मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में लगने वाले मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. इस बार होने वाले मेले में खास तरह की तैयारी की जा रही है. यहां लाइटें लगाने के साथ ही साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. स्वच्छ भारत मिशन नगरीय से प्रेरित होकर मेले में ‘से नो टू पॉलीथीन’ थीम पर व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए नगर निगम पर्याप्त व्यवस्थाओं के साथ ही कर्मचारियों की तैनाती भी करेगा. अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने बताया कि मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए पॉलीथीन बैग पर रोक लगाने के साथ ही कपड़े का थैला उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही श्रद्धालुओं को 3 आर के सिद्धान्त की जानकारी देने के लिए कैंप कार्यालय पर व्यवस्था की जा रही है. इससे जरूरतमंदों को ठंड के मौसम में उनके जरूरत का सामान मिल जाएगा. 3 आर के सिद्धान्त की जानकारी के लिए बड़े-बड़े ड्रम का प्रयोग किया जाएगा. इस पर पर कचरे का प्रकार और श्रेणी को चित्रों के माध्यम से दिखाने की तैयारी है.
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अपर नगर आयुक्त ने श्रद्वालुओं से अपील की है कि आप सभी लोग जब गोरखनाथ मंदिर आएं तो पॉलीथीन में खिचड़ी का चावल न लाएं, बल्कि जूट या कपड़े के थैले में ही खिचड़ी चढ़ाने के लिए चावल ले आएं. पूरे मंदिर परिसर को नो पॉलीथीन जोन घोषित किया गया है. परिसर में पॉलीथीन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसी तरह मंदिर परिसर में जीरो वेस्ट खिचड़ी मेले का आयोजन करने के लिए हरे-नीले कचरा पात्र को स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अपना कचरा इन्हीं डस्टबिनों में डाले और परिसर को कूड़ा मुक्त रखें. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि मेला क्षेत्र में सभी जगह संदेश वाले बोर्ड लगाए जा रहे हैं. ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो.
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बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की रात के वक्त खूबसूरती और बढ़ने वाली है. पर्यटन विभाग गोरखनाथ मंदिर को तीन करोड़ रुपए की लागत से फसाड लाइटें लगवाकर जगमग करने की तैयारी में जुट गया है. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग इस कवायद में जुटा है. इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने जिले के 10 से अधिक मंदिरों का भी सुंदरीकरण होगा. मार्च तक इन कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य है. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए जिले के प्राचीन मंदिरों में पर्यटन सुविधाओं से संबंधित काम किए जाएंगे. इसमें गोरखनाथ मंदिर, जिला कारागार स्थित प्राचीन शिव मंदिर सहित दर्जनभर मंदिर शामिल हैं. इन सभी प्रस्तावों को शासन से स्वीकृति मिल गई है. जिन योजनाओं को स्वीकृति मिली है उनमें सबसे प्रमुख गोरखनाथ मंदिर में तीन करोड़ रुपये से फसाड लाइटें लगाई जाएंगी. इस कार्य को मकर संक्रांति से पहले पूरा करने का लक्ष्य है. इसके अलावा गांगुली टोला बशारतपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में 39 लाख रुपये की लागत यात्री हॉल, स्टोन बेंच, टॉयलेट ब्लॉक, इंटरलॉकिंग आदि पर्यटन सुविधाओं से संबंधित काम कराए जाएंगे.
39 लाख रुपए की लागत से घासीकटरा स्थित कबीर आश्रम का जीर्णोंद्धार कार्य के साथ ही टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण कराया जाना है. 72 लाख से जिला कारागार स्थित प्राचीन शिव मंदिर में संत निवास, यात्री निवास, स्टोन बेंच, बाउंड्रीवाल आदि काम कराए जाएंगे. इन सभी कार्यों को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा सिविल लाइंस में गौरव संग्रहालय के लिए भी बजट स्वीकृत हो गया है. वहीं क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि गोरखपुर जिले में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राचीन मंदिरों में पर्यटन सुविधाओं से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है. इन सभी कार्यों को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.