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शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए पूरे झारखंड में लागू होगा कोडरमा मॉडल, जानें क्या है ये

झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से आयोजित दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में कोडरमा दो वर्ष से टॉप पर कायम है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है.

झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए सरकारी स्कूलों में मौजूदा सत्र से “प्रोजेक्ट रेल” और “प्रोजेक्ट इंपैक्ट” लागू किया जा रहा है. इसे कोडरमा मॉडल कहा जा रहा है. रेगुलर एसेसमेंट फार इम्प्रुव्ड लर्निंग (प्रोजेक्ट रेल) के अंतर्गत कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के बच्चों का नियमित मूल्यांकन किया जायेगा. इसके साथ-साथ अध्ययन क्षमता के विकास की दिशा में नये प्रयोग किये जायेंगे.

कोडरमा के उपायुक्त आदित्य रंजन ने यह प्रोजेक्ट तैयार कर अपने जिले में लागू किया. इसके परिणाम यह है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से आयोजित दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में कोडरमा दो वर्ष से टॉप पर कायम है. इससे प्रभावित होकर राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है.

क्या है कोडरमा का प्रोजेक्ट रेल

कोडरमा के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु डीसी आदित्य रंजन ने कई कार्य किये हैं. इसके तहत उन्होंने प्रोजेक्ट रेल की शुरूआत की. जिसका मकसद बच्चों का बोर्ड परीक्षा की तैयारी को जांचना था. इसके लिए हर सप्ताह बच्चों का सप्ताहिक टेस्ट लिया जाना है. इसके लिए प्रश्नपत्र का पैटर्न बिल्कुल वार्षिक परीक्षा की तर्ज पर सेट किया गया था. प्रशन शिक्षकों की एक खास टीम द्वारा तैयार किया जाता है.प्रोजेक्ट इंपैक्ट

प्रोजेक्ट इंपैक्ट

कोडरमा में प्रोजेक्ट इंपैक्ट के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, आधारभूत संरचना आदि में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसका उद्देश्य सरकारी स्कूल की व्यवस्था को सुधार लाना और अच्छा स्कूल बनाना है, ताकि सभी बच्चे नामांकन लें. इसके लिए गांव व टोले का भ्रमण कर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसके लिए अभिभावकों के साथ साथ बैठक की जाती है. बता दें कि प्रोजेक्ट रेल व प्रोजेक्ट इंपैक्ट का उपायुक्त आदित्य रंजन स्वयं हर दिन मॉनिटरिंग करते हैं.

जिला में चलाया जाता है एक्सीलेंट 200 प्रोग्राम

कोडरमा जिले से टॉपर निकले इसके लिए एक्सीलेंट 200 प्रोग्राम भी चलाया जाता है. इसमें जिले के तमाम मेधावी छात्रों को स्पेशल कोचिग दी जाती है. कई बार तो खुद डीसी आदित्य रंजन और एसडीओ समय निकाल कर छात्रों की क्लास लेते हैं.

बीते दो साल से टॉप पर रहा है कोडरमा

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के कारण पूरे राज्य में लगातार कोडरमा 2 सालों से लगातार टॉप पर है. इसस बार मैट्रिक की परीक्षा में जिला का रिजल्ट 99.041 है, जो राज्य के सभी जिलों से अधिक है. इसी प्रकार इंटर साइंस में भी कोडरमा का जलवा पूरे राज्य में इस वर्ष भी बरकरार रहा. इंटर साइंस में जिले का रिजल्ट प्रतिशत 97.20 प्रतिशत रहा, जो पूरे राज्य में सर्वाधिक है.

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