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WB News : विधायक नौशाद सिद्दीकी ने जताई चिंता, कहा, ‘कालीघाटेर काकू’ की कभी भी हो सकती है हत्या

'कालीघाटेर काकू' को देख रहे मेडिकल बोर्ड की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसे लेकर ईडी ने कोर्ट में गहरी चिंता जताई है. उनका आरोप है कि एसएसकेएम अधिकारी वास्तव में आवाज के नमूने लेने से रोककर ईडी के काम और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल में ‘कालीघाटेर काकू‘ ( ‘Kalighater Kaku) उर्फ ​​सुजयकृष्ण भद्र का लेकर आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने चिंता जताते हुए कहा है कि काकू की कभी भी हत्या हो सकती है. ऐसे में उन्हें 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखने की जरुरत है. हालांकि उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. वहीं दूसरी ओर एसएसकेएम काकू के आवाज का नमूना संग्रह नहीं करने दे रहा है. ईडी ने अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठाए है. ईडी ने कहा कि इस प्रक्रिया में बेवजह देरी की जा रही है. सैंपल न लेने को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से दी जा रही दलीलें बेबुनियाद हैं. ‘कालीघाटेर काकू’ को देख रहे मेडिकल बोर्ड की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसे लेकर ईडी ने कोर्ट में गहरी चिंता जताई है. उनका आरोप है कि एसएसकेएम अधिकारी वास्तव में आवाज के नमूने लेने से रोककर ईडी के काम और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं.

केंद्रीय संस्था ने एसएसकेएम अस्पताल की भूमिका पर उठाए सवाल

पहले भी केंद्रीय संस्था ने एसएसकेएम अस्पताल की भूमिका पर सवाल उठाए थे. जब राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो जांच एजेंसी के अधिकारियों ने अस्पताल के फैसलों और बयानों पर सवाल उठाए. पार्थ को मेडिकल चेकअप के लिए भुवनेश्वर ले जाया गया. ‘काकू’ के मामले में भी यही संदेह जताया गया है. ईडी ने कोर्ट में एसएसकेएम की जगह ईएसआई अस्पताल की वकालत की. सीबीआई की विशेष अदालत ने निर्देश दिया कि ईएसआई अधिकारी एक मेडिकल बोर्ड बनाएंगे और जांच करेंगे कि क्या सुजॉय से आवाज के नमूने एकत्र करना संभव है.अस्पताल के डीन मेडिकल बोर्ड के गठन की निगरानी करेंगे.

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एसएसकेएम अधिकारियों के मुताबिक सुजॉय पर मानसिक दबाव

एसएसकेएम अधिकारियों के मुताबिक, सुजॉय पर मानसिक दबाव है. यदि आप गले की आवाज का नमूना लेंगे तो वह दबाव और भी बढ़ जाएगा. इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है. इसलिए सैंपल कलेक्शन के लिए हरी झंडी नहीं दी जा सकती है. तनाव संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए मनोचिकित्सकों से भी सलाह ली जा सकती है. ईडी अस्पताल की इस दलील को मानने को तैयार नहीं है.साथ ही वे इस प्रक्रिया को जल्द खत्म करना चाहते हैं. क्योंकि कोर्ट के आदेश के मुताबिक ईडी को भर्ती से जुड़े मामले की जांच चालू साल यानी अगले 31 दिसंबर तक पूरी करनी है. ‘कालीघाटर काकू’ की आवाज का नमूना न मिले, यह संभव नहीं है.

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जांच के दौरान ईडी को एक खास ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली

शिक्षक भर्ती मामले की जांच के दौरान ईडी को एक खास ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली है. दावा किया गया है कि वहां सुजॉय की आवाज सुनी गई थी.इसलिए सैंपल की तुलना सुजॉय की आवाज से की जाएगी. भर्ती मामले में फंसे सुजॉय का फिलहाल एसएसकेएम अस्पताल में इलाज चल रहा है.

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