कोलकाताः पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के ढाई महीने बाद एक बार फिर चुनाव पर राजनीति गर्म हो गयी है. प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बार-बार बंगाल की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की मांग चुनाव आयोग से कर रही है. वहीं, विपक्षी दल स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराने के लिए ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथ ले रही हैं.
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि 15 जुलाई (शुक्रवार) को पार्टी का एक दल केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा और एक ज्ञापन सौंपेगा. इसमें मांग की जायेगी कि बंगाल विधानसभा की 7 सीटों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराये जायें. तृणमूल का कहना है कि उपचुनाव नहीं होने की वजह से इन क्षेत्रों में कोई जनप्रतिनिधि नहीं है और इसकी वजह से वहां विकास कार्य बाधित हैं.
ममता बनर्जी की पार्टी की इस दलील पर विरोधी दलों ने हल्ला बोल दिया है. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा वाममोर्चा ने भी ममता बनर्जी और उनकी पार्टी से सवाल पूछे हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव की इतनी जल्दी क्यों है. तृणमूल कांग्रेस उपचुनाव कराना चाहती है, क्योंकि ममता बनर्जी खुद चुनाव हार चुकी हैं और उनका विधायक बनना जरूरी है.
श्री अधिकारी ने कहा कि भाजपा ने गैर-विधायक को मुख्यमंत्री बनाया था. कोरोना संकट के बीच उपचुनाव की स्थिति नहीं बनी, तो नये मुख्यमंत्री को वहां शपथ दिलाया गया, जो विधायक है. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को उपचुनाव कराने की जल्दी है, लेकिन कई सालों से प्रदेश के नगर निकायों के चुनाव नहीं हुए हैं, उसके बारे में ममता बनर्जी कुछ नहीं कहतीं. सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए ममता को चुनाव कराने की जल्दी है.
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सुजन चक्रवर्ती ने ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शहरी विकास मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने बंगाल के नगर निकायों में कई साल से लंबित चुनावों को जल्द से जल्द कराने की मांग की है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा है कि जिस तरह से क्षेत्र के विकास के लिए विधानसभा के उपचुनाव जरूरी हैं, उसी तरह निगम और नगरपालिका के चुनाव भी जरूरी हैं.
शुभेंदु अधिकारी ने जल्द से जल्द विधानसभा उपचुनाव कराने की मांग करने के लिए ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि बंगाल में कई साल से नगर निकाय के चुनाव नहीं हुए हैं. छात्र संघों के चुनाव तीन-चार साल से लंबित हैं. उसके बारे में कोई बात नहीं होती. एक ऐसे व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, जो विधानसभा चुनाव हार चुका है. एक तरफ तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र का गला घोंट रही है और वही दूसरी तरफ लोकतंत्र की दुहाई दे रही है. यह सरकार हर संस्था पर अपना कब्जा चाहती है.
Posted By: Mithilesh Jha