पश्चिम बंगाल की तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर तृणमूल से निष्कासित सांसद महुआ मोइत्रा को कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद भी उन्होंने सरकारी बंगला खाली नहीं किया. इस बार उन्हें केंद्र के संपदा निदेशालय (डीओई) की तरफ से महुआ मोइत्रा को एक नोटिस मिला है. जिसमें कहा गया कि उन्हें सरकारी आवास खाली करना होगा. अगर उन्होंने जल्द से जल्द इस बंगले को खाली नहीं किया तो इसे उनसे जबरदस्ती खाली करवाया जाएगा. गौरतलब है कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को 7 जनवरी तक सरकारी आवास खाली करना था लेकिन उन्होंने उसे खाली नहीं किया.
8 दिसंबर को महुआ मोइत्रा का सांसद पद से हटा दिया गया था . उन्हें 7 जनवरी तक दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया था. लेकिन महुआ मोइत्रा ने ऐसा नहीं किया था. 8 जनवरी को डीओई ने महुआ को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर बंगला खाली करने का निर्देश दिया. लेकिन उन्होंने अभी तक बंगला खाली नहीं किया है. पूर्व तृणमूल सांसद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली हाई कोर्ट के मुताबिक महुआ को डीओई में अपील करनी होगी. इसी बीच मंगलवार को फिर से महुआ के पास नोटिस भेजा गया है. जिसके अनुसार उन्हें तुरंत बंगला खाली करने का निर्देश है.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महुआ मोइत्रा के खिलाफ मंगलवार को बेदखली का नोटिस जारी किया गया था. इस बार डीईओ अधिकारियों की एक टीम वहां भेजी जाएगी, ताकि जल्द से जल्द सरकारी बंगला खाली कराया जा सके. केंद्र सरकार ने दावा किया कि महुआ को यह साबित करने का पर्याप्त अवसर दिया गया. इसलिए माना जा रहा है कि पत्र में महुआ को बंगला खाली करने के लिए ‘अंतिम’ पत्र जारी किया गया है.
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2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद महुआ दिल्ली स्थित बंगला खाली करना चाहती थीं. इसे लेकर उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. महुआ के वकील ने कहा कि अगर उनके मुवक्किल को संबंधित अवधि के लिए बंगले में रहने की अनुमति दी जाती है, तो वह विस्तारित अवधि के लिए लागू किसी भी खर्च का भुगतान करने के लिए तैयार हैं.उस आवेदन के मद्देनजर न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि सरकारी आवास में रहने के लिए आवेदन डीओई को करना होगा. केंद्र सरकार को इस संबंध में कानून के मुताबिक फैसला लेना है. कोर्ट कुछ नहीं करेगा. इसके बाद महुआ के वकील ने केस वापस ले लिया.