Gorakhpur News: किन्नर समाज के लोगों ने नौ दिन नवरात्र में पूजा अर्चना करने के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया. जहां कई हजार की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. किन्नर समाज के लोगों को दूसरे नजरिए से समाज में देखा जाता है. लेकिन बीते कुछ वर्षों में इन्हें भी आम नागरिकों की तरह मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने का काम किया जा रहा है. वहीं किन्नर समाज के लोग भी अब हर जगह अपनी भागीदारी देते नजर आ रहे हैं. नवरात्रि में किन्नर समाज के लोग नौ दिन मां दुर्गा की आराधना करते हैं. कलश स्थापना करते हैं और पूरे नौ दिन पूजा अर्चन करते हैं. इसके बाद कन्याओं का पांव पखार कर उन्हें चुनरी भेंट कर भोजन कराते हैं और उन्हें दक्षिणा भी देते हैं. वहीं दशहरे के दिन किन्नर समाज के लोगों ने विशाल भंडारे का आयोजन कर हजारों की संख्या में लोगों को प्रसाद वितरण किया. किन्नर समाज के लोगों की मानें तो वे लोग अब आम जनता की तरह हर जगह अपनी भागीदारी निभाा रहें हैं. चाहे वह खेल का मैदान हो, पढ़ाई लिखाई हो या फिर समाज में आगे बढ़कर काम करना हो. किन्नरों के मुताबिक वे लोग इस तरीके के सामाजिक कार्य को आगे भी करते रहेंगे. इस सवाल पर कि वह इसके लिए आर्थिक व्यवस्था कहां से करते हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें शुरू से अपने जजमानों से जो धन मिलता है, उसमें से ही कुछ धन बचाकर वह समाज में इस तरीके की काम करते हैं.
बताते चलें गोरखपुर में मंगला मुखी किन्नर जनकल्याण उत्थान संस्थान द्वारा सामाजिक कार्य किए जाते हैं, जैसे गरीब बेटियों की शादी कराना, दिव्यांग बच्चों की मदद करना. इस बार भी किन्नर समाज के लोगों ने कन्या पूजन करने के बाद विजयादशमी के अवसर पर मोहरीपुर में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया. इससे पहले शारदीय नवरात्र के अवसर पर किन्नर समाज के लोगों ने अपने आवास पर जगत जननी मां की आराधना के लिए भक्ति भाव के साथ कलश स्थापना की. नौ दिन तक विधि विधान के साथ पूजा अर्चन कर व्रत रखा. नवमी के अवसर पर कन्या पूजन कर व्रत की समाप्ति की साथ ही विजयादशमी के अवसर पर सर्व समाज के लोगों के लिए भंडारे का आयोजन किया. हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया किन्नर समाज के द्वारा जनकल्याण के लिए किए जा रहे इस कार्य के लिए लोगों ने काफी सराहना भी की.
मंगला मुखी किन्नर जनकल्याण उत्थान संस्थान की अध्यक्ष बरखा किन्नर बताया कि हम लोगों को जजमानों से जो धनराशि मिलती है. उसमें से कुछ रुपए हम लोग सामाजिक कार्य के लिए रख देते हैं. जैसे लड़कियों की शादी में मदद करना, उन्हें पढ़ाने लिखाने के लिए खर्चा देना, बाढ़ के मौसम में लोगों की मदद करना. इसी तरह आज भंडारे का आयोजन कर लोगों को प्रसाद का वितरण कराया जा रहा है और इस तरह के सामाजिक कार्य निरंतर चलते रहेंगे.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर