Bareilly News: राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथिलेश अग्रवाल के समक्ष बरेली की महिलाओं ने दर्द बयां किया. महिलाओं ने दहेज उत्पीड़न से जुड़े मामलों की शिकायत की. इसके साथ ही एक महिला ने मानसिक रूप से कमजोर बच्चे के जन्म पर घर से निकाले जाने की बात बताई. महिला आयोग की सदस्य ने अधिकारियों से फरियादी महिलाओं की समस्याओं के तुरंत समाधान करने की बात कही.
दरअसल, सर्किट हाउस में बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य ने महिलाओं की समस्याओं को सुना. इस दौरान बहेड़ी की एक महिला अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे को लेकर पहुंची. महिला ने बताया कि वर्ष 2019 में बहेड़ी के एक युवक से शादी हुई थी. पति शादी के बाद से दहेज कम देने के कारण पीटने लगा. इससे वह तनाव में रहती थी. करीब डेढ़ साल पहले बेटा हुआ जो मानसिक रूप से कमजोर है. तब से जुल्म बढ़ा दिए. उसने 25 अक्टूबर को मारपीट कर घर से निकाल दिया.
शहर के क्योलड़िया के एक दिव्यांग दंपती अपनी बेटी को लेकर पहुंचे. उन्होंने बताया कि बेटी बोल नहीं पाती है. पांच साल पहले बेटी के साथ एक युवक ने दुष्कर्म किया था. वह जेल गया और कुछ दिन बाद ही छूटकर आ गया. अब वह दोबारा परेशान कर रहा है. इसी तरह एक युवक ने अपनी आठ साल की बेटी के साथ दुष्कर्म किए जाने की शिकायत की. इसके अलावा घरेलू हिंसा, मारपीट, इंटरनेट मीडिया उत्पीड़न के करीब 17 मामले आयोग की सदस्य ने सुने.
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इसके अलावा महिला आयोग की सदस्या ने छात्राओं को जागरूक होकर सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने को प्रेरित किया. उन्होंने महिलाओं एवं बालिकाओं के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की. इस दौरान एडीएम सिटी डॉ. आरडी पांडेय, एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार, कार्यक्रम अधिकारी दीनानाथ द्विवेदी, डॉ. स्वदेश कुमारी, प्रीत परमार, सोनम शर्मा आदि मौजूद रहे.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद