Jharkhand News: गढ़वा जिले में पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. इन मजदूरों को सौ दिन रोजगार देने के मामले में पूरे जिले की स्थिति चिंताजनक है, जबकि यहां योजनाओं की भरमार पड़ी है. रिपोर्ट के अनुसार जिले के 20 प्रखंडों में 3.98 लाख परिवारों में 6.53 लाख मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं, लेकिन वित्तीय 2021-22 में अब तक महज 2947 परिवारों को ही सौ दिन रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
मनरेगा में सौ दिन रोजगार पाने वालों में अनुसूचित जाति के 407, अनुसूचित जनजाति के 348 व सामान्य श्रेणी के 2192 परिवार शामिल हैं, जबकि मनरेगा प्रावधानों के अनुसार पंजीकृत प्रत्येक मजदूरों को सौ दिन रोजगार उपलब्ध कराया जाना है, लेकिन बरडीहा में 40, बड़गड़ में 39, भंडरिया में 42, भवनाथपुर में 76, विशुनपुरा में 19, चिनिया में 316, डंडा में 51, डंडई में 170, धुरकी में 104, गढ़वा में 268, कांडी में 225, केतार में 145, खरौंधी में 248, मझिआंव में 79, मेराल में 228, नगरउंटारी में 153, रमकंडा में 188, रमना में 352, रंका में 192 व सगमा में 12 परिवारों को ही अब तक सौ दिन रोजगार दिया गया है.
गढ़वा जिले में 3.98 लाख परिवारों के अधीन 6.53 लाख मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं. इनमें अनुसूचित जाति के करीब 52 हजार, अनुसूचित जनजाति के 38 हजार व सामान्य श्रेणी के 2.47 लाख परिवार शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले के सभी श्रेणी के करीब 2.09 लाख परिवारों के अधीन 2.96 लाख मजदूरों ने काम की मांग की. इसके एवज में विभाग ने 1.85 लाख परिवारों के 2.53 लाख मनरेगा मजदूरों को मनरेगा योजनाओं में रोजगार उपलब्ध करा पाया है. इसके एवज में अब तक 84.60 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है.
गढ़वा जिले के करीब 45 हजार मजदूरों को ही 50-99 दिन तक रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इनमें बरडीहा में 301, बड़गड़ में 926, भंडरिया में 291, भवनाथपुर में 529, विसुनपुरा में 217, चिनिया में 2868, डंडा में 316, डंडई में 2969, धुरकी में 805, गढ़वा में 8843, कांडी में 2704, केतार में 999, खरौंधी में 2506, मझिआंव में 634, मेराल में 3373, नगरउंटारी में 666, रमकंडा में 3867, रमना में 1169, रंका में 11344 व सगमा में 211 मजदूर शामिल हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक 2.07 लाख मनरेगा मजदूरों को 50 दिन से कम रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इनमें बरडीहा में 4414, बड़गड़ में 3537, भंडरिया में 4306, भवनाथपुर में 8629, विशुनपूरा में 3789, चिनिया में 7993, डंडा में 3728, डंडई में 16244, धुरकी में 9490, गढ़वा में 17735, कांडी में 10111, केतार में 8605, खरौंधी में 13508, मझिआंव में 6304, मेराल में 27269, नगरउंटारी में 12514, रमकंडा में 7890, रमना में 10559, रंका में 22948 व सगमा में 7963 मजदूर शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार जिले के सभी प्रखंडों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 20 हजार परिवारों के अधीन 29 हजार मनरेगा मजदूरों की संख्या बढ़ी है. इनमें बरडीहा में 695, बड़गड़ में 978, भंडरिया में 823, भवनाथपुर में 1563, विशुनपुरा में 576, चिनिया में 1013, डंडा में 213, डंडई में 2433, धुरकी में 848, गढ़वा में 4559, कांडी में 4021, केतार में 1410, खरौंधी में 1898, मझिआंव में 1116, मेराल में 1056, नगरउंटारी में 1118, रमकंडा में 1385, रमना में 826, रंका में 2159 व सगमा में 391 मजदूर शामिल हैं.
रिपोर्ट: विनोद पाठक/मुकेश तिवारी