माफिया अतीक अहमद के चौथे बेटे एहजम 4 अक्टूबर को 18 साल की उम्र पूरा कर लिया है. इसके बाद से उसे प्रयागराज के राजरूपपुर स्थित बाल सुधार गृह से बाहर निकालने की तैयारी चल रही है. फिलहाल अहजम का छोटा भाई नाबिलग है. इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. उमेश पाल हत्याकांड में अहजम अहमद का भी नाम सामने आया था. वकील खान सौलत हनीफ ने खुद अपने बयान में पुलिस को बताया था कि एहजम ने ही सभी शूटरों और अतीक व अशरफ के मोबाइल नंबर पर फेसटाइम एप के जरिए आइडी बनाकर बात कराई थी. बाल कल्याण समिति की होने वाली बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि उसे बाहर कब निकाला जाएगा? यदि बाहर भी निकाला जाएगा तो उसे किस जेल में रखा जाएगा या कहीं और रखा जाएगा यह निर्णय पुलिस प्रशासन की ओर से लिया जाएगा.
माफिया अतीक की बहन शाहीन अहमद ने अपने भतीजों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. शाहीन ने याचिका दायर कर बताया था कि दोनों बच्चे अब सुधार गृह में नहीं रहना चाहते हैं. कोर्ट ने एक स्वतंत्र वकील के जरिए दोनों का बयान भी दर्ज कराया था. CWC के चेयरमैन अखिलेश मिश्र के अवकाश पर होने के चलते अभी निर्णय नहीं लिया जा सका है. लेकिन इसी सप्ताह बैठक में तय होगा कि 18 वर्ष पूरे होने पर एहजम को कब निकाला जाएगा.
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गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के तीसरे नंबर का बेटा असद अहमद फरार हो गया था. बड़ा बेटा उमर और अली दोनों लखनऊ और प्रयागराज के नैनी जेल में पहले से ही बंद हैं. उमेश पाल की हत्या के बाद से उसके दोनों नाबालिग बेटे एहजम और अबान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन ने कोर्ट में अर्जी लगाकर अपने दोनों नाबालिग बेटों के बारे में जानकारी मांगी थी. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने हलफनामा देकर बताया कि वह दोनों बेटे 02 मार्च को कसारी मसारी इलाके मे लावारिस स्थिति में मिले थे. ऐसे में दोनों को राजकीय बाल सुधार गृह में रखा गया है. उसके बाद से दोनों बेटों को राजरूपपुर के बाल सुधार गृह में रखा गया था.