20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

WB News :राशन मामले में बढ़ती जा रही हैं ज्योतिप्रिय मल्लिक की मुश्किलें,अब वन विभाग भी आया जांच के दायरे में

मंत्री के काफिले में कई बार बकीबुल की कार के भी शामिल रहने की बात सामने आयी है, यदि ऐसा है, तो इसकी क्या वजह थी? मंत्री के साथ कितने राशन डीलरों का उठना-बैठना था? मंत्री के आवास में कुछ निजी कंपनियों के रबर स्टैंप क्यों मिले थे?

पश्चिम बंगाल में राशन भ्रष्टाचार मामले में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Forest Minister Jyotipriya Mallik) को गिरफ्तार किया गया है. अब केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि राशन भ्रष्टाचार राज्य के खाद्य मंत्री के रूप में उनके 10 साल के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ था. अब ईडी सूत्रों के मुताबिक ज्योतिप्रिय मल्लिक के वन विभाग का कार्यभार संभालने के बाद इस बात की भी जांच की जाएगी कि पिछले ढाई साल में वन विभाग पर भ्रष्टाचार की कोई छाया रही है या नहीं. ज्योतिप्रिय के मंत्रालय के कार्यकाल के दौरान वन कानून के नियमों की अनदेखी के सवाल पर राज्य के कई वन्यजीव संगठन पहले ही विभाग के खिलाफ विपक्ष से हाथ मिला चुके हैं. उनका कहना है कि वन विभाग ने पेड़ों की अवैध कटाई, रिसॉर्ट्स बनाने के लिए वन भूमि का अतिक्रमण और लक्जरी आवास के निर्माण पर आंखें बंद कर ली थी.ऐसे में अब वन विभाग पर भी ईडी की पैनी नजर है.


मंत्री के पास कितनी संपत्ति, खंगाल रही ईडी

ईडी के अधिकारियों ने मंत्री से उनकी चल और अचल संपत्ति को लेकर मिली जानकारियों के बारे में पूछताछ की. साथ ही जांच में जिन कंपनियों के नाम सामने आये हैं, उससे संबंधित भी सवालों के जवाब मांगे गये. इधर, मामले में पहले से गिरफ्तार बकीबुल रहमान उर्फ बकीबुर से पूछताछ में मिले तथ्यों एवं मंत्री के पूर्व पीए व व्यवसायी अभिजीत दास और मौजूदा कर्मचारी अमित दे के बयानों को लेकर भी मंत्री से जिरह की गयी है. बकीबुल, मंत्री के कार्यालय में कब और क्यों आता था? मंत्री के काफिले में कई बार बकीबुल की कार के भी शामिल रहने की बात सामने आयी है, यदि ऐसा है, तो इसकी क्या वजह थी? मंत्री के साथ कितने राशन डीलरों का उठना-बैठना था? मंत्री के आवास में कुछ निजी कंपनियों के रबर स्टैंप क्यों मिले थे? बकीबुल और मंत्री के बीच क्या लेन-देन हुआ? ऐसे कई सवाल मंत्री से पूछे गये. हालांकि, पूछताछ को लेकर इडी अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इनकार किया है.

Also Read: ‘मैं अकेले मामले से निपटने में सक्षम’, जानें ममता बनर्जी की खामोशी पर क्या बोलीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा
मंत्री के पूर्व पीए से फिर हुई पूछताछ

गुरुवार को ईडी कार्यालय में मंत्री के पूर्व पीए व व्यवसायी अभिजीत दास से फिर पूछताछ की गयी. सूत्रों के अनुसार, मंत्री और उनके पूर्व पीएम आमने-सामने बैठाकर कुछ सवाल पूछे गये. इधर, मंत्री के कर्मचारी अमित दे का कहना है कि मंत्री के वित्तीय लेन-देने से संबंधित जानकारी उन्हें नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह कहा था कि संभवत: मंत्री के पूर्व पीए इस बारे में जानते हों. अभिजीत ने पत्रकारों से पहले बातचीत में कहा था कि वर्ष 2014 के बाद से वह मंत्री के साथ नहीं काम रहे हैं. हालांकि, इडी की छापेमारी के दौरान अभिजीत के आवास से एक डायरी मिली है, जिसमें ‘बालूदा’ नाम का उल्लेख होने के साथ ही लेन-देन से जुड़ी कुछ जानकारी है.

Also Read: ममता बनर्जी का केन्द्र पर हमला कहा, भाजपा की योजना 2024 के चुनाव से पहले सभी विपक्षी नेताओं को जेल भेजना
बनाये गये थे कुछ फर्जी किसान संगठन

ईडी की जांच में कुछ फर्जी किसान संगठन बनाये जाने का पता चला है. आशंका जतायी जा रही है कि इन संगठनों को आरोपी बकीबुल ने तैयार किया था और संभवत: कालेधन को सफेद करने का जरिया भी इन संगठनों को बनाया गया होगा. मंत्री से पूछताछ में इन किसान संगठनों को लेकर भी प्रश्न किये जाने की बात सामने आयी है.

Also Read: राशन वितरण भ्रष्टाचार : ईडी कार्यालय में मंत्री ज्योतिप्रिय से मैराथन पूछताछ, जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें