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गढ़वा में तेंदुआ का आंतक जारी, दहशत में हैं 100 गांवों के ग्रामीण, वन विभाग और शूटर को लगातार मिल रही चुनौती

गढ़वा में तेंदुआ का आंतक लगातार जारी है. 37वें दिन चिनिया प्रखंड में तेंदुआ ने दो बकरियों को मारा, जबकि तीसरे को घायल कर दिया. बताया गया कि आदमखोर तेंदुआ लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है. इससे वन विभाग और शूटर नवाब शफत अली खान को चुनौती मिल रही है.

गढ़वा, विनोद पाठक/महमूद अंसारी : गढ़वा जिले में तेंदुआ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. तेंदुआ ने अबतक तीन बच्चे समेत करीब एक दर्जन पशुओं को मार चुका है. इसके कारण पिछले 37 दिनों से भंडरिया, रमकंडा, रंका एवं चिनिया प्रखंड के करीब 100 गांवों की आबादी दहशत के साये में जी रहे हैं. तेंदुआ किस क्षेत्र में और कब हमला कर देगा, इस डर से ग्रामीण हर वक्त रहते हैं. वन विभाग ने तेंदुआ को मारने या कैद करने के लिए हैदराबाद से चर्चित शूटर नवाब शफत अली खान को बुलाया है. नबाब शफत अली के नेतृत्व मे सात सदस्यीय टीम के साथ स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से तेंदुआ को बेहोश कर पकड़ने के लिए लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं, लेकिन अभी तक शूटर टीम को तेंदुआ को पकड़ने में सफलता नहीं मिल पायी है.

गुरुवार को तेंदुआ ने फिर पशुओं को बनाया निशाना

इधर, तेंदुआ हर दिन शूटर टीम को चकमा देकर कोई न कोई शिकार कर ले रहा है या किसानों के पशुओं को नुकसान पहुंचा रहा है. हद तो तब हो गयी, जब गुरुवार को दिन-दहाड़े तेंदुए ने सभी को चकमा देते हुए एक किसान की दो बकरियों को मार डाला और एक बकरी को घायल कर दिया. इसके कारण ग्रामीणों में चर्चा है कि चूहे-बिल्ली का खेल कितना दिनों तक चलेगा, यह अनुमान लगा पाना मुश्किल हो रहा है. इसके कारण वे भय के साये में जीने के लिए विवश हैं.

एक महीने से ग्रामीणों की बिगड़ गयी है दिनचर्या

तेंदुआ के लगातार इस क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज की जा रही है. हैदराबाद से आये शूटर टीम भी इसकी न सिर्फ पुष्टि की है, बल्कि कई बार उसका तेंदुआ से सामना भी हो चुका है. शूटर नबाब अली के मुताबिक, उनके ट्रेंकुलाइज गन से दूरी अधिक होने के कारण वे ट्रेंकुलाइज कर पाने में सफल नहीं हो पाये हैं. तेंदुआ के इस लगातार हमले और क्षेत्र में दिखाई देने से ग्रामीणों की दिनचर्या पूरी तरह से बिगड़ चुकी है. पिछले एक माह से ग्रामीण सुबह-शाम सब काम छोड़कर तेंदुआ से हमले से अपने बच्चों और पशुओें को बचाने के लिए टीम बनाकर पहरेदारी कर रहे हैं. अब तो ग्रामीण जंगल जाना भी छोड़ चुके हैं, जो उनकी जीवनरेखा है. तेंदुआ के दहशत से इस इलाके के बच्चों ने भी स्कूल जाना छोड़ दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति कबतक बनी रहेगी, कह पाना मुश्किल है.

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दिन-दहाड़े किसान के दो बकरियों को मार डाला

चिनिया वनक्षेत्र के केलहा-झरिया गांव में गुरुवार को तेंदुआ ने हमला किया था. सुबह करीब नौ बजे झरिया निवासी बुद्धि नारायण सिंह की तीन बकरी पर हमला कर दो बकरियों को मार डाला और एक को घायल कर दिया. इसकी जानकारी देते हुए बुद्धि नारायण सिंह ने कहा कि वह आमदिनों की तरह बकरियों को अपने घर के पास खेतों में चरने के लिए रस्सी में बांधकर रखा था. इसी दौरान जंगल से निकल कर एक जंगली जानवर बकरा और एक बकरी को गर्दन दबाकर मार डाला. एक अन्य बकरी पर हमला कर उसको भी मार रहा था, इसी बीच जंगली जानवर को देखकर शोर मचाया, तो उसे घायल अवस्था में ही छोड़कर जंगल की ओर भाग गया. लेकिन, भागने के पूर्व उसे लगा कि वह जानवर उसी पर हमला कर देगा. लेकिन उसे हल्ला किये जाने पर वह नजदीक के जंगल में भाग गया. हल्ला सुनकर जुटे ग्रामीणों ने जंगली जानवर के हमले के तरीके को देखकर बताया कि यह आदमखोर तेंदुआ का ही काम है. ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रभारी वनपाल अनिमेष कुमार को दी. इसके बाद वनपाल अनिमेष कुमार ने केलहा झरिया गांव घटना स्थल पर पहुंचकर जायजा लिया. उन्होंने मरी हुई बकरी को देखकर कहा कि वन विभाग से प्रावधानों के अनुसार इसका मुआवजा दिलाया जायेगा.

तेंदुए ने बढ़ाया अधिकार क्षेत्र, वन विभाग परेशान

तेंदुआ ने सबसे पहले 14 दिसंबर, 2022 को भंडरिया के रोदो गांव में एक बच्चा को मार डाला था. इसके बाद 19 दिसंबर, 2022 को रंका थाना के सेवाडीह में भी एक छह साल की बच्ची को मार डाला था. इसके बाद से लगातार वह भंडरिया और रमकंडा के जंगलों में लगातार देखा जा रहा था. इसी दौरान वह 28 दिसंबर, 2022 की शाम में रमकंडा थाना के बलिगढ़ पंचायत के कुशवार गांव में हमला कर हरेंद्र घासी नामक बच्चे को मार डाला. इसके बाद गढ़वा जिले से सटे लातेहार जिला के बरवाडीह प्रखंड में भी एक बच्चे को तेंदुआ ने मार डाला. लगातार इस क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए की सक्रियतता इसको देखते हुये वन विभाग द्वारा इसी इलाके को केंद्रीत कर 50 ट्रेपिंग कमरे और विभिन्न जगह पर केज भी लगाये हैं. तेंदुआ को लालच देने के लिये केज में शिकार के रूप में सूकर और बकरी को बांधकर रखा गया है. लेकिन, तेंदुआ बावजूद वन विभाग की पकड़ में नही आ पाया है. अब तेंदुआ के रमकंडा-भंडरिया इलाके से करीब 50 किमी दूर चिनिया क्षेत्र में देखे जाने से वन विभाग परेशान हो गया है. बार-बार उसका क्षेत्र बदले जाने से उसके पकड़ने के लिये प्रयासरत शूटर टीम भी सकते में हैं.

अपना अधिकार क्षेत्र विकसित कर रहा है आदमखोर तेंदुआ : डीएफओ

उतरी वन प्रमंडल पदाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि आदमखोर तेंदुए के एक्शन से स्पष्ट हो रहा है कि वह अपना अधिकार क्षेत्र विकसित कर रहा है. उस अधिकार क्षेत्र में चिनिया, रंका, रमकंडा और भंडरिया प्रखंड शामिल है. फिलहाल चिनिया में हमले की खबर आने के बाद घटनास्थल केलहा झरिया में 10 ट्रैपिंग कमरे लगाये गये हैं. 16 जनवरी, 2023 तक उसका अंतिम मूवमेंट दिखा था. इसके बाद तीन दिनों तक ट्रेसलेश हो गया था. फिर 19 जनवरी, 2023 को चिनिया थाना क्षेत्र में उसकी उपस्थिति की जानकारी मिल रही है. तेंदुओ को पकड़ने के प्रयास के अलावे ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है.

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