Kharmas 2023: मार्च में 16 तारीख से खरमास लगने के लिए कारण शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाएगी. इस दौरान पूरे एक माह की अवधि को खरमास या मलमास नाम से जानते हैं.हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार खरमास की यह अवधि शुभ और मांगलिक कार्य के लिए ठीक नहीं बताई गई है. हालाँकि इस दौरान पूजा-पाठ, दान, पुण्य और आध्यात्मिक काम करना विशेष फलदाई साबित होता है.
खरमास का महीना भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. ऐसे में इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और उनसे जुड़ी वस्तुओं का दान पुण्य आदि भी किया जा सकता है. ऐसा करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आएगी, महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपको मानसिक शांति भी मिलेगी.
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खरमास में सूर्य की उपासना करनी चाहिए.
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इसके अलावा यह एक महीना महा धर्म, दान, जप-तप आदि के लिए अति उत्तम माना गया है. इस दौरान जो कोई भी व्यक्ति सच्ची आस्था और श्रद्धा के साथ दान पुण्य आदि करता है उससे कई गुना फल प्राप्त होता है.
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इसके अलावा खरमास के महीने में ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधु-सन्यासियों की सेवा करने का भी विशेष महत्व बताया गया है.
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खरमास के इस महीने में तीर्थ यात्रा करना बेहद ही उत्तम माना जाता है. इसके अलावा इस महीने में भागवत गीता, श्री राम पूजा, कथा वाचन, विष्णु और शिव पूजन बेहद ही शुभ माने जाते हैं.
ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रह बताए गए हैं. इनमें से राहु-केतु को छोड़कर सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में घूमते रहते हैं. सभी ग्रह वक्री और मार्गी दोनों चाल चलते हैं, लेकिन सूर्य एक ऐसा ग्रह है जो सदैव मार्गी रहता है और वह हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इसी तरह जब सूर्य बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो बृहस्पति का तेज समाप्त हो जाता है.
बृहस्पति को विवाह और वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है. इसलिए सूर्य के बृहस्पति की राशियों में प्रवेश करने पर खरमास लगता है. इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी होती है इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.