हिरणपुर(पाकुड़): भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर हिरणपुर के युवाओं ने तैयारी पूरी कर ली है. जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की विधि विधान के साथ पूजा होगी. इसके बाद रथयात्रा पूरे नगर भ्रमण कर आठ दिनों तक मौसीबाड़ी में रखा जायेगा. आपको बताते चलें कि हिरणपुर में पिछले करीब 7 दशकों से निरंतर रथयात्रा निकाली जाती है. यहां सुंदरपुर गांव में प्रभात सेन अपने घर से विधि-विधान के साथ रथयात्रा की शुरुआत की थी. इसके बाद इनके पुत्र देवेंद्र नाथ सेन ने रथयात्रा निकाल कर नगर भ्रमण की परंपरा बरकरार रखा. इनका देहांत हो जाने के बाद वर्तमान में पुत्र दीनू सेन अपने घर से वर्षों में रथयात्रा निकालते हैं.
नेत्रदान के बाद हुए भगवान जगन्नाथ के दर्शन
रथयात्रा को लेकर हिरणपुर समेत आसपास के श्रद्धालु भरपूर सहयोग करते हैं. इस वर्ष भव्य रथयात्रा को लेकर आकाश भगत, मोहन दे, अमित रक्षित, पंकज रक्षित, चंदन भगत, विकास दास, राजेश हेंब्रम आदि ने सहयोग राशि संग्रह में अपनी भूमिका निभाई है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 16 दिनों के बाद सोमवार को भगवान जगन्नाथ अज्ञातवास से बाहर आये हैं. इसके साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के भव्य कार्यक्रमों की शुरुआत होती है. रथयात्रा का प्रथम शुभ कार्य भगवान का नेत्रदान है. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सोमवार को भगवान जगन्नाथ का नेत्र उत्सव सम्पन्न किया जाता है. इसके बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के नव रूप का दर्शन कराया जाता है.
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भगवान क्यों चले गये थे अज्ञातवास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन अत्यधिक स्नान के कारण प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं बहन सुभद्रा बीमार हो जाते हैं. इसके बाद मंदिर के अणसर गृह में देसी नुस्खों के साथ उनका उपचार किया जाता है. इस उपचार से प्रभु जगन्नाथ स्वस्थ हो जाते हैं और फिर भक्तों को दर्शन देते हैं. नेत्र उत्सव के दिन ही भगवान पूरी तरह से स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देते हैं. नेत्र उत्सव संपन्न होने के पश्चात मंगलवार को प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की भव्य रथयात्रा के लिए प्रस्थान करेगी.
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