Kanpur News: कासगंज में पुलिस हिरासत में युवक की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था कि कानपुर में युवक की मौत का नया मामला सामने आ गया. अल्ताफ के बाद अब जितेंद्र की मौत पर पुलिस के ऊपर आरोप लग रहे हैं. चोरी के आरोप में पकड़े गए जितेंद्र को हालत बिगड़ने पर पुलिस ने घर भिजवा दिया था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
मामला कानपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र का है. माधवपुरम निवासी तेज नारायण के पड़ोसी वाईएस दीक्षित के घर पर चोरी हो गई थी. उन्होंने घर से 20 लाख की चोरी होने की शिकायत कल्याणपुर थाने में की थी. वाईएस दीक्षित ने पुलिस की पूछताछ में तेजनारायण के बेटे जितेंद्र उर्फ कल्लू पर शक जताया था. स्वजन ने बताया कि मुंबई में रहकर जितेंद्र मजदूरी करता था और दीपावली पर घर आया था. चोरी के आरोप में पुलिस 13 नवंबर को उसे पूछताछ के लिए थाना ले गई थी.
आईआईटी सोसायटी माधवपुरम मड़ैया की रहने वाली गोमती देवी ने बताया कि बस्ती से सटी पॉश कॉलोनी में रहने वाला एक शख्स बहू-बेटियों को छत से नहाते हुए देखता था. बेटे जितेंद्र और कल्लू ने इस बात का विरोध किया था. आरोप है कि इसी बात को लेकर खुन्नस रखने वाले ने झूठी चोरी के मुकदमे में उसके बेटे को फंसा दिया.
गोमती देवी ने बताया कि कल्याणपुर थाने की पुलिस ने उसके घर पर दबिश देकर 14 नवंबर को उसके बेटे कल्लू को हिरासत में लिया था. थाने में उसकी खूब पिटाई हुई देर रात बहन मानसी खाना देने थाने पहुंची तो पुलिस ने उसकी सुपुर्दगी में छोड़ दिया. सोमवार रात को कल्लू की हालत बिगड़ी और मंगलवार सुबह हॉस्पिटल ले जाने के दौरान रास्ते में उसने दम तोड़ दिया.
परिजनों ने कल्याणपुर थाना पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए थानेदार अशोक कुमार दुबे समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है.
मृतक की मां गोमती, बहन मानसी और भाई किन्ना ने कहा कि मृतक जितेंद्र कल्लू के शरीर पर पिटाई के निशान पुलिस की बर्बरता से पिटाई की गवाही दे रहे हैं. पीठ से लेकर पांव तक बेल्ट से पीटने के निशान हैं. आरोप है कि पुलिस की पिटाई से कल्लू की मौत हो गई है, जबकि पूछताछ और जांच के दौरान पुलिस को चोरी से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला. इसके बाद भी उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
मामले की जानकारी मिलते ही सपा और कांग्रेस के कई नेता मौके पर पहुंचे. कल्याणपुर विधानसभा के पूर्व विधायक सतीश निगम ने कहा कि सीएम की ठोको नीति का शिकार कल्लू है या कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले गोरखपुर समेत कई जिलों में बेगुनाहों को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला है. पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव मदद करेंगे.
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गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड, आगरा में सफाई कर्मी की मौत और कासगंज में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद कानपुर में पुलिस की बर्बरता का तीन महीने में यह चौथा बड़ा केस है. गोरखपुर केस में इंस्पेक्टर जीवन सिंह समेत छह पुलिसकर्मी जेल में है. सीबीआई जांच शुरू हो गई है. आगरा के सफाई कर्मी की मौत के मामले में पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पाई.
कानपुर देहात के अमराहट थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस की लापरवाही के चलते एक नाबालिग लड़की की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. लड़की के परिजन भी पुलिस पर ही लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.
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रिपोर्ट: आयुष तिवारी, कानपुर