10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिकरू कांड: खुशी दुबे को सौंपी गई 1800 पन्नों की केस डायरी, अधिवक्ता ने इस बात पर जताई आपत्ति

कानपुर के बिकरू कांड में आरोपी खुशी दुबे को कोर्ट ने 18 सौ पन्ने की केस डायरी की फोटोकॉपी उपलब्ध करा दी है. मामले में इस बात को लेकर अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने आपत्ति जताई है.

Kanpur News: बिकरू कांड में आरोपी खुशी दुबे को कोर्ट ने 18 सौ पन्ने की केस डायरी की फोटोकॉपी उपलब्ध करा दी है. खुशी के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश पॉस्को पवन कुमार वर्मा की कोर्ट में चल रही है. कोर्ट की ओर से खुशी को केस डायरी पेन ड्राइव में दी गई थी. खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित के जरिए जेल में लैपटॉप या कंप्यूटर दिलाने की मांग कोर्ट से की गई थी.

केस डायरी कोर्ट पत्रावली की फोटो कॉपी नहीं

कोर्ट ने जेल के अधिकारियों को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी थी, कि क्या ऐसे संसाधन उपलब्ध कराना संभव है. जेल के अधिकारियों ने असमर्थता जाहिर की थी. अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि, केस डायरी कोर्ट पत्रावली की फोटो कॉपी नहीं है. इसमें कोई हस्ताक्षर और मुहर भी नहीं है. अब अवलोकन के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह पूर्ण है या अपूर्ण. अगली तारीख पर इसे लेकर आपत्ति दाखिल करेंगे.

कब और कैसे हुई थी घटना

कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 को रात 12:45 बजे गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी गई थी. पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. मामले में 45 आरोपी जेल में बंद हैं. केस का ट्रायल जारी है.

Also Read: Kanpur Encounter : पुलिस हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा, विकास दुबे ने अमेरिका में बने इस हथियार का किया इस्तेमाल
चंद मिनटों में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या

दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे और उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई. पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने पुलसकर्मियों पर छतों सेे गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी. चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर सभी आरोपी फरार हो गए थे.

तीन जुलाई से शुरू हुए थे एनकाउंटर

इस पूरे मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विकास के रिश्तेदार प्रेम कुमार पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया. इसके बाद हमीरपुर में अमर दुबे को ढेर किया. इटावा में प्रवीण दुबे मारा गया. पुलिस कस्टडी से भागने पर पनकी में प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय मिश्रा ढेर कर दिया गया.

कैसे हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर

विकास दुबे का नौ जुलाई की सुबह उज्जैन में नाटकीय ढंग से सरेंडर हुआ था. एसटीएफ की टीम जब उसको कानपुर लेकर आ रही थी, तो सचेंडी थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में विकास मार दिया गया था. एसटीएफ ने दावा किया था कि गाड़ी पलटने की वजह से विकास पिस्टल लूटकर भागा और जवाबी कार्रवाई में ढेर हो गया.

नाबालिग खुशी समेत 45 आरोपी हैं बंद

बिकरू कांड के बाद पुलिस ने नाबालिग खुशी दुबे समेत कुल 45 आरोपियों को जेल भेज दिया. इसमें खुशी समेत चार महिलाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा नौ आरोपी विकास के मददगार और असलहा खरीदने वाले हैं. असलहा खरीदने वालों में भिंड के एक सपा नेता का रिश्तेदार भी शामिव है.

रिपोर्ट:- आयुष तिवारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें