कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कुड़मी समुदाय के लोगों ने सबक सिखाने की धमकी दी है. इसलिए पुलिस उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि, इसे लेकर बांकुड़ा जिले के खातड़ा व सिमलीपाल थाने में मामले भी दर्ज किये गये हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव के पहले गिरफ्तारी की आशंका जाहिर करते हुए कुड़मी समुदाय के 28 नेताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इन उम्मीदवारों ने मांग की है कि हाईकोर्ट आदेश दे कि पंचायत चुनाव संपन्न होने तक उनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई पुलिस कार्रवाई ना हो सके.
कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली राहत
याचिकाकर्ताओं ने कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कुड़मी समुदाय के उम्मीदवारों को राहत प्रदान की है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 15 जुलाई तक पुलिस इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पायेगी. हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वह जहां भी रहेंगे, इसकी जानकारी स्थानीय थाने को देंगे.
कुड़मियों पर लगा था हमले का आरोप
गौरतलब है कि पिछले मई में अभिषेक के नवज्वार कार्यक्रम के दौरान उनके काफिले पर हमले का आरोप कुड़मियों पर लगा था. उस घटना में राज्य की मंत्री और आदिवासी नेता बीरबाहा हांसदा की भी गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई थी. उस वक्त तृणमूल महासचिव ने हमलावरों को चेतावनी देते हुए कहा था कि मैंने ऐसा करने वाले सभी लोगों की पहचान कर ली है. प्रशासन भी चिह्नित कर कार्रवाई करेगा. इसके बाद कुछ कुड़मी नेताओं को कथित तौर पर पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. इसलिए उन्होंने फिर से गिरफ्तारी से बचने के लिए हाइकोर्ट का रूख किया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट से अमिनुल हसन को भी राहत
मुर्शिदाबाद के जिला कांग्रेस के अध्यक्ष अमिनुल हसन को भी कलकत्ता हाईकोर्ट से राहत मिली है. अमिनुल हसन के खिलाफ इसलामपुर थाने में दो मामले दर्ज किये गये हैं. उन्होंने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाइकोर्ट का रूख किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने 15 जुलाई तक राहत प्रदान की है. हाइकोर्ट ने कहा कि इन दो मामलों के अलावा किसी नये मामले में भी याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पायेगी.