिका है, हॉस्टल अधीक्षक की क्या भूमिका है, कहीं सीसीटीवी कैमरा है या नहीं. जब डीन मानवाधिकार आयोग के कार्यालय का दौरा करेंगे तो उनसे ऐसे ही सवालों का सामना करने की उम्मीद है.

जांच के बीच जेयू के डीन ने दिया इस्तीफा

जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के छात्र की संदिग्ध हालात में मौत की जांच के बीच विश्वविद्यालय के डीन ने इस्तीफा दे दिया. जादवपुर यूनिवर्सिटी के डीन सुविनय चक्रवर्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वह उस आंतरिक जांच समिति के अध्यक्ष थे, जो छात्र की मौत के मामले में विश्वविद्यालय द्वारा बनायी गयी थी. उनके नेतृत्व में ही जांच चल रही थी. अब उनके इस्तीफा देने से अटकलें शुरू हो गयी हैं. छात्र की मौत के बाद हाल ही में यूनिवर्सिटी की आंतरिक समिति ने कहा कि प्रथम वर्ष के छात्र की मौत रैगिंग के कारण हुई है. पुलिस के साथ-साथ आंतरिक जांच कमेटी भी जांच कर रही थी. वहीं, इस्तीफे पर सुविनय चक्रवर्ती ने कहा कि यह आंतरिक मामला है. वह कुछ निजी कारणों से अपने पद से हट गये हैं. यूनिवर्सिटी की इस उथल-पुथल भरी स्थिति में जहां डीन को अधिक जिम्मेदारी लेनी पड़ती है, ऐसे में अचानक उनके फैसले पर सवाल उठाये जा रहे हैं. इस मुद्दे पर रजिस्ट्रार स्नेहमंजू बसु ने कहा डीन कभी भी रजिस्ट्रार को इस्तीफा नहीं देता है. वह इस्तीफा कुलपति को देता है, इसलिए मेरे पास ऐसी कोई खबर नहीं है.

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जेयू के अंतरिम कुलपति बोले- छात्र की मौत की जिम्मेदारी पूरी तरह से विश्वविद्यालय की

जादवपुर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साउ ने कहा कि कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के कारण हुई एक छात्र की मौत की जिम्मेदारी पूरी तरह से विश्वविद्यालय की है. स्वस्थ माहौल बनाये रखने के लिए परिसर में उचित सुरक्षा व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने 17 वर्षीय छात्र की मौत को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और हृदयविदारक बताया. साउ ने कहा, ‘‘जिम्मेदारी पूरे विश्वविद्यालय की है, न कि किसी व्यक्ति की. यह सुनिश्चित करने के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए कि विश्वविद्यालय में स्वस्थ माहौल बरकरार रहे.’’ कुछ वर्गों द्वारा विश्वविद्यालय के प्रत्येक हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग के बीच उन्होंने कहा कि केवल यही एकमात्र समाधान नहीं है.

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