25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महात्मा गांधी के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन का है झारखंड कनेक्शन, रामगढ़ से जुड़ी हैं बापू की यादें

Gandhi Jayanti 2022: रामगढ़ की धरती पर 1940 में कांग्रेस का 53वां अधिवेशन हुआ था. 18 से 20 मार्च तक. इस अधिवेशन में भाग लेने के लिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के साथ महात्मा गांधी भी रामगढ़ आये थे.

Gandhi Jayanti 2022: पूरे देश में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनायी जाती है. महात्मा गांधी की याद में दिल्ली में राजघाट, तो अहमदाबाद में साबरमती आश्रम बना है. सभी जानना चाहते हैं कि झारखंड में क्या है? झारखंड से बापू की कई यादें जुड़ी हैं. कई बार बापू ने अविभाजित बिहार के झारखंड क्षेत्र का दौरा किया था. कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की रणनीति बनी, तो चंपारण सत्याग्रह की पृष्ठभूमि झारखंड क्षेत्र में ही बनी. रांची से सटे रामगढ़ में भी बापू से जुड़ी कई यादें हैं, लेकिन उन्हें कभी सहेजने की गंभीर कोशिश नहीं हुई. फिर भी कुछ ऐसी जगहें हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि बापू यहां आये थे. उनके बारे में सभी को जानना चाहिए.

1940 में रामगढ़ की धरती पर हुआ था कांग्रेस का अधिवेशन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रामगढ़ आगमन के कई निशान अब भी मौजूद हैं, लेकिन आने वाली पीढ़ियां उसके बारे में जान सके, ऐसा कोई प्रयास अब तक नहीं हुआ है. रामगढ़ की धरती पर 1940 में कांग्रेस का 53वां अधिवेशन हुआ था. 18 से 20 मार्च तक. इस अधिवेशन में भाग लेने के लिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के साथ महात्मा गांधी भी रामगढ़ आये थे. अधिवेशन में शामिल बड़े नेताओं में पंडित जवाहर लाल नेहरू, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरोजिनी नायडू, खुदाई खिगमतगार खान अब्दुल गफ्फार खान, अनुग्रह नारायण सिंह और डॉ श्रीकृष्ण सिंह शामिल थे.

Also Read: भारत छोड़ो आंदोलन : आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे झारखंड के आनंदी साव, महात्मा गांधी से था कनेक्शन रामगढ़ में पड़ी थी ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन की नींव

इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो (Quit India Movement) का नारा देते हुए भारत छोड़ो आंदोलन की नींव डाली थी. दामोदर नद के किनारे उबड़खाबड़ जमीन को समतल करके अधिवेशन के लायक बनाया गया था. महात्मा गांधी के अधिवेशन के समानांतर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी इसी समय समझौता विरोधी अधिवेशन रामगढ़ में किया था. कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी़ इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने पर्दा प्रथा, छुआछूत, अशिक्षा, अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई छेड़ने की अपील की थी.

Undefined
महात्मा गांधी के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन का है झारखंड कनेक्शन, रामगढ़ से जुड़ी हैं बापू की यादें 4
आप ग्रामीण जनता को यह दिखा सकते हैं कि उनके पास जो कला है, उस पर हवाई बमबाजी का भी कोई असर नहीं होगा. अभी ग्रामवासी अपनी उन निधियों से अनभिज्ञ हैं. उनमें से अधिक लूट लिये गये हैं. शेष संपत्ति परायी है. हमें उनमें उन निधियों की चेतना जगानी है. उनके सामने से अज्ञान तथा अंधकार दूर करना है. इन प्रदर्शनियों का यही उद्देश्य है.
खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में महात्मा गांधी का भाषण
अधिवेशन की जगह रामगढ़ छावनी के सिख रेजिमेंटल सेंटर का मुख्यालय

कांग्रेस का अधिवेशन जिस जगह हुआ था, अब उस जगह पर रामगढ़ छावनी के सिख रेजिमेंटल सेंटर का मुख्यालय है. पूरे क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिकोण से सैनिक छावनी में शामिल कर लिया गया है. यह क्षेत्र पूर्व में राजेंद्र पार्क के नाम से मशहूर था. यहां पर कांग्रेस अधिवेशन की याद में एक अशोक स्तंभ स्थापित है. छावनी परिषद की ओर से पहले यहां झंडोत्तोलन किया जाता था. आम लोगों को भी वहां जाने की अनुमति थी. अब यहां आम लोगों के जाने पर रोक लग गयी है.

महात्मा गांधी की यादों को सहेजने के लिए कुछ नहीं किया गया

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की यादों को सहेजने के लिए अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक की ओर से रामगढ़ में दो बार राष्ट्रीय अधिवेश का आयोजन किया गया. पहली बार रामगढ़ के भुरकुंडा चौक का नामकरण सुभाष चौक करते हुए छोटी प्रतिमा स्थापित की गयी. दूसरी बार सुभाष चौक पर आदमकद प्रतिमा लगायी गयी. हालांकि, दो-तीन बार कांग्रेस ने भी कार्यक्रम आयोजित किये, लेकिन महान नेताओं की यादों को सहेजने के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया.

Also Read: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बोकारो के करमाटांड से रहा है नाता, कांग्रेस ने शुरू की गौरव यात्रा झारखंड गठन के बाद रामगढ़ में बना गांधी चौक

झारखंड बनने के बाद रामगढ़ के पूर्व उपायुक्त स्व गणेश प्रसाद की पहल पर थाना चौक का नाम गांधी चौक कर दिया गया. यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गयी. इसके अलावा कोई ऐसा प्रयास नहीं किया गया, जिससे आने वाली पीढ़ी को उस ऐतिहासिक अधिवेशन या उसमें शामिल होने वाले नेताओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके.

Undefined
महात्मा गांधी के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन का है झारखंड कनेक्शन, रामगढ़ से जुड़ी हैं बापू की यादें 5
दामोदर नद के किनारे महात्मा गांधी की समाधि

महात्मा गांधी की समाधि रामगढ़ में दामोदर नद के किनारे मुक्तिधाम में स्थापित है. महात्मा गांधी के निधन के बाद पूरे देश में उनके अस्थि कलश को घुमाया गया था. साथ ही देश की विभिन्न नद व नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की गयीं थीं. रामगढ़ में भी उनका अस्थि कलश लाया गया था. दामोदर नद में उनकी अस्थियां प्रवाहित की गयीं थीं. इसलिए यहां बापू की समाधि बनायी गयी. समाधि स्थल पर महात्मा गांधी की जयंती व पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. कार्यक्रम मुक्तिधाम संस्था की ओर से आयोजित होते हैं. इसमें बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अलावा आम लोग भी जुटते हैं.

बाबू रामनारायण सिंह को गांधी ने यहीं दी ‘छोटानगपुर केसरी’ की उपाधि

रामगढ़ अधिवेशन (1940) में ही महात्मा गांधी ने चतरा के बाबू रामनारायण सिंह को ‘छोटानागपुर केसरी’ की उपाधि दी थी. आजादी के बाद बाबू रामनारायण सिंह संसद के लिए चुने गये. बाबू रामनारायण सिंह की रामगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन आयोजित करवाने में अहम भूमिका थी. रामगढ़ अधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ श्रीकृष्ण सिंह व डॉ सैयद मुहम्मद, महासचिव अनुग्रह नारायण सिंह तथा सदस्य के रूप में अंबिका कांत सिंह थे. अधिवेशन प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह सोढ़ी थे.

Undefined
महात्मा गांधी के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन का है झारखंड कनेक्शन, रामगढ़ से जुड़ी हैं बापू की यादें 6
बापू ने रामगढ़ में किया खादी और ग्राम उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन

14 मार्च को गांधीजी नें रामगढ़ में खादी और ग्राम उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘आप ग्रामीण जनता को यह दिखा सकते हैं कि उनके पास जो कला है, उस पर हवाई बमबाजी का भी कोई असर नहीं होगा. अभी ग्रामवासी अपनी उन निधियों से अनभिज्ञ हैं. उनमें से अधिक लूट लिये गये हैं. शेष संपत्ति परायी है. हमें उनमें उन निधियों की चेतना जगानी है. उनके सामने से अज्ञान तथा अंधकार दूर करना है. इन प्रदर्शनियों का यही उद्देश्य है.’

रिपोर्ट- नीरज अमिताभ, रामगढ़, झारखंड

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें